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Gangster Rohtas alias Tasi: सांसद के घर डकैती डालने वाला हरियाणा का वो कुख्यात गैंगस्टर, जिसके दहशत से इलाका कांपता था

हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर रोहतास उर्फ ताशी (Gangster Rohtas alias Tasi ) ने जिस तेजी से अपराध की दुनिया में कदम बढ़ाए, उसका अंत भी वैसा ही हुआ. इस गैंगस्टर की दहशत पुलिस एनकाउंटर के बाद ही खत्म हुई. इसकी दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 4 राज्यों में उसने आतंक मचाया हुआ था.

Gangster Rohtas alias Tasi Haryana gangster crime story Haryana Police caught gangster
हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर जिसने तत्कालीन सांसद के घर की डकैती
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Published : Feb 1, 2023, 3:37 PM IST

Updated : Feb 1, 2023, 4:51 PM IST

पानीपत: हरियाणा ही नहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में 90 के दशक में गैंगस्टर रोहतास उर्फ ताशी कुख्यात था. उस समय अखबारों के पन्ने रोज उस गैंगस्टर के क्राइम की सुर्खियों से भरे होते थे. हम बात कर रहे हैं पानीपत के सिवाह गांव के रहने वाले रोहतास उर्फ तासी की, जो 1995 से लेकर 2001 तक जुर्म की दुनिया में कुख्यात हो चुका था. कुख्यात गैंगस्टर रोहतास को बचपन से ही पहलवान बनने का शौक था. अच्छा पहलवान बनने के लिए उसने दिल्ली के अखाड़े में एडमिशन भी लिया था लेकिन परिवार में हुई एक घटना ने उसकी पूरी जिंदगी को बदल कर रख दिया.

जानकारी के अनुसार 18 साल की उम्र में घर में हुए पारिवारिक झगड़े के चलते परिवार के सदस्य राजवीर का सिर फोड़ने के जुर्म में रोहतास का नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था. उसके बाद वह अपराध के दलदल से कभी वापस नहीं आ सका. हत्या, डकैती और रंगदारी की हर गंभीर वारदात को उसने अंजाम दिया. अपराध की दुनिया में पूर्व से पश्चिम तक एक तरफा राज कायम करने का सपना ही उसके जीवन का लक्ष्य बन गया था. इस सपने के बीच में जो भी आया, उसकी हत्या करने में उसने जरा सी भी देर नहीं की.

Gangster Rohtas alias Tasi Haryana gangster crime story Haryana Police caught gangster
हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर जिसने तत्कालीन सांसद के घर की डकैती.

गैंगस्टर रोहतास ने की कई हत्याएं: इसी बीच गुडगांव जेल में मर्डर, डकैती व लूटपाट करने के जुर्म में बंद रहते हुए इस गैंगस्टर का झगड़ा फौजी गैंग से हुआ. जमानत पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया. इसके बाद गैंगस्टर रोहतास ने एक के बाद एक, 12 से भी ज्यादा हत्याएं की. फरारी के दौरान रोहतास की दोस्ती गैंगस्टर पुष्पेंद्र जाट से हुई. अब तक रोहतास हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर बन चुका था.

जिसने राजस्थान के भरतपुर के नंगला कुआं पंगोर में एक साथ 14 लोगों की सामुहिक हत्या की थी. पुष्पेंद्र जाट के साथ मिलकर रोहतास उर्फ तासी ने गाजियाबाद की मंडी के व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी. उसके बाद दोनों ने मेरठ के व्यापारी स्वतंत्र रस्तोगी का अपहरण कर लिया. मथुरा के चर्चित वकील अशोक व उसके दो साथियों की गोली मारकर हत्या करने वाला भी रोहतास उर्फ तासी ही था.

