रोहतक: पूरे हरियाणा में किसानों ने केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इतना ही नहीं इस अध्यादेश को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने भी आर-पार की लड़ाई ठान ली है. हरियाणा से सभी मंडी में आढ़ती और किसान इस अध्यादेश के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इस बीच रोहतक में किसानों ने अध्यादेश का समर्थन किया है.
कृषि अध्यादेश के समर्थन में आए किसान
बता दें कि कृषि अध्यादेश के विरोध के बाद पहली बार किसानों इस बिल के समर्थन में रैली निकाली और कहा कि ये बिल हमारे फायदे के लिए हैं. किसान अपने अपने ट्रैक्टरों में आए और बिल के समर्थन में कृषि मंत्री के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा. किसानों का कहना है कि अध्यादेश हमारे हक में है, जिसका हम समर्थन करते हैं.
किसानों ने ये भी कहा कि कांग्रेस के लोग बेवजह इस बिल का विरोध कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि अब उनकी समझ मे आ गया है कृषि अध्यादेश के लागू होने पर वे अपनी फसल कहीं भी और सही दामों में बेच सकते हैं. इस दौरान डीसी ने कहा कि अध्यादेश के समर्थन में किसानों ने ज्ञापन सौंपा है, केंद्रीय कृषि मंत्री को पहुंचाया जाएगा.
किसानों ने कांग्रेस पर भटकाने का आरोप लगाया
कृषि अध्यादेश के खिलाफ चारों ओर विरोध झेल रही बीजेपी सरकार को बड़ी राहत मिली है, विरोध के बावजूद आज पहली बार किसान कृषि अध्यादेश के समर्थन में सड़को पर उतरे. किसानों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कृषि अध्यादेश को लेकर वो किसानों को भटका रहे हैं. ये बिल किसानों के हक में है लेकिन कांग्रेस बेवजह इसका विरोध कर रही है.
'बिचौलियों से मिलेगा छुटकारा'
किसानों ने कहा कि इस अध्यादेश के आने के बाद उन्हें बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा. उन्होंने कहा कि अब किसान स्वतंत्र रूप से अपनी फसल कहीं भी बेच सकेंगे. उन्होंने कहा कि अब तक किसानों को फसल के पूरे दाम नही मिल रहे थे लेकिन अब इस अध्यादेश के बाद किसानों को उनकी हक का पूरा पैसा मिलेगा. बिल का विरोध कर रहे आढ़तियों पर भी किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि आढ़ती किसानों से कमीशन लेते थे.
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यहीं नहीं आढ़ती किसानों से ब्याज भी वसूल थे. आढतियों का कमीशन खत्म हो जाएगा इसलिए वो विरोध कर रहे है. किसानों ने कहा अब कृषि अध्यादेश लागू होने से किसान और व्यापारी के बीच मे आने वाले कमीशन खोर लोग हट जाएंगे और सीधा फायदा किसान को होगा. इसलिए हम इसका समर्थन कर रहे हैं.
आपको बता दें कि पूरे हरियाणा समेत पंजाब और कई अन्य राज्यों में इस अध्यादेश का विरोध प्रदर्शन जारी है. भारतीय किसान यूनियन ने इस अध्यादेश के विरोध में भारत बंद का ऐलान किया है. कांग्रेस भी लगातार सरकार को घेर रही है. लेकिन केंद्र सरकार इस बिल को लेकर अपने कदम वापस खींचते हुए नहीं दिख रही है. अब किसानों को इस अध्यादेश का समर्थन मिलना सरकार के लिए राहत भरी खबर होगी.