पानीपत: लॉकडाउन के दौरान खाने की बंदरबांट को लेकर सामाजिक संस्थाएं निशाने पर आ गई है. जिसका चलते कुछ गरीब तबकों के पास एक से अनेक बार भोजन पहुंच रहा है. कुछ लोगों के पास पहुंच ही नहीं रहा. उसी को लेकर सर्व संगठन सेवा संस्थान द्वारा समाजिक कार्ड बनाए जाने को लेकर प्रधान सुरेश काबरा ने सुखदेव नगर में प्रबुद्ध विभिन्न विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की.
मीटिंग में पानीपत के लगभग 200 संगठनों के पदाधिकारियों ने सहमति के देते हुए समाजिक कार्ड की पुरजोर वकालत की. समाजिक कार्ड द्वारा उन लोगों तक भी भोजन पहुंचेगा, जिन लोगों के पास ना तो राशन कार्ड है ना ही कोई पहचान पत्