रोहतक: राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश के खेल स्टेडियमों में खिलाड़ियों और सैर करने वाले लोगों से 'स्टेडियम टैक्स' (stadium tax in haryana) वसूली के सरकारी आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार ने पहले सीधी भर्ती में खिलाड़ियों का कोटा रद्द किया था और अब स्टेडियम में प्रेक्टिस पर ही टैक्स लगा दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को टैक्स (deepender hooda on stadium tax) वसूलने का नैतिक अधिकार नहीं है.
दीपेंद्र हुड्डा वीरवार को यहां खिडवाली गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आता कि ये सरकार आखिर खिलाड़ियों के पीछे क्यों पड़ी है. सरकार युवाओं को खेल की ओर प्रोत्साहित करना चाहती है या खेलने से रोकना चाहती है? अब तो सिर्फ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने पर टैक्स लगाना बाकी रह गया है. इस सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है.
दीपेंद्र ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम चुप नहीं बैठेंगे, जैसे खेल कोटा बहाल कराया वैसे ही इस फरमान को भी रद्द करायेंगे. दीपेन्द्र हुड्डा ने तुरंत इस फैसले को रद्द करने की मांग की. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि हरियाणा ऐसा प्रदेश है जहां गांव-गांव के घर-घर में खेल प्रतिभाएं मौजूद हैं. जरूरत इस बात की है कि इन्हें पर्याप्त सुविधाएं और प्रोत्साहन दिया जाए, ताकि वे कड़ी मेहनत से अपने प्रदेश और देश का नाम रोशन करें.
दीपेंद्र (deepender hooda rajya sabha mp congress) ने कहा कि इसी दूरदर्शी सोच के साथ कांग्रेस सरकार के समय हरियाणा को खेलो का गढ़ बनाने हेतु गांव से शहरों तक देश में सर्वाधिक स्टेडियमों का निर्माण करवाया था. खिलाड़ियों को तमाम आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई, उन्हें प्रोत्साहित किया. इसका परिणाम ये रहा कि हरियाणा के खिलाड़ियों ने कांग्रेस सरकार के दौरान पदकों से देश की झोली को भर दिया.
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