रोहतक: रविवार को रोहतक में शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार और प्रशासन को 8 मई तक का अल्टीमेटम दिया है. कर्मचारियों ने कहा कि अगर इस दौरान उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो फिर वो बड़े आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे. रविवार को नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा ने रोहतक में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में किया इस सम्मेलन में ये फैसला किया गया.
सम्मेलन की अध्यक्षता नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने की. सम्मेलन में तय हुआ कि संघ 9 और 10 मई को सभी नगर पालिकाओं, परिषदों, निगमों में प्रदर्शन कर सरकार को आंदोलन का नोटिस देगा. इसके बाद संघ 17 और 18 मई को जनता में जाकर सरकार की वादाखिलाफी, ठेकेदारों के माध्यम से सफाई, सीवर कर्मचारियों व अन्य तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व फायर कर्मचारियों के किए जा रहे शोषण का खुलासा करेगा.
वहीं 13 और 14 अप्रैल को भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 132वें जन्म दिवस के अवसर पर सभी जिलों में विचार गोष्ठी होगी. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा 28 मई को जींद में होने वाली रैली में भी नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा से जुड़े कर्मचारी शामिल होंगे. गौरतलब है कि अक्टूबर 2022 में मांगों को लेकर 11 दिन तक हड़ताल की गई थी. जिसके बाद 29 अक्टूबर को सरकार के साथ कुछ मांगों पर सहमति बनी थी.
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सरकार ने मांगों को लेकर पत्र भी जारी कर दिए थेस, लेकिन अब तक इन मांगों को लागू नहीं किया गया है. जिससे स्थानीय निकाय कर्मचारियों में रोष है. कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि सफाई कर्मचारियों, सीवर मैन व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ठेके के बजाय नियमित भर्ती किया जाए, कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए और समान काम समान वेतन दिया जाए. कोरोना महामारी के दौरान मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए.