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रेवाड़ी: इग्नू में सीटों की कटौती पर गरमाई राजनीति, दीपेंद्र ने सरकार को बताया शिक्षा विरोधी

सरकार द्वारा इग्नू में सीटें घटाए जाने का कांग्रेस सरकार विरोध कर रही है. इस पर पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को शिक्षा विरोधी बताया है. हालांकि सरकार ने इस यूनिवर्सिटी में कुछ नए कोर्स भी शुरू किए गए हैं.

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Published : Jul 14, 2019, 4:59 PM IST

दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व सांसद

रेवाड़ी: धीरे-धीरे अहीरवाल में सियासी पारा उफ़ान पर चढ़ता जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश में अब भाजपा सरकार को घेरती नजर आ रही है. कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर यूनिवर्सिटी में सीट की कटौती करने का आरोप लगाया है.

दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व सांसद

पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में सीटों को घटाए जाने पर सरकार की आलोचना की है. दीपेंद्र ने कहा कि इग्नू में लगभग एक तिहाई सीटें घटाने का सरकार का फैसला युवा विरोधी, शिक्षा विरोधी और दक्षिणी हरियाणा विरोधी मानसिकता का प्रतीक है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खासतौर पर दक्षिणी हरियाणा के अंदर हर जिले में यूनिवर्सिटी की स्थापना की गयी थी.

कांग्रेस ने की नई यूनिवर्सिटी की स्थापना
लोगों ने कांग्रेस के कार्यकाल में नई यूनिवर्सिटी की स्थापना देखी है. यूनिवर्सिटी में सीटें बढ़ाते देखा है, लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार पहली ऐसी सरकार है, जिसने अपने 5 साल के कार्यकाल में एक भी नयी यूनिवर्सिटी की स्थापना करना तो दूर, कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में करीब दो तिहाई सीटें घटाने का काम किया है. शिक्षण संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की बजाय सीटों को घटाने के फैसले को सरकार तुरंत वापस ले.

युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़
दक्षिणी हरियाणा के युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए इन संस्थानों की स्थापना की गयी थी. पिछले 5 साल से शिक्षा और खेल के क्षेत्र में नकारात्मक सोच के साथ भाजपा सरकार चली है. भाजपा सरकार का पिछले 5 साल का कार्यकाल पूरी तरह से विफलताओं से भरा हुआ रहा है. इसने हरियाणा को विकास की पटरी से उतारने का काम किया है. सरकार लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.

इग्नू से जुड़े कॉलेज
मीरपुर के इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय से अब तक रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले के 82 कॉलेजों को ही जोड़ा गया है. जींद की चौधरी रणबीर सिंह युनिवर्सटी CRSU के 48 कॉलेज अब फिर से इग्नू से जल्द जुड़ने जा रहे हैं.

सरकार ने की इन विषयों की सीट में कमी
इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में कई विषयों में सीटों की संख्या घटा दी गयी है. जिसके चलते छात्रों में भारी आक्रोश है. जानकारी के मुताबिक एलएलबी कोर्स में सीटों की संख्या 180 से घटाकर 60, एमएससी फिजिक्स, बोटनी और जूलॉली में 60 से घटाकर 20 सीट, एमएससी मैथ में 60 से 50, एमएससी सीएस में 60 से 40, बी. फार्मा में 60 से 50 सीट कर दी गई हैं, जबकि एलएलएम कोर्स को ही बंद कर दिया गया. इतना ही नहीं आईजीयू की मान्यता खत्म होने के बाद इसका नवीनीकरण तक नहीं कराया गया.

इग्नू में बढ़े विषय
सीटें घटने के साथ ही इग्नू में इन विषयों की बढ़ोतरी भी हुई है. MSW, MSC बायोटेक्नोलॉजी, MSC साइक्लोजिक विषयों में अब छात्र इग्नू में दाखिला लें सकेंगे.

रेवाड़ी: धीरे-धीरे अहीरवाल में सियासी पारा उफ़ान पर चढ़ता जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश में अब भाजपा सरकार को घेरती नजर आ रही है. कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर यूनिवर्सिटी में सीट की कटौती करने का आरोप लगाया है.

दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व सांसद

पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में सीटों को घटाए जाने पर सरकार की आलोचना की है. दीपेंद्र ने कहा कि इग्नू में लगभग एक तिहाई सीटें घटाने का सरकार का फैसला युवा विरोधी, शिक्षा विरोधी और दक्षिणी हरियाणा विरोधी मानसिकता का प्रतीक है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खासतौर पर दक्षिणी हरियाणा के अंदर हर जिले में यूनिवर्सिटी की स्थापना की गयी थी.

कांग्रेस ने की नई यूनिवर्सिटी की स्थापना
लोगों ने कांग्रेस के कार्यकाल में नई यूनिवर्सिटी की स्थापना देखी है. यूनिवर्सिटी में सीटें बढ़ाते देखा है, लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार पहली ऐसी सरकार है, जिसने अपने 5 साल के कार्यकाल में एक भी नयी यूनिवर्सिटी की स्थापना करना तो दूर, कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में करीब दो तिहाई सीटें घटाने का काम किया है. शिक्षण संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की बजाय सीटों को घटाने के फैसले को सरकार तुरंत वापस ले.

युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़
दक्षिणी हरियाणा के युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए इन संस्थानों की स्थापना की गयी थी. पिछले 5 साल से शिक्षा और खेल के क्षेत्र में नकारात्मक सोच के साथ भाजपा सरकार चली है. भाजपा सरकार का पिछले 5 साल का कार्यकाल पूरी तरह से विफलताओं से भरा हुआ रहा है. इसने हरियाणा को विकास की पटरी से उतारने का काम किया है. सरकार लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.

इग्नू से जुड़े कॉलेज
मीरपुर के इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय से अब तक रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले के 82 कॉलेजों को ही जोड़ा गया है. जींद की चौधरी रणबीर सिंह युनिवर्सटी CRSU के 48 कॉलेज अब फिर से इग्नू से जल्द जुड़ने जा रहे हैं.

सरकार ने की इन विषयों की सीट में कमी
इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में कई विषयों में सीटों की संख्या घटा दी गयी है. जिसके चलते छात्रों में भारी आक्रोश है. जानकारी के मुताबिक एलएलबी कोर्स में सीटों की संख्या 180 से घटाकर 60, एमएससी फिजिक्स, बोटनी और जूलॉली में 60 से घटाकर 20 सीट, एमएससी मैथ में 60 से 50, एमएससी सीएस में 60 से 40, बी. फार्मा में 60 से 50 सीट कर दी गई हैं, जबकि एलएलएम कोर्स को ही बंद कर दिया गया. इतना ही नहीं आईजीयू की मान्यता खत्म होने के बाद इसका नवीनीकरण तक नहीं कराया गया.

इग्नू में बढ़े विषय
सीटें घटने के साथ ही इग्नू में इन विषयों की बढ़ोतरी भी हुई है. MSW, MSC बायोटेक्नोलॉजी, MSC साइक्लोजिक विषयों में अब छात्र इग्नू में दाखिला लें सकेंगे.

Intro:अहीरवाल का सियासी पारा गरमाया...
इग्नू में सीटों की कटौती पर गरमाई राजनीति...
इग्नू में सीटों की कटौती तुरंत वापस ले खटटर सरकार: हुड्डा
सीटें घटाने का फैसला युवा विरोधी, शिक्षा विरोधी व दक्षिणी हरियाणा विरोधी मानसिकता का प्रतीक ,,, पिछले 5 वर्ष में इस सरकार ने प्रदेश को पटरी से उतारने का काम किया,,, मनेठी में एम्स को लेकर लोगों की भावनाओं के साथ किया खिलवाड़....
रेवाड़ी, 14 जुलाई।
---धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब अहीरवाल में सियासी पारा उफ़ान पर चढ़ता जा रहा है। कांग्रेस अब भाजपा की खटटर सरकार को घेरने का काम कर रही है ताकि विधानसभा चुनावों में बढ़त बना सके। मनेठी में एम्स निर्माण पर रोक और इग्नू में सीटों की कटौती को विपक्ष अब चुनावी मुद्दा बनाने में जुट गया है। Body:---पूर्व सांसद व कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में सीटों को घटाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इग्नू में लगभग एक तिहाई सीटें घटाने का सरकार का फैसला युवा विरोधी, शिक्षा विरोधी व दक्षिणी हरियाणा विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खासतौर पर दक्षिणी हरियाणा के अंदर हर जिले में यूनिवर्सिटी की स्थापना की गयी थी। हमने सरकारों को नयी यूनिवर्सिटी की स्थापना करते हुए देखा है, यूनिवर्सिटी में सीटें बढ़ाते देखा है लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने अपने 5 साल के कार्यकाल में एक भी नयी यूनिवर्सिटी की स्थापना करना तो दूर, कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में करीब दो तिहाई सीटें घटाने का काम किया है। दीपेन्द्र ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की बजाय सीटों को घटाने के फैसले को सरकार तुरंत वापस ले।
---उन्होंने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के युवाओं के अच्छे भविष्य के लिये इन संस्थानों की स्थापना की गयी थी। लेकिन पिछले 5 साल से शिक्षा और खेल के क्षेत्र में नकारात्मक सोच के साथ भाजपा की सरकार चली है। भाजपा सरकार का पिछले 5 साल का कार्यकाल पूरी तरह से विफलताओं से भरा हुआ कार्यकाल रहा है। इसने हरियाणा को विकास की पटरी से उतारने का काम किया है। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि सरकार इस मुद्दे पर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है।
---मीरपुर के इंदिरागांधी विश्वविद्यालय से अब तक रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले के 82 कॉलेजों को ही जोड़ा गया है। जींद की चौधरी रणबीर सिंह युनिवर्सटी CRSU के 48 कॉलेज अब फिर से इग्नू से जल्द जुड़ने जा रहे है।
---हम आपको बता दें कि इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में कई विषयों में सीटों की संख्या घटा दी गयी है। जिसके चलते छात्रों में भारी आक्रोश है। जानकारी के मुताबिक एलएलबी कोर्स में सीटों की संख्या 180 से घटाकर 60, एमएससी फिजिक्स, बोटनी और जूलॉली में 60 से घटाकर 20 सीट, एमएससी मैथ में 60 से 50, एमएससी सीएस में 60 से 40, बी. फार्मा में 60 से 50 सीट कर दी गई हैं, जबकि एलएलएम कोर्स को ही बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं आईजीयू की मान्यता खत्म होने के बाद इसका नवीनीकरण तक नहीं कराया गया। ऐसे में विद्यार्थियों के भविष्य के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
---आपको बता दें कि सीटें घटने के साथ ही इग्नू में इन विषयों की बढ़ोतरी भी हुई है। जो विद्यार्थी इन विषयों में रुची रखते है अब उन्हें दूर जाने की जरूरत नही पड़ेगी। MSW, MSC बायोटेक्नोलॉजी, MSC साइक्लोजिक विषयों में अब छात्र इग्नू में दाखिला लें सकेंगे।
बाइट---दीपेन्द्र हुडा, पूर्व सांसद रोहतक।Conclusion:सीटों की संख्या घटने से विद्यार्थियों के भविष्य के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। क्या इस संकट को विपक्ष दुरुस्त करने में सफ़ल हो सकेगा। यह तो आने वाला वक्त ही बता पायेगा।
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