रेवाड़ी: खबर ईटीवी भारत ने दो दिन पूर्व ही दिखाई गई थी. खबर दिखाई जाने के बाद अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद टूटी. जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिनेश गुप्ता पार्क में चल रहे स्कूल में पहुंचे और संस्था को हिदायत देते हुए कहा कि बच्चों को सभी सरकारी स्कूल में सुविधाएं दी जाएंगी. बगैर कागजात के ही बच्चों के सरकारी सरकारी स्कूल में दाखिले किए जाएंगे.
माता-पिता के पास नहीं जरूरी कागजात
डाक्यूमेंट्स पूरे न होने के कारण इन बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में नहीं हो पा रहा था. ये बच्चे प्रवासी मजदूरों के हैं जो हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों से यहां रोजी-रोटी के लिए अपना घर छोड़ कर आए हैं. लेकिन उनके बच्चों को शिक्षा से बंचित रहना पड़ रहा है. बच्चों के माता-पिता के पास स्थानीय आधार कार्ड, राशन कार्ड और जरूरी कागजात नहीं है. जिस वजह से इन बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में नहीं हुआ.
पार्क में पढ़ते बच्चे
अध्यापिका का कहना है कि शिक्षा सबका अधिकार है लेकिन ये बच्चे कागजात के अभाव में शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. इसी को लेकर उनकी संस्था ने बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने बच्चों के दाखिले के सरकार से कई बार आवेदन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. बच्चों की साल खराब न हो इसके लिए उन्होंने बच्चों को पार्क में पढ़ाना शुरू कर दिया.
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हर रोज बच्चों की पाठशाला राजेश पायलट चौक के पास सौर ऊर्जा पार्क में लगाई जाती है. यहां नर्सरी से लेकर पांचवी तक के बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों में तीन साल से लेकर 12 साल तक के बच्चे पढ़ने आते हैं. हर रोज यहां कड़के की ठंड में बच्चों को धरती पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है. इनमें से कुछ बच्चे शिक्षा ग्रहण करके इंजीनियर तो कोई डॉक्टर बनना चाहता है.
नगर परिषद ने कराई टॉयलेट की व्यवस्था
ईटीवी भारत से खास बातचीत में स्कूल अध्यापिका रेखा ने बताया कि उन्हें किस तरह समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. बच्चों को शौचालय जाने की भी परेशानी होती है. उसको ले उसे उसके लिए नगर परिषद की ओर से एक टॉयलेट की भी सुविधा संस्था को दी गई है.