रोहतकः हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुलकर रोहतक में लघु सचिवालय व न्यायिक परिसर को सुनारिया शिफ्ट करने के राज्य सरकार के निर्णय का विरोध किया. उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि जब तक भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) जिंदा है, तब तक ऐसा नहीं होने देंगे. सरकार ने अगर ऐसा कोई फैसला लिया है तो उसे तुरंत वापस लेने की भी बात भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कही.
हुड्डा शनिवार को यहां अपने आवास पर जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की. दरअसल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 4 मई को रोहतक में विकास रैली (vikash rally in rohtak) के दौरान लघु सचिवालय व न्यायिक परिसर (Mini Secretariat Rohtak) समेत कई अन्य सरकारी भवनों को सुनारिया में शिफ्ट करने की घोषणा की थी. बाद में हरियाणा के मुख्य सचिव ने इस बारे में डीसी कैप्टन मनोज कुमार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिशा निर्देश दिए थे. वहीं, सरकार के इस निर्णय का जिला बार एसोसिएशन जमकर विरोध कर रही है. एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में इस बारे में प्रस्ताव भी पास हो चुका है.
अब पूर्व मुख्यमंत्री भी वकीलों के साथ खड़े होते नजर आ रहे हैं. हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लोगों की सुविधा के लिए नए लघु सचिवालय और नए न्यायिक परिसर का निर्माण कराया गया था ताकि अलग-अलग सरकारी कामों के लिए लोगों को इधर-उधर चक्कर न काटने पड़ें. अगर मौजूदा सरकार ने लघु सचिवालय और न्यायिक परिसर को यहां से दूर शिफ्ट किया तो न सिर्फ वकीलों के लिए बल्कि कोर्ट में काम करने वाले मुंशी, कर्मचारियों और आम लोगों को अलग-अलग कार्यों के लिए सरकारी दफ्तरों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार ने इस बारे में अब तक न रोहतक जिले के चारों विधायकों से बात की और न ही बार पदाधिकारियों से सलाह मशविरा किया. सरकार अगर चंद लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा निर्णय लेती है तो इससे इलाके के लोगों को भारी परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि इन सरकारी इमारतों के निर्माण पर पहले ही सैंकड़ों करोड़ रुपए लग गए हैं. यदि सरकार को कुछ करना ही है तो नए उद्योग लगाए ताकि प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिले. हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार जनहित में कोई फैसला लेना चाहती है तो उसे कांग्रेस सरकार की तर्ज पर सुनारियां गांव की खाली जमीन पर इंडस्ट्री स्थापित करनी चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार मिले और इलाके में अन्य आर्थिक गतिविधियां भी तेज हो सकें.