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रेवाड़ी में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, खाने के पड़े लाले - प्रवासी मजदूर रोजगार समस्या रेवाड़ी

देश में आर्थिक मंदी का संकट अब दिखाई देने लगा है, क्योंकि प्रवासी मजदूर अब अपने घरों से काम धंधे की तलाश में वापस लौट रहे हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिलने की वजह से उनके सामने आर्थिक संकट गहराने लगा है.

migrant workers not getting work
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Published : Oct 14, 2020, 6:04 PM IST

रेवाड़ी: कोरोना के कारण देश में लगे लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर पलायन कर अपने घरों को चले गए थे, लेकिन अब लॉकडाउन के खत्म होने पर वापस रोजगार की तलाश में बिहार से रेवाड़ी लौटे इन प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से इन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है.

मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले उन्हें यहां बहुत काम मिलता था, लेकिन अब काम नहीं मिलने से रोटी रोजी का संकट गहराने लगा है. घर वापसी के लिए भी उनके पास किराया नहीं है. सभी प्रवासी मजदूर यहां अनाज मंडी में पल्लेदारी का काम कर अपना घर परिवार चलाते थे, लेकिन अब फसल की खरीद भी कम हो रही है जिसकी वजह से उनको मजदूरी नहीं मिल पा रही है.

रेवाड़ी में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, खाने के पड़े लाले

मजदूरों का कहना है कि जैसे ही लॉकडाउन लगा था तो तब घर जाने के लिए परेशान हुए थे. उसके बाद जब घर चले गए और हालात थोड़े सामान्य हुए तो रोजगारी की तलाश में फिर से वापस आए, लेकिन अब यहां काम नहीं मिलने के कारण फिर से संकट खड़ा हो गया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में VIP कल्चर की वापसी, जनप्रतिनिधि लाल बत्ती की जगह लगा सकते हैं मेहरून झंडी

देश में लगे लॉकडाउन के बाद अब आर्थिक तंगी दिखाई देने लगी है. पहले जिन मजदूरों को एडवांस देकर बुलाया जाता था, उन्हें अब एडवांस तो छोड़ो मजदूरी तक नहीं मिल रही है. व्यापारियों के पास भी अब इतना काम नहीं है कि वे प्रवासी मजदूरों को काम दे सकें. प्रवासी मजदूरों को अब केवल सरकार से आस है कि पेट की भूख को मिटाने की व्यवस्था कर इन्हें रोजगार दिलाया जा सके.

रेवाड़ी: कोरोना के कारण देश में लगे लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर पलायन कर अपने घरों को चले गए थे, लेकिन अब लॉकडाउन के खत्म होने पर वापस रोजगार की तलाश में बिहार से रेवाड़ी लौटे इन प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से इन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है.

मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले उन्हें यहां बहुत काम मिलता था, लेकिन अब काम नहीं मिलने से रोटी रोजी का संकट गहराने लगा है. घर वापसी के लिए भी उनके पास किराया नहीं है. सभी प्रवासी मजदूर यहां अनाज मंडी में पल्लेदारी का काम कर अपना घर परिवार चलाते थे, लेकिन अब फसल की खरीद भी कम हो रही है जिसकी वजह से उनको मजदूरी नहीं मिल पा रही है.

रेवाड़ी में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, खाने के पड़े लाले

मजदूरों का कहना है कि जैसे ही लॉकडाउन लगा था तो तब घर जाने के लिए परेशान हुए थे. उसके बाद जब घर चले गए और हालात थोड़े सामान्य हुए तो रोजगारी की तलाश में फिर से वापस आए, लेकिन अब यहां काम नहीं मिलने के कारण फिर से संकट खड़ा हो गया है.

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देश में लगे लॉकडाउन के बाद अब आर्थिक तंगी दिखाई देने लगी है. पहले जिन मजदूरों को एडवांस देकर बुलाया जाता था, उन्हें अब एडवांस तो छोड़ो मजदूरी तक नहीं मिल रही है. व्यापारियों के पास भी अब इतना काम नहीं है कि वे प्रवासी मजदूरों को काम दे सकें. प्रवासी मजदूरों को अब केवल सरकार से आस है कि पेट की भूख को मिटाने की व्यवस्था कर इन्हें रोजगार दिलाया जा सके.

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