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खबर का असर: प्रशासन ने सुनी प्रवासी मजदूर की फरियाद

ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. लॉकडाउन के कारण रेवाड़ी में फंसे प्रवासी मजदूर के बेटे की गांव में मौत हो गई. लेकिन वो लॉकडाउन के कारण अपने गांव नहीं जा पा रहा था. ईटीवी भारत ने ये खबर प्रमुखता से दिखाई जिसके बार प्रशासन ने उसके लिए गांव जाने के लिए साधन की व्यवस्था की है.

Administration listened to the complaint of migrant laborer
प्रशासन ने सुनी प्रवासी मजदूर की फरियाद
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Published : Apr 19, 2020, 4:23 PM IST

रेवाड़ी: कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बाद देश में लगा लॉकडाउन अब उन प्रवासियों पर भारी पड़ रहा है जो दूसरे राज्यों से रोजी-रोटी कमाने हरियाणा में आए थे. यूपी के बांदा जिले के गांव मुहूखर निवासी बाबू पिछले दो वर्षों से हरियाणा के रेवाड़ी में मजदूरी करने के लिए आया था.

प्रशासन ने सुनी प्रवासी मजदूर की फरियाद

लॉकडाउन में वो रेवाड़ी में फंस गया. इस दौरान उसके गांव में उसका 5 साल के बेटे की पानी में डूबने से मौत हो गई. लेकिन लॉकडाउन के कारण वो गांव नहीं पहुंच पा रहा था.

इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई. जिसके बाद प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए पीड़ित के पिता को उसके गांव तक छोड़ने के लिए इजाजत देने के साथ ही साधन भी उपलब्ध कराया. प्रवासी मजदूर बाबू ने ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हुए कहा कि खबर दिखने के बाद मुझे अपने गांव जाने की इजाजत दी गई. मैं बहुत आभारी हूं.

आपको बता दें कि बाबू पुत्र सुरजा यूपी के बांदा जिले से 6 किलोमीटर दूर गांव मुहूखर का रहने वाला है. जो परिवार के लिए दो जून की रोटी कमाने पिछले दो वर्षों से हरियाणा के रेवाड़ी में आया हुआ था.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन का फायदा: पानीपत के क्राइम में 50 फीसदी की गिरावट

रेवाड़ी: कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बाद देश में लगा लॉकडाउन अब उन प्रवासियों पर भारी पड़ रहा है जो दूसरे राज्यों से रोजी-रोटी कमाने हरियाणा में आए थे. यूपी के बांदा जिले के गांव मुहूखर निवासी बाबू पिछले दो वर्षों से हरियाणा के रेवाड़ी में मजदूरी करने के लिए आया था.

प्रशासन ने सुनी प्रवासी मजदूर की फरियाद

लॉकडाउन में वो रेवाड़ी में फंस गया. इस दौरान उसके गांव में उसका 5 साल के बेटे की पानी में डूबने से मौत हो गई. लेकिन लॉकडाउन के कारण वो गांव नहीं पहुंच पा रहा था.

इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई. जिसके बाद प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए पीड़ित के पिता को उसके गांव तक छोड़ने के लिए इजाजत देने के साथ ही साधन भी उपलब्ध कराया. प्रवासी मजदूर बाबू ने ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हुए कहा कि खबर दिखने के बाद मुझे अपने गांव जाने की इजाजत दी गई. मैं बहुत आभारी हूं.

आपको बता दें कि बाबू पुत्र सुरजा यूपी के बांदा जिले से 6 किलोमीटर दूर गांव मुहूखर का रहने वाला है. जो परिवार के लिए दो जून की रोटी कमाने पिछले दो वर्षों से हरियाणा के रेवाड़ी में आया हुआ था.

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