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ईटीवी भारत की खबर का असर, सड़े हुए गेहूं के सैंपल लेने पहुंचे एसडीएम

शहर के मोहल्ला मुक्तिवाड़ा में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की बदौलत डिपो धारक के जरिए गरीब लोगों को वितरित किए गए सड़े हुए गेहूं की ईटीवी भारत द्वारा खबर दिखाने के बाद गेहूं के सैंपल भरने के लिए अधिकारियों की टीम डिपो होल्डर के पास पहुंची.

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Published : Jan 28, 2020, 10:51 PM IST

rotten wheat sold in rewari
rotten wheat sold in rewari

रेवाड़ी: शहर के मोहल्ला मुक्तिवाड़ा में सोमवार को डिपो होल्डर ने करीब 50 बीपीएल परिवारों को गला-सड़ा कीड़ों से युक्त गेंहू वितरित किया था. गुस्साए लोग उसके बाद डीसी यशेन्द्र सिंह सिंह से मिलने के लिए सचिवालय पहुंचे थे. डीसी ने तुरंत एसडीएम रविंद्र कुमार, तहसीलदार मनमोहन व इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे.

डीसी के आदेश के तुरंत बाद अधिकारी बीते दिन ही जांच के लिए पहुंचे थे लेकिन घबराया डिपो धारक अपनी दुकान बंद कर भाग गया था. उसके बाद अधिकारियों ने नोटिस चस्पा कर उसे मंगलवार तक का समय दिया था. आज सुबह से ही डिपो के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. डिपो धारक भी वहां बैठा हुआ था. दोपहर बाद एसडीएम रविन्द्र कुमार व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और सड़े हुए गेहूं का सैंपल लिया.

ईटीवी भारत की खबर का असर, सड़े हुए गेहूं के सैंपल लेने पहुंचे एसडीएम.

सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच अगर सही दिशा में गई तो फिर एक भ्रष्ट इंस्पेक्टर की गर्दन नपना तय है. क्योंकि ड्यूटी जांच अधिकारी के आदेश पर ही सड़े हुए राशन को परचेज किया गया था. इसमें भारी गोलमाल की बू आ रही है. शुरुआती जांच की गति देखकर तो लगता है कि कार्रवाई अंजाम तक पहुंचेगी लेकिन यह कहना बहुत जल्दबाजी होगा कि दोषी पर कार्रवाई होती है या फिर पहले की तरह इस मामले की फाइलें भी बंद हो जाएंगी.

ये भी पढ़ेंः- पद्म श्री जगदीश आहूजा उर्फ लंगर बाबा 415 रु. लेकर आए थे चंडीगढ़, जानिए उनकी पूरी कहानी

सामने आया गरीब परिवारों का दर्द
बीपीएल राशन उपभोक्ता रेशमा ने कहा कि जांच तो चलती रहेगी. सर आए थे जांच के लिए सैंपल लेकर चले गए, पता नहीं यह जांच कितने दिन चलेगी, इतने दिन क्या हम भूखे रहेंगे, हमारे घर में आटा नहीं है, बच्चे भूखे हैं. हमें गेहूं चाहिए, हमें गेहूं ला कर दें, हमें टाइम से राशन चाहिए ताकि हम अपने पेट की भूख मिटा सके. हमारे पास बाजार से खाने के लिए पैसे नहीं है, गरीब आदमी हैं हम, हमें एसडीएम सर से यही गुजारिश है कि हमें समय पर राशन उपलब्ध कराया जाए ताकि हम अपने बच्चों को खिला सके.

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
जांच के लिए सैंपल लेने पहुंचे एसडीएम रविंद्र कुमार ने कहा कि सैंपल ले लिया गया है. लोगों को राशन भी जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. खैर सैंपल भी भर लिए गए हैं और अधिकारी ने कार्रवाई की बात भी कह दी है. अब देखना होगा कि इस जांच के बाद विभाग दोषियों पर किस तरह की कारवाई अमल में लाता है.

ये भी पढ़ें : हरियाणा के सभी गांवों को पछाड़कर 6 स्टार बना वजीरपुर, खासियत जान रह जाएंगे हैरान

रेवाड़ी: शहर के मोहल्ला मुक्तिवाड़ा में सोमवार को डिपो होल्डर ने करीब 50 बीपीएल परिवारों को गला-सड़ा कीड़ों से युक्त गेंहू वितरित किया था. गुस्साए लोग उसके बाद डीसी यशेन्द्र सिंह सिंह से मिलने के लिए सचिवालय पहुंचे थे. डीसी ने तुरंत एसडीएम रविंद्र कुमार, तहसीलदार मनमोहन व इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे.

डीसी के आदेश के तुरंत बाद अधिकारी बीते दिन ही जांच के लिए पहुंचे थे लेकिन घबराया डिपो धारक अपनी दुकान बंद कर भाग गया था. उसके बाद अधिकारियों ने नोटिस चस्पा कर उसे मंगलवार तक का समय दिया था. आज सुबह से ही डिपो के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. डिपो धारक भी वहां बैठा हुआ था. दोपहर बाद एसडीएम रविन्द्र कुमार व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और सड़े हुए गेहूं का सैंपल लिया.

ईटीवी भारत की खबर का असर, सड़े हुए गेहूं के सैंपल लेने पहुंचे एसडीएम.

सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच अगर सही दिशा में गई तो फिर एक भ्रष्ट इंस्पेक्टर की गर्दन नपना तय है. क्योंकि ड्यूटी जांच अधिकारी के आदेश पर ही सड़े हुए राशन को परचेज किया गया था. इसमें भारी गोलमाल की बू आ रही है. शुरुआती जांच की गति देखकर तो लगता है कि कार्रवाई अंजाम तक पहुंचेगी लेकिन यह कहना बहुत जल्दबाजी होगा कि दोषी पर कार्रवाई होती है या फिर पहले की तरह इस मामले की फाइलें भी बंद हो जाएंगी.

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सामने आया गरीब परिवारों का दर्द
बीपीएल राशन उपभोक्ता रेशमा ने कहा कि जांच तो चलती रहेगी. सर आए थे जांच के लिए सैंपल लेकर चले गए, पता नहीं यह जांच कितने दिन चलेगी, इतने दिन क्या हम भूखे रहेंगे, हमारे घर में आटा नहीं है, बच्चे भूखे हैं. हमें गेहूं चाहिए, हमें गेहूं ला कर दें, हमें टाइम से राशन चाहिए ताकि हम अपने पेट की भूख मिटा सके. हमारे पास बाजार से खाने के लिए पैसे नहीं है, गरीब आदमी हैं हम, हमें एसडीएम सर से यही गुजारिश है कि हमें समय पर राशन उपलब्ध कराया जाए ताकि हम अपने बच्चों को खिला सके.

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
जांच के लिए सैंपल लेने पहुंचे एसडीएम रविंद्र कुमार ने कहा कि सैंपल ले लिया गया है. लोगों को राशन भी जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. खैर सैंपल भी भर लिए गए हैं और अधिकारी ने कार्रवाई की बात भी कह दी है. अब देखना होगा कि इस जांच के बाद विभाग दोषियों पर किस तरह की कारवाई अमल में लाता है.

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Intro:ईटीवी भारत की खबर का सर...
खबर दिखाए जाने के बाद जागा प्रशासन
सड़े हुए गेहूं के सैंपल लेने पहुंचे एसडीएम
अधिकारियों के टीम के साथ खोला गया डिपो
रेवाड़ी, 28 जनवरी।
शहर के मोहल्ला मुक्तिवाड़ा में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की बदौलत डिपो धारक के जरिए गरीब लोगों को वितरित किए गए सड़े हुए गेहूं का सैंपल भरने के लिए अधिकारियों की टीम डिपो होल्डर के पास पहुंची। एक दिन पहले ही डिपो होल्डर को नोटिस दिया गया था। जिसके बाद आसपास के लोग राशन डिपो के पास मौजूद रहे, बाद में अधिकारियों ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए है।



Body:आपको बता दें कि शहर के मोहल्ला मुक्तिवाड़ा में सोमवार को डिपो होल्डर ने करीब 50 बीपीएल परिवारों को गला-सड़ा कीड़ों से युक्त गेंहू वितरित किया था। गुस्साए लोग उसके बाद डीसी यशेन्द्र सिंह सिंह से मिलने के लिए सचिवालय पहुंचे थे। डीसी ने तुरंत एसडीएम रविंद्र कुमार, तहसीलदार मनमोहन व इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे। डीसी के आदेश के तुरंत बाद अधिकारी बीते दिन ही जांच के लिए पहुंचे थे लेकिन घबराया डिपो धारक अपनी दुकान बंद कर भाग गया था। उसके बाद अधिकारियों ने नोटिस चस्पा कर उसे मंगलवार तक का समय दिया था। आज सुबह से ही डिपो के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। डिपो धारक भी वहां बैठा हुआ था। दोपहर बाद एसडीएम रविन्द्र कुमार व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और सड़े हुए गेहूं का सैंपल लिया।
सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच अगर सही दिशा में गई तो फिर एक भ्रष्ट इंस्पेक्टर की गर्दन नपना तय हैं। क्योंकि बगैर ड्यूटी जांच अधिकारी के आदेश पर ही सड़े हुए राशन को परचेज किया गया था। इसमें भारी गोलमाल की बू आ रही है। शुरुआती जांच की गति देखकर तो लगता है कि कार्रवाई अंजाम तक पहुंचेगी। लेकिन यह कहना बहुत जल्द बाजी होगा कि दोषी पर कार्रवाई होती है या फिर पहले की तरह इस मामले की फाइलें भी बंद हो जाएंगे।
सामने आया गरीब परिवारो का दर्द:
BPL राशन उपभोक्ता रेशमा ने अपना दर्द मीडिया से बताते हुए कहा कि, सर जांच तो चलती रहेगी! सर आए थे जांच के लिए सैंपल लेकर चले गए, पता नहीं यह जांच कितने दिन चलेगी, इतने दिन क्या हम भूखे रहेंगे, हमारे घर में आटा नहीं है, बच्चे भूखे हैं, हमें गेहूं चाहिए, हमें गेहूं ला कर दें, हमें टाइम से राशन चाहिए, ताकि हम अपने पेट की भूख मिटा सके। हमारे पास बाजार से खाने के लिए पैसे नहीं है, गरीब आदमी हैं हम, हमें एसडीएम सर से यही गुजारिश है कि हमें समय पर राशन उपलब्ध कराया जाए ताकि हम अपने बच्चों को खिला सके!
दोषियों के खिलाफ़ होगी कार्रवाई:
जांच के लिए सैंपल लेने पहुंचे एसडीएम रविंद्र कुमार ने कहा कि सैंपल ले लिया गया है लोगों को राशन भी जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बाइट--रेशमा, BPL उपभोक्ता।
बाइट--BPL कार्डधारी महिला।
बाइट--सुचित्रा चांदना, वार्ड पार्षद।
बाइट--रविन्द्र कुमार, एसडीएम रेवाड़ी।


Conclusion:अब देखना होगा कि इस जांच के बाद विभाग दोषियों पर किस तरह की कारवाई अमल में लाता है।
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