पढ़ें: Gangster Prasanna alias Lambu: जेल में रहकर पुलिस के लिए सिर दर्द बना हरियाणा का ये कुख्यात गैंगस्टर, व्यापारी मांगते हैं पनाह

गैंगस्टर्स की दोस्ती ने बढ़ाया क्राइम: जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद इस गैंगस्टर की दोस्ती दूसरे गैंग के बदमाशों से साथ होने लगी. वकील की हत्या के बाद रोहतास की दोस्ती कुख्यात बदमाश कुलदीप कालवा से हुई. कुलदीप कालवा के साथ मिलकर रोहतास ने पानीपत के सिंचाई विभाग के दफ्तर में 10 लाख की डकैती की थी. इस वारदात को अंजाम देने के बाद रोहतास और उसके साथी को पुलिस ने काबू कर लिया और कुलदीप कालवा मौके से फरार हो गया. रोहतास के जेल में जाने के बाद कुलदीप कालवा अकेला पड़ गया.

पुलिस पर हमला कर गैंगस्टर को छुड़ाया: कुलदीप कालवा को अपने दोस्त अजीत पहलवान की हत्या का बदला लेना था. इस मकसद को पूरा करने के लिए कुलदीप ने रोहतास को जेल से भगाने की योजना बनाई. जब पुलिस रोहतास को अंबाला जेल से सोनीपत कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी. उस दौरान कुलदीप कालवा ने करनाल के घरौंडा के पास पुलिस वैन पर अपने साथियों के साथ हमला कर दिया.

कुलदीप ने रोहतास को छुड़वा लिया. रोहतास ने पुलिस वैन से बाहर निकलते ही पुलिस टीम के एक एएसआई को गोली मार दी. वह पुलिसकर्मी की सर्विस रिवाल्वर लेकर फरार हो गया. फरार होने के 2 दिन बाद ही रोहतास उर्फ तासी ने तत्कालीन सांसद चिरंजीलाल के घर डकैती की वारदात को अंजाम देकर पुलिस और प्रशासन को सीधे चुनौती दे दी.

पढ़ें: गुरुग्राम में युवक की पीट पीटकर हत्या मामले में 5 गिरफ्तार, वीडियो में देखिए आरोपी ने कैसे दिया वारदात को अंजाम

हरियाणा का प्रीतम आहूजा हत्याकांड: 16 मार्च 2000 को कुलदीप कालवा के दोस्त अजीत पहलवान की जाटल रोड पर अखाड़े में 3 बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में दुर्जन, सुरेंद्र काला व प्रकाश जींद का नाम सामने आया था. इसी बीच राजनीति में बड़ा रसूख रखने वाले और सुरेंद्र काला के पक्षधर प्रीतम आहूजा के घर कुख्यात बदमाश कुलदीप कालवा और गैंगस्टर रोहतास उर्फ तासी ने धावा बोल दिया. इन्होंने प्रीतम आहूजा की हत्या कर दी. इस दौरान बीच बचाव करने आए प्रीतम आहूजा के भतीजे रिंकू को भी गोली लग गई.

पुलिस मुठभेड़ में ढ़ेर हुआ गैंगस्टर रोहतास: इस हत्याकांड से मानो हरियाणा की राजनीति और प्रशासनिक अफसरों में हड़कंप मच गया. कहा जाता है कि यही गलती रोहतास और कुलदीप कालवा के अंत का कारण बनी. प्रीतम आहूजा हत्याकांड के बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के साथ ही हिमाचल पुलिस भी गैंगस्टर की तलाश में छापेमारी में जुट गई.

पढ़ें: गुरुग्राम के बलदेव नगर में हेलमेट से युवती को पीटा, सीसीटीवी वीडियो में दिखी हैवानियत

आखिरकार पुलिस को 6 जुलाई 2001 की सुबह 4 बजे वह सूचना मिल गई, जिसका पुलिस को लंबे समय से इंतजार था. पुलिस को पता चला कि रोहतास अपने अन्य साथियों के साथ गाजियाबाद या दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. इसके आधार पर साहिबाबाद पुलिस ने कई टीमें गठित की और क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू कर दिया.

पानीपत पुलिस के 60 हजार के इनामी बदमाश की कार को पुलिस ने घेर लिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर और पुलिस के बीच फायरिंग हुई, जिसमें रोहतास उर्फ ताशी और उसका साथी पलवल निवासी फिरोज खान को मौके पर ही ढेर कर दिया गया. यह भी कहा जाता है कि सत्ता और प्रशासन में मजबूत पकड़ रखने वाले प्रीतम आहूजा की हत्या, इनके एनकाउंटर का कारण बनी थी. रोहतास पर 20 से ज्यादा हत्या और दर्जनों हत्या के प्रयास के मामलों के साथ ही लूट, डकैती और रंगदारी के कई मामले दर्ज थे.

पानीपत: हरियाणा ही नहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में 90 के दशक में गैंगस्टर रोहतास उर्फ ताशी कुख्यात था. उस समय अखबारों के पन्ने रोज उस गैंगस्टर के क्राइम की सुर्खियों से भरे होते थे. हम बात कर रहे हैं पानीपत के सिवाह गांव के रहने वाले रोहतास उर्फ तासी की, जो 1995 से लेकर 2001 तक जुर्म की दुनिया में कुख्यात हो चुका था. कुख्यात गैंगस्टर रोहतास को बचपन से ही पहलवान बनने का शौक था. अच्छा पहलवान बनने के लिए उसने दिल्ली के अखाड़े में एडमिशन भी लिया था लेकिन परिवार में हुई एक घटना ने उसकी पूरी जिंदगी को बदल कर रख दिया.

जानकारी के अनुसार 18 साल की उम्र में घर में हुए पारिवारिक झगड़े के चलते परिवार के सदस्य राजवीर का सिर फोड़ने के जुर्म में रोहतास का नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था. उसके बाद वह अपराध के दलदल से कभी वापस नहीं आ सका. हत्या, डकैती और रंगदारी की हर गंभीर वारदात को उसने अंजाम दिया. अपराध की दुनिया में पूर्व से पश्चिम तक एक तरफा राज कायम करने का सपना ही उसके जीवन का लक्ष्य बन गया था. इस सपने के बीच में जो भी आया, उसकी हत्या करने में उसने जरा सी भी देर नहीं की.

Gangster Rohtas alias Tasi Haryana gangster crime story Haryana Police caught gangster
हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर जिसने तत्कालीन सांसद के घर की डकैती.

गैंगस्टर रोहतास ने की कई हत्याएं: इसी बीच गुडगांव जेल में मर्डर, डकैती व लूटपाट करने के जुर्म में बंद रहते हुए इस गैंगस्टर का झगड़ा फौजी गैंग से हुआ. जमानत पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया. इसके बाद गैंगस्टर रोहतास ने एक के बाद एक, 12 से भी ज्यादा हत्याएं की. फरारी के दौरान रोहतास की दोस्ती गैंगस्टर पुष्पेंद्र जाट से हुई. अब तक रोहतास हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर बन चुका था.

जिसने राजस्थान के भरतपुर के नंगला कुआं पंगोर में एक साथ 14 लोगों की सामुहिक हत्या की थी. पुष्पेंद्र जाट के साथ मिलकर रोहतास उर्फ तासी ने गाजियाबाद की मंडी के व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी. उसके बाद दोनों ने मेरठ के व्यापारी स्वतंत्र रस्तोगी का अपहरण कर लिया. मथुरा के चर्चित वकील अशोक व उसके दो साथियों की गोली मारकर हत्या करने वाला भी रोहतास उर्फ तासी ही था.

पढ़ें: Gangster Prasanna alias Lambu: जेल में रहकर पुलिस के लिए सिर दर्द बना हरियाणा का ये कुख्यात गैंगस्टर, व्यापारी मांगते हैं पनाह

गैंगस्टर्स की दोस्ती ने बढ़ाया क्राइम: जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद इस गैंगस्टर की दोस्ती दूसरे गैंग के बदमाशों से साथ होने लगी. वकील की हत्या के बाद रोहतास की दोस्ती कुख्यात बदमाश कुलदीप कालवा से हुई. कुलदीप कालवा के साथ मिलकर रोहतास ने पानीपत के सिंचाई विभाग के दफ्तर में 10 लाख की डकैती की थी. इस वारदात को अंजाम देने के बाद रोहतास और उसके साथी को पुलिस ने काबू कर लिया और कुलदीप कालवा मौके से फरार हो गया. रोहतास के जेल में जाने के बाद कुलदीप कालवा अकेला पड़ गया.

पुलिस पर हमला कर गैंगस्टर को छुड़ाया: कुलदीप कालवा को अपने दोस्त अजीत पहलवान की हत्या का बदला लेना था. इस मकसद को पूरा करने के लिए कुलदीप ने रोहतास को जेल से भगाने की योजना बनाई. जब पुलिस रोहतास को अंबाला जेल से सोनीपत कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी. उस दौरान कुलदीप कालवा ने करनाल के घरौंडा के पास पुलिस वैन पर अपने साथियों के साथ हमला कर दिया.

कुलदीप ने रोहतास को छुड़वा लिया. रोहतास ने पुलिस वैन से बाहर निकलते ही पुलिस टीम के एक एएसआई को गोली मार दी. वह पुलिसकर्मी की सर्विस रिवाल्वर लेकर फरार हो गया. फरार होने के 2 दिन बाद ही रोहतास उर्फ तासी ने तत्कालीन सांसद चिरंजीलाल के घर डकैती की वारदात को अंजाम देकर पुलिस और प्रशासन को सीधे चुनौती दे दी.

पढ़ें: गुरुग्राम में युवक की पीट पीटकर हत्या मामले में 5 गिरफ्तार, वीडियो में देखिए आरोपी ने कैसे दिया वारदात को अंजाम

हरियाणा का प्रीतम आहूजा हत्याकांड: 16 मार्च 2000 को कुलदीप कालवा के दोस्त अजीत पहलवान की जाटल रोड पर अखाड़े में 3 बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में दुर्जन, सुरेंद्र काला व प्रकाश जींद का नाम सामने आया था. इसी बीच राजनीति में बड़ा रसूख रखने वाले और सुरेंद्र काला के पक्षधर प्रीतम आहूजा के घर कुख्यात बदमाश कुलदीप कालवा और गैंगस्टर रोहतास उर्फ तासी ने धावा बोल दिया. इन्होंने प्रीतम आहूजा की हत्या कर दी. इस दौरान बीच बचाव करने आए प्रीतम आहूजा के भतीजे रिंकू को भी गोली लग गई.

पुलिस मुठभेड़ में ढ़ेर हुआ गैंगस्टर रोहतास: इस हत्याकांड से मानो हरियाणा की राजनीति और प्रशासनिक अफसरों में हड़कंप मच गया. कहा जाता है कि यही गलती रोहतास और कुलदीप कालवा के अंत का कारण बनी. प्रीतम आहूजा हत्याकांड के बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के साथ ही हिमाचल पुलिस भी गैंगस्टर की तलाश में छापेमारी में जुट गई.

पढ़ें: गुरुग्राम के बलदेव नगर में हेलमेट से युवती को पीटा, सीसीटीवी वीडियो में दिखी हैवानियत

आखिरकार पुलिस को 6 जुलाई 2001 की सुबह 4 बजे वह सूचना मिल गई, जिसका पुलिस को लंबे समय से इंतजार था. पुलिस को पता चला कि रोहतास अपने अन्य साथियों के साथ गाजियाबाद या दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. इसके आधार पर साहिबाबाद पुलिस ने कई टीमें गठित की और क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू कर दिया.

पानीपत पुलिस के 60 हजार के इनामी बदमाश की कार को पुलिस ने घेर लिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर और पुलिस के बीच फायरिंग हुई, जिसमें रोहतास उर्फ ताशी और उसका साथी पलवल निवासी फिरोज खान को मौके पर ही ढेर कर दिया गया. यह भी कहा जाता है कि सत्ता और प्रशासन में मजबूत पकड़ रखने वाले प्रीतम आहूजा की हत्या, इनके एनकाउंटर का कारण बनी थी. रोहतास पर 20 से ज्यादा हत्या और दर्जनों हत्या के प्रयास के मामलों के साथ ही लूट, डकैती और रंगदारी के कई मामले दर्ज थे.

Last Updated : Feb 1, 2023, 4:51 PM IST
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