रेवाड़ी: धीरे-धीरे अहीरवाल में सियासी पारा उफ़ान पर चढ़ता जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश में अब भाजपा सरकार को घेरती नजर आ रही है. कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर यूनिवर्सिटी में सीट की कटौती करने का आरोप लगाया है.
पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में सीटों को घटाए जाने पर सरकार की आलोचना की है. दीपेंद्र ने कहा कि इग्नू में लगभग एक तिहाई सीटें घटाने का सरकार का फैसला युवा विरोधी, शिक्षा विरोधी और दक्षिणी हरियाणा विरोधी मानसिकता का प्रतीक है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खासतौर पर दक्षिणी हरियाणा के अंदर हर जिले में यूनिवर्सिटी की स्थापना की गयी थी.
कांग्रेस ने की नई यूनिवर्सिटी की स्थापना
लोगों ने कांग्रेस के कार्यकाल में नई यूनिवर्सिटी की स्थापना देखी है. यूनिवर्सिटी में सीटें बढ़ाते देखा है, लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार पहली ऐसी सरकार है, जिसने अपने 5 साल के कार्यकाल में एक भी नयी यूनिवर्सिटी की स्थापना करना तो दूर, कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में करीब दो तिहाई सीटें घटाने का काम किया है. शिक्षण संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की बजाय सीटों को घटाने के फैसले को सरकार तुरंत वापस ले.
युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़
दक्षिणी हरियाणा के युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए इन संस्थानों की स्थापना की गयी थी. पिछले 5 साल से शिक्षा और खेल के क्षेत्र में नकारात्मक सोच के साथ भाजपा सरकार चली है. भाजपा सरकार का पिछले 5 साल का कार्यकाल पूरी तरह से विफलताओं से भरा हुआ रहा है. इसने हरियाणा को विकास की पटरी से उतारने का काम किया है. सरकार लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.
इग्नू से जुड़े कॉलेज
मीरपुर के इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय से अब तक रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले के 82 कॉलेजों को ही जोड़ा गया है. जींद की चौधरी रणबीर सिंह युनिवर्सटी CRSU के 48 कॉलेज अब फिर से इग्नू से जल्द जुड़ने जा रहे हैं.
सरकार ने की इन विषयों की सीट में कमी
इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में कई विषयों में सीटों की संख्या घटा दी गयी है. जिसके चलते छात्रों में भारी आक्रोश है. जानकारी के मुताबिक एलएलबी कोर्स में सीटों की संख्या 180 से घटाकर 60, एमएससी फिजिक्स, बोटनी और जूलॉली में 60 से घटाकर 20 सीट, एमएससी मैथ में 60 से 50, एमएससी सीएस में 60 से 40, बी. फार्मा में 60 से 50 सीट कर दी गई हैं, जबकि एलएलएम कोर्स को ही बंद कर दिया गया. इतना ही नहीं आईजीयू की मान्यता खत्म होने के बाद इसका नवीनीकरण तक नहीं कराया गया.
इग्नू में बढ़े विषय
सीटें घटने के साथ ही इग्नू में इन विषयों की बढ़ोतरी भी हुई है. MSW, MSC बायोटेक्नोलॉजी, MSC साइक्लोजिक विषयों में अब छात्र इग्नू में दाखिला लें सकेंगे.