रोहतक: भाजपा कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा कर रही है. बीजेपी का आरोप है कि 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई थी उसमें इसी तरह के कृषि सुधारों की सिफारिश की गई थी. वहीं जब बीजेपी के इस आरोप पर भूपेंद्र हुड्डा से प्रतिक्रिया ली गई तो उनको पत्रकारों पर ही गुस्सा आ गया.
हुड्डा को आया गुस्सा!
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वो लेटर दिखाओ जिसमें ऐसी सिफारिश की गई है. अगर लेटर है तो में जवाब दूंगा. आपके पास लेटर नहीं है तो आप सवाल कैसे कर सकते हो. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के सभी आरोपों को निराधार बताया. साथ ही कहा कि उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के तहत एमएसपी निर्धारण करने की मांग की थी.
अविश्वास प्रस्ताव पर फिर बोले हुड्डा
हुड्डा ने हरियाणा सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार कांग्रेस पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव से डर गई है, क्योंकि ये पहले से ही तय है कि भाजपा को समर्थन देने वाले विधायक अपना समर्थन वापस ले रहे हैं. साथ ही समर्थन देने वाली पार्टी के विधायक भी सरकार के खिलाफ बयान देने में जुटे हैं.
हुड्डा ने कहा कि अगर अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में आता है तो वो यह साफ हो जाएगा कि कौन सरकार के पक्ष में है और कौन किसानों के. किसान आंदोलन को लेकर दोहरे चरित्र वाले नेता भी सामने आ जाएंगे. हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव से डरी हुई है.
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