रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है. छात्र प्रतिनिधियों से बैठक के बाद सराकर ने पॉलिसी में संशोधन भी किया, लेकिन छात्र इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे. लिहाजा छात्रों ने प्रदर्शन (mbbs students protest in rohtak) को जारी रखने का ऐलान किया है. इसी मुद्दे पर कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने वीरवार को पीजीआईएमएस में एमबीबीएस छात्रों से धरनास्थल पर पहुंचकर मुलाकात की और आंदोलनकारियों की मांगों का पूर्ण समर्थन किया. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वो इस मुद्दे पर हरियाणा विधानसभा में काम रोको प्रस्ताव पेश करेंगे.
दीपेंद्र ने कहा कि फिर भी सरकार नहीं मानी तो इस छात्रों की ये आवाज सड़क से लेकर संसद तक गूंजेगी. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने जा रहा है. जिसमें मैं बॉन्ड पॉलिसी (deepender hooda on bond policy) के मुद्दे को उठाऊंगा. उन्होंने कहा कि ये बॉन्ड नहीं सरकारी लूट है. इस पॉलिसी के जरिए सरकार मेडिकल विद्यार्थियों को बंधुआ मजदूर बनाना चाहती है. आम गरीब व मध्यम वर्ग की दुश्मन बन चुकी इस सरकार ने गरीब व मध्यम वर्ग का जीना दूभर कर दिया है.
हरियाणा सरकार ना तो बच्चों को शिक्षित देखना चाहती है और ना ही उन्हें डॉक्टर बनते देखना चाहती है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार प्रदेश में सरकारी स्कूल बंद करने पर जोर दे रही है कि कहीं गरीब व मध्यम वर्ग के बच्चे शिक्षित ना हो जाएं और अब मेडिकल शिक्षा इतनी महंगी कर दी है कि ये काबिल बच्चे डॉक्टर बनने की सोच भी ना सकें. उन्होंने कहा कि मेडिकल छात्रों की मांगें पूरी तरह से जायज हैं और वे खुद भी उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करते हैं.
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दीपेंद्र ने कहा कि इस सरकार ने हर चीज को बेचना शुरु कर दिया है. कांग्रेस नेता ने सरकार को चेतावनी दी कि वे मेडिकल विद्यार्थियों को अकेला या असहाय ना समझें, पूरा प्रदेश उनके साथ है. उन्होंने यह भी कहा कि संसद के दोनों सदनों के 15 सांसदों में से 14 सत्ताधारी दल के हैं. वे अकेले ही विपक्ष के सांसद हैं, लेकिन फिर भी संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में मेडिकल छात्रों का मुद्दा पूरे जोर-शोर से उठायेंगे और पहले ही दिन मेडिकल छात्रों की आवाज सदन में गूंजेगी, जिसे प्रदेश ही नहीं पूरा देश भी सुनेगा.