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पानीपत में बढ़ रही टीबी के मरीजों की संख्या, डॉक्टर्स से जानें बचाव के उपाय

पानीपत में टीबी के मरीजों (TB patients in Panipat) की संख्या बढ़ती जा रही है. एक तरफ टीबी की बीमारी से पीड़ित कह रहे हैं कि उन्हें वक्त पर दवाईयां नहीं मिल रही. तो दूसरी तरफ प्रशासन व्यवस्थाओं के दुरुस्त होने का दावा कर रहा है.

TB patients in Panipat
TB patients in Panipat
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Published : Feb 11, 2022, 4:44 PM IST

पानीपत: जिले में टीबी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. चिंता की बात ये है कि टीबी से मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. करीब 1 सप्ताह पहले पानीपत जिले में टीबी (TB patients in Panipat) से 15 साल की युवती की मौत हो गई. इससे पहले 14 साल की युवती भी टीबी की वजह से जिंदगी की जंग हार गई. डॉक्टरों का मानना है कि इस समय टीबी से हुई मौत का बड़ा कारण कोरोना भी है.

पानीपत जिले में टीबी के लिए 6 सेंटर (TB Center in Panipat) बनाए गए हैं. साल 2021 में टीबी के 2 हजार 297 लोगों का इलाज किया गया. इस साल अभी तक 2022 की बात करें तो 161 नए मरीज टीबी से ग्रसित पाए गए हैं. सरकार लगभग 1900 लोगों को ₹500 प्रतिमाह भत्ता भी दे रही है. इसके बाद भी टीबी के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं पीड़ित परिजनों के मुताबिक उन्हें टाइम पर दवाइयां नहीं मिलती. भत्ते के लिए भी उन्हें कई चक्कर लगाने पड़ते हैं.

पानीपत में बढ़ रही टीबी के मरीजों की संख्या, डॉक्टर्स से जानें बचाव के उपाय

पिछले साल पानीपत के काबड़ी सेंटर में 9 मरीज, निजी अस्पतालों में 380, मतलोड़ा के सरकारी सेंटर में 134 मरीज अपना इलाज करवा चुके हैं. इसके अलावा पानीपत के सिविल अस्पताल में 1943 मरीज, प्राइवेट अस्पताल में 195 मरीजों का इलाज किया गया. समालखा के टीबी सेंटर में 104 लोगों इलाज किया गया. वहीं 23 को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ा. ओझा के टीवी सेंटर में 21 लोगों का इलाज किया गया और प्राइवेट में 570 लोगों का इलाज हुआ.

टीबी के बढ़ते मरीजों की संख्या के साथ उनकी मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. डॉक्टर्स के मुताबिक टीबी से ग्रसित लोग अगर कोरोना वायरस की चपेट में आते हैं तो उसके फेफड़े टीवी के साथ वायरस से भी ग्रसित हो जाते हैं. जिससे की टीबी और भी खतरनाक हो जाता है. इसलिए डॉक्टर्स ने सभी को मास्क लगाने और दो गज की दूरी बनाने की हिदायत दी है.

ये भी पढ़ें- किसानों के इस्तीफे के बाद चढूनी ने जारी किया वीडियो, बताया आखिर क्यों ज्वाइन करनी पड़ी पॉलिटिक्स

बचाव कैसे करें? टीबी की बीमारी से बचने के लिए अपनी इम्युनिटी को बढ़िया रखें. न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट जैसे सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि का इस्तेमाल करें. ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर ना रहें और वहां जाने से परहेज करें. मरीज को हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहना चाहिए. कमरे में हवा आनी चाहिए. पंखा चलाकर खिड़कियां खोल दें ताकि बैक्टीरिया बाहर निकल सके. मरीज स्प्लिट एसी से परहेज करें क्योंकि तब बैक्टीरिया अंदर ही घूमता रहेगा और दूसरों को बीमार करेगा.

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पानीपत: जिले में टीबी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. चिंता की बात ये है कि टीबी से मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. करीब 1 सप्ताह पहले पानीपत जिले में टीबी (TB patients in Panipat) से 15 साल की युवती की मौत हो गई. इससे पहले 14 साल की युवती भी टीबी की वजह से जिंदगी की जंग हार गई. डॉक्टरों का मानना है कि इस समय टीबी से हुई मौत का बड़ा कारण कोरोना भी है.

पानीपत जिले में टीबी के लिए 6 सेंटर (TB Center in Panipat) बनाए गए हैं. साल 2021 में टीबी के 2 हजार 297 लोगों का इलाज किया गया. इस साल अभी तक 2022 की बात करें तो 161 नए मरीज टीबी से ग्रसित पाए गए हैं. सरकार लगभग 1900 लोगों को ₹500 प्रतिमाह भत्ता भी दे रही है. इसके बाद भी टीबी के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं पीड़ित परिजनों के मुताबिक उन्हें टाइम पर दवाइयां नहीं मिलती. भत्ते के लिए भी उन्हें कई चक्कर लगाने पड़ते हैं.

पानीपत में बढ़ रही टीबी के मरीजों की संख्या, डॉक्टर्स से जानें बचाव के उपाय

पिछले साल पानीपत के काबड़ी सेंटर में 9 मरीज, निजी अस्पतालों में 380, मतलोड़ा के सरकारी सेंटर में 134 मरीज अपना इलाज करवा चुके हैं. इसके अलावा पानीपत के सिविल अस्पताल में 1943 मरीज, प्राइवेट अस्पताल में 195 मरीजों का इलाज किया गया. समालखा के टीबी सेंटर में 104 लोगों इलाज किया गया. वहीं 23 को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ा. ओझा के टीवी सेंटर में 21 लोगों का इलाज किया गया और प्राइवेट में 570 लोगों का इलाज हुआ.

टीबी के बढ़ते मरीजों की संख्या के साथ उनकी मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. डॉक्टर्स के मुताबिक टीबी से ग्रसित लोग अगर कोरोना वायरस की चपेट में आते हैं तो उसके फेफड़े टीवी के साथ वायरस से भी ग्रसित हो जाते हैं. जिससे की टीबी और भी खतरनाक हो जाता है. इसलिए डॉक्टर्स ने सभी को मास्क लगाने और दो गज की दूरी बनाने की हिदायत दी है.

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बचाव कैसे करें? टीबी की बीमारी से बचने के लिए अपनी इम्युनिटी को बढ़िया रखें. न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट जैसे सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि का इस्तेमाल करें. ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर ना रहें और वहां जाने से परहेज करें. मरीज को हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहना चाहिए. कमरे में हवा आनी चाहिए. पंखा चलाकर खिड़कियां खोल दें ताकि बैक्टीरिया बाहर निकल सके. मरीज स्प्लिट एसी से परहेज करें क्योंकि तब बैक्टीरिया अंदर ही घूमता रहेगा और दूसरों को बीमार करेगा.

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