रेवाड़ी: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी फेडरेशन के संयुक्त आह्वान पर रविवार को रेवाड़ी में एआईटीयूसी व अन्य यूनियन के कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय जेल भरो आंदोलन में हिस्सा लिया और नेहरु पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. जैसे ही यूनियन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी गिरफ्तारी देने के लिए जिला सचिवालय की तरफ बढ़े, वैसे हीं उन्हें हिरासत में लेकर रोडवेज बसों में बैठा लिया गया और महाराणा प्रताप चौक के पास छोड़ दिया गया.
एआईयूटीयूसी के प्रदेश अध्यक्ष कॉमरेड राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज देश के मजदूरों पर भारी संकट है. सरकार बहाना बनाकर कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार सभी सरकारी महकमों को प्राइवेट कर रही है. केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में खट्टर सरकार किसान, मजदूर और कर्मचारियों का खून चूसने वाली सरकार है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है. तो सभी सामाजिक संगठन मिलकर इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे.
वहीं इस मौके पर आशा कार्यकर्ता ने कहा कि आशा वर्कर्स जीरो ग्राउंड पर काम कर रहीं है. उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स की सैलरी तो वैसे ही कम है. उपर से सरकार समय पर वेतन भी नहीं दे रही है. ऐसे में घर का गुजारा बड़ी मुश्किलों से कर रहें है. बिमला ने कहा कि उन्हें कोरोना से संबंधित रिपोर्ट समय पर भेजनी पड़ती है. इस लिए उन्हें स्मार्ट फोन दिया जाए.
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अधयक धनराज सिंह व पीटीआई होशियार सिंह ने कहा कि, ये कोई सड़कों की सैर नहीं है. उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ धर्म युद्ध में सड़कों पर बैठे 1983 पीटीआई अध्यापकों की सेवाएं बहाल की जाएं. इसलिए भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगाठ पर इस सत्याग्रह आंदोलन में जेलभरो में शामिल हो रहें है.
उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को पीटीआई द्वारा फिर से सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जेल भरो आंदोलन किया जाएगा. उसमें बढ़-चढ़कर भाग लेंगे. धनराज ने कहा कि पीएम मोदी ने लोगों से वादा किया था कि हमारी सरकार बनने पर प्रति वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे, लेकिन इस सरकार में तो कर्मचारियों को भी बेरोजगार बना दिया.
बता दें कि, भारत छोड़ो आंदोलन की 78 वीं वर्षगांठ पर आयोजित इस सत्याग्रह आंदोलन में एक दर्जन से ज्यादा ट्रेड यूनियनों ने जेल भरो आंदोलन में बढ़ चढ़कर अपनी गिरफ्तारियां दी. अब देखना होगा कि सरकार इन कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान देगी या फिर 14 अगस्त को पीटीआई अधयापकों को फिर से गिरफ्तारियां देनी पड़ेंगी.
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