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रोहतकः सरकार के एस्मा लगाने की घोषणा के बावजूद हड़ताल पर अड़े डॉक्टर्स, कहा, जेल भी जाने के लिए हैं तैयार

हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज ने डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए मंगलवार शाम को पूरे प्रदेश में एस्मा लगा दिया (ESMA in haryana) है. बावजूद इसके हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिज (एचसीएमएस) एसोसिएशन का कहना है कि हम सरकार के किसी धमकियों से डरने वाली नहीं है. दो दिन में अगर मांग पूरी ना हुई तो हम अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे.

Essential Services Maintenance Act haryana
डॉक्टर बुधवार को काम पर लौट आए हैं.
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Published : Jan 12, 2022, 3:40 PM IST

रोहतक: हरियाणा सरकार के एस्मा लगाने की घोषणा के बावजूद डाक्टर्स हड़ताल पर अड़ गए हैं. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिज (Haryana Civil Medical Services Association)) एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डा. जसबीर परमार का कहना है कि 14 जनवरी को हड़ताल का फैसला वापस नहीं (doctors strike in haryana) होगा. इसके लिए वे जेल जाने के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि एस्मा लगाकर सरकार उन्हें डराने का प्रयास कर रही है लेकिन वे सरकार की धमकी से डरने वाले नहीं हैं.

गौरतलब है कि हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिज (एचसीएमएस) एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर 14 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का ऐलान कर रखा है. जिसके तहत प्रदेश भर में इमरजेंसी, पोस्टमार्टम, लेबर रूम, कोरोना सेवा समेत सभी प्रकार की सेवाएं बंद करने का ऐलान किया गया है. हड़ताल की इस घोषणा के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एस्मा लगा दिया है. इसके तहत स्वास्थ्य कर्मचारियों के 6 माह तक किसी भी प्रकार के हड़ताल करने पर रोक लगा दी गई है.एसोसिएशन की प्रमुख मांग है कि प्रदेश भर मेें स्पेशलिस्ट डॉक्टर भर्ती किए जाएं, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगे और पुरानी पीजी पॉलिसी को बहाल किया जाए.

रोहतकः सरकार के एस्मा लगाने की घोषणा के बावजूद हड़ताल पर अड़े डॉक्टर्स, कहा, जेल भी जाने के लिए हैं तैयार

एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डा. जसबीर परमार का कहना है कि उनकी मांगें पिछले 2 साल से लंबित हैं. सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश भर में डाक्टर्स ने जी जान लगाकर काम किया लेकिन अब अपनी जायज मांगों के लिए ही उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है. हालांकि वे हड़ताल के पक्ष में नहीं हैं लेकिन सरकार ने उन्हें मजबूर कर दिया है. डा. परमार ने कहा कि डाक्टरों पर भारी बोझ है. इसलिए नए डाक्टरों की भर्ती होनी चाहिए.
ये भी पढ़ें-रोहतक PGI में 10 डॉक्टर मिले कोरोना पॉजिटिव, अब तक 86 हुए संक्रमित

क्या है डॉक्टरों की मांग: बता दें कि हरियाणा में सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का कैडर बनाने, पोस्ट ग्रेजुऐट डिग्री धारक डॉक्टरों की 40 फीसदी सीट आरक्षित करने, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाने की मांग (Doctors demand in Ambala) को लेकर मंगलवार को डॉक्टर हड़ताल पर हैं. डॉ. मुकेश कंधरा ने बताया कि इस बारे में दिसंबर महीने में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सभी डॉक्टरों को उनकी मांगों पर मुख्यमंत्री से मिलकर 31 दिसंबर तक हल करवाने का आश्वासन दिया था.

ये भी पढ़ें-डॉक्टरों की हड़ताल के बाद हरियाणा में ESMA लागू, 6 महीने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर लगा प्रतिबंध

सरकार ने डॉक्टरों की हड़ताल पर लगाया है प्रतिबंध: डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया और छह महीने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है. हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने ये आदेश जारी किए. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सारा देश कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहा है. ऐसे समय मे डॉक्टरों के एक समूह ने हड़ताल पर जाने की घोषणा करके इस लड़ाई में बाधा डाल दी इसलिए एस्मा लगाना (ESMA in haryana) पड़ा. अनिल विज ने कहा कि हमने जो इनकी मांगे थी वह हमने स्वीकार करके मुख्यमंत्री और अन्य विभागों के पास भेज दी. कल मुख्यमंत्री के साथ बैठक होने के बाद इसकी संवैधानिक मंजूरी दे दी गई जिसके बाद बातचीत के लिए एसीएस राजीव अरोड़ा 2 घंटे तक उनका इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आये. हमें लगता है इनके पीछे कोई है जो कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में विध्न डाल रहा है.
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रोहतक: हरियाणा सरकार के एस्मा लगाने की घोषणा के बावजूद डाक्टर्स हड़ताल पर अड़ गए हैं. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिज (Haryana Civil Medical Services Association)) एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डा. जसबीर परमार का कहना है कि 14 जनवरी को हड़ताल का फैसला वापस नहीं (doctors strike in haryana) होगा. इसके लिए वे जेल जाने के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि एस्मा लगाकर सरकार उन्हें डराने का प्रयास कर रही है लेकिन वे सरकार की धमकी से डरने वाले नहीं हैं.

गौरतलब है कि हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिज (एचसीएमएस) एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर 14 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का ऐलान कर रखा है. जिसके तहत प्रदेश भर में इमरजेंसी, पोस्टमार्टम, लेबर रूम, कोरोना सेवा समेत सभी प्रकार की सेवाएं बंद करने का ऐलान किया गया है. हड़ताल की इस घोषणा के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एस्मा लगा दिया है. इसके तहत स्वास्थ्य कर्मचारियों के 6 माह तक किसी भी प्रकार के हड़ताल करने पर रोक लगा दी गई है.एसोसिएशन की प्रमुख मांग है कि प्रदेश भर मेें स्पेशलिस्ट डॉक्टर भर्ती किए जाएं, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगे और पुरानी पीजी पॉलिसी को बहाल किया जाए.

रोहतकः सरकार के एस्मा लगाने की घोषणा के बावजूद हड़ताल पर अड़े डॉक्टर्स, कहा, जेल भी जाने के लिए हैं तैयार

एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डा. जसबीर परमार का कहना है कि उनकी मांगें पिछले 2 साल से लंबित हैं. सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश भर में डाक्टर्स ने जी जान लगाकर काम किया लेकिन अब अपनी जायज मांगों के लिए ही उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है. हालांकि वे हड़ताल के पक्ष में नहीं हैं लेकिन सरकार ने उन्हें मजबूर कर दिया है. डा. परमार ने कहा कि डाक्टरों पर भारी बोझ है. इसलिए नए डाक्टरों की भर्ती होनी चाहिए.
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क्या है डॉक्टरों की मांग: बता दें कि हरियाणा में सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का कैडर बनाने, पोस्ट ग्रेजुऐट डिग्री धारक डॉक्टरों की 40 फीसदी सीट आरक्षित करने, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाने की मांग (Doctors demand in Ambala) को लेकर मंगलवार को डॉक्टर हड़ताल पर हैं. डॉ. मुकेश कंधरा ने बताया कि इस बारे में दिसंबर महीने में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सभी डॉक्टरों को उनकी मांगों पर मुख्यमंत्री से मिलकर 31 दिसंबर तक हल करवाने का आश्वासन दिया था.

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सरकार ने डॉक्टरों की हड़ताल पर लगाया है प्रतिबंध: डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया और छह महीने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है. हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने ये आदेश जारी किए. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सारा देश कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहा है. ऐसे समय मे डॉक्टरों के एक समूह ने हड़ताल पर जाने की घोषणा करके इस लड़ाई में बाधा डाल दी इसलिए एस्मा लगाना (ESMA in haryana) पड़ा. अनिल विज ने कहा कि हमने जो इनकी मांगे थी वह हमने स्वीकार करके मुख्यमंत्री और अन्य विभागों के पास भेज दी. कल मुख्यमंत्री के साथ बैठक होने के बाद इसकी संवैधानिक मंजूरी दे दी गई जिसके बाद बातचीत के लिए एसीएस राजीव अरोड़ा 2 घंटे तक उनका इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आये. हमें लगता है इनके पीछे कोई है जो कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में विध्न डाल रहा है.
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