पानीपत में महिला से मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर साइबर ठगी (cyber crime in panipat) का मामला सामने आया है. खबर है कि ठगों ने फर्जी मुंबई पुलिसकर्मी बनकर इस वारदात को अंजाम दिया. भरोसा जीतने के लिए ठगों ने महिला को व्हाट्सअप पर दो पुलिसकर्मियों के ID कार्ड भी भेजे थे. जिसके बाद महिला ने उनपर भरोसा करते हुए 98 हजार रुपए ट्रांसफर (woman cheated in panipat) कर दिए.
महिला को जब उसके साथ हुई ठगी का अहसास हुआ तो उसने मामले की शिकायत पुलिस को दी. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ ठगी का केस दर्ज कर लिया है. मॉडल टाउन थाना पुलिस को दी शिकायत में शैली ने बताया कि वो मॉडल टाउन की रहने वाली है. 10 दिसंबर को उसके फोन पर एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने कहा कि वह Fed-ex (एक वैश्विक कूरियर डिलीवरी सेवा कंपनी) से बात कर रहा है.
आरोपी ने कहा कि उनके पास महिला के नाम से एक कुरियर आया है. जिस पर नाम और फोन नंबर महिला का है. इस कुरियर में काफी गैर कानूनी सामान है. इसके बाद उसने कहा वह कॉल को मुंबई पुलिस को ट्रांसफर कर रहे हैं और वहां वह अपनी शिकायत लिखवा दें. इसके बाद उन्होंने पुलिस के दो ID कार्ड भी व्हाट्सअप पर भेजी. जिन्होंने डरा कर बोला कि आपके आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग चल रही है. इसके बाद उन्होंने एक खाता नंबर देकर कहा मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए आपके खाते में जितने भी रुपए हैं, वो जमा करवा दें. ठग ने महिला को भरोसा दिलाया कि उसके अकाउंट में 15 मिनट में वो पैसे वापस आ जाएंगे.
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महिला ने उनके कहने पर 3 ट्रांजेक्शन में कुल 98 हजार रुपए उक्त बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद अचानक उन लोगों ने संपर्क तोड़ दिया. जिसके बाद उसे ठगी का अहसास हुआ. गौरतलब है कि साइबर ठगी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. जिसके लिए जनता को जागरुक होने की बहुत ज्यादा जरुरत है और प्रशासन को इन ठगों पर नकेल कसने के लिए बड़े कदम उठाने चाहिए ताकि साइब क्राइम पर रोक लग सके.
साइबर हेल्पलाइन नंबर- 1930 करेगा आपकी मदद- दरअसल पुलिस प्रवक्ता ने इस जानकारी देते हुए बताया कि अक्तूबर माह को साइबर जागरूकता माह के तौर पर मनाया गया था. जिसकी थीम सी योरसेल्फ इन साइबर (see yourself in cyber) थी. अक्टूबर महीने में प्रदेश के सभी जिलों में तकरीबन 3300 साइबर जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. जिसके कारण आम जनता में साइबर अपराधों के प्रति समझ और साइबर हेल्पलाइन 1930 के (Cyber Helpline Number 1930) बारे में जागरूकता आई थी. उसी का नतीजा है कि अब साइबर अपराध होते ही शिकायत तुरंत हेल्पलाइन पर दी जाती है और पुलिस खाते को फ्रीज कर पैसे लौटा देती है.