रेवाड़ी: कोरोना वायरस महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए पीएम मोदी ने देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया है. ऐसे में प्रवासी मजदूरों सहित गरीब लोगों के सामने रोटी का संकट गहराने लगा है. इस संकट की घड़ी में कुछ सामाजिक संस्थाओं ने गरीबों को खाना खिलाने का जिम्मा उठाया हुआ है.
रेवाड़ी की भीम बस्ती स्थित बाबा फकीर की कुटिया में लॉकडाउन लगने की सुबह से ही जरूरतमंदों के लिए खाना बनाने का काम शुरू किया गया. खाना बनाने की शुरुआत 500 लोगों से हुई. धीरे-धीरे लोगों की डिमांड बढ़ती चली गई और खाने की मात्रा भी बढ़ती चली गई.
बाबा फरीद की कुटिया में प्रवासी मजदूरों की डिमांड पर सुबह दाल-चावल और शाम के खाने में सब्जी-पूड़ी बनाई जा रही है. इतना ही नहीं सुबह और दोपहर ने चाय भी बिस्किट के साथ दी जा रही है. वहीं बच्चों के लिए दोनों समय दूध और बुजुर्गों के लिए फल बांटने का काम भी यह संस्था लगातार कर रही है.
खाना तैयार करते वक्त सेवादार साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रख रहे हैं. बाबा फरीद की कुटिया में खाना बनाने और खाना बांटने वालों की एंट्री करने से पहले उनके हाथों को सेनिटाइज किया जाता है. बाबा फरीद की रसोई का चूल्हा सुबह 7 बजे से लेकर रात 10 बजे तक चलता है.
इस संबंध में बाबा फरीद की कुटिया के संचालक दिनेश राजपाल ने बताया कि यह संस्था प्रशासन के सहयोग के बिना ही लोगों को खाना पहुंचा रही है. उन्होंने बताया कि जबतक देश में लॉकडाउन रहेगा तबतक यह संस्था लोगों को खाना पहुंचाती रहेगी.
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