रेवाड़ी: सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद आज बैंक कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा. अपने तयशुदा कार्यक्रम के तहत यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले देशभर के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी एक साथ काम छोड़ हड़ताल पर बैठ गए हैं.
धरने पर बैठे बैंक कर्मी
शहर रेवाड़ी में भी बैंक कर्मचारियों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया. सभी बैंक कर्मी शहर के कानून गेट स्थित ओबीसी बैंक के बाहर एकत्र हुए. इसके बाद सभी कर्मचारियों ने शहर में अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
इस हड़ताल को लेकर बैंक कर्मचारियों का कहना है कि हड़ताल करना उनका कोई शौक नहीं, बल्कि मजबूरी है. एक नवंबर 2017 से उनका वेज रिवीजन पेंडिंग है. 27 माह बीतने के बावजूद सरकार अड़ियल रवैया छोड़ने को तैयार नहीं है.
बैंकों को नुकसान पहुंचा रही सरकार
उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सेक्टर के लोन, बट्टे खाते में डालकर सरकार बैंकों को नुकसान पहुंचा रही है. लेकिन सरकार कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही. मोदी सरकार के दौरान बैंकों के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब नौ ट्रेड यूनियन ने मिलकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है.
बड़ा आंदोलन करेंगे बैंक कर्मचारी
बैंक कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब भी सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो मार्च महीने में तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी. फिर अप्रैल में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. वहीं दो दिवसीय इस हड़ताल के चलते लेन-देन को लेकर बैंक पहुंचे ग्राहकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
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ग्राहकों का कहना था कि उन्हें हड़ताल के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी. छुट्टी लेकर और अपने जरूरी काम छोड़कर बैंक आए हैं और वहां ताला लटका हुआ है. अब देखना होगा कि सरकार बैंक कर्मचारियों की इन मांगों को पूरा करेगी या फिर हड़ताल करने पर इन कर्मचारियों को बाध्य होना ही पड़ेगा.