रोहतक: कई दिनों बाद ही सही, आखिरकार अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच सीआईडी विभाग की जंग खत्म हो गई और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीआईडी विभाग अपने पास ले लिया है. वहीं इस मुद्दे पर अब विपक्षी दलों को भी कटाक्ष करने का मौका मिल गया है.
'सीआईडी पर मुख्यमंत्री का अधिकार होता है'
हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री एवं कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अनिल विज शायद भूल गए हैं कि वो मंत्री हैं मुख्यमंत्री नहीं. सीआईडी विभाग पर केवल मुख्यमंत्री का अधिकार होता है.
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बत्रा ने कहा कि अनिल विज केवल अपने आपको गृह विभाग का सर्वे सर्वा दिखाने के लिए इस लड़ाई में जुटे हुए थे. शायद ये भूल गए कि वह मंत्री हैं मुख्यमंत्री नहीं. वास्तव में सीआईडी पर सीएम का ही अधिकार होता है. उन्होंने कहा कि वो गृह राज्य मंत्री रहे हैं, मुख्यमंत्री सुप्रीम पावर होते हैं और वो कोई भी विभाग अपने पास रख सकते हैं. उन्हें केवल राज्यपाल को लिखकर भेजना होता है.
'इन लोगों को सरकार चलानी नहीं आती'
उन्होंने कहा कि वो तो हैरान है कि लगभग 3 महीने तक मुख्यमंत्री इस लड़ाई में उलझे रहे, जो कि प्रदेश की सुरक्षा के लिए काफी बड़ा विषय था. उन्होंने तो यहां तक कहा कि इन लोगों को सरकार चलानी नहीं आती, इसलिए इनको तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.
बत्रा ने कहा कि ये गलती बंसीलाल और भजनलाल सरकार में भी हुई थी, लेकिन उसे तुरंत सुधार लिया गया था. इसलिए आपस में लड़ना बेतुका था. अगर केवल गृह विभाग के पास ही सीआईडी विभाग रहना है, तो कानून में बदलाव कर दिया जाना चाहिए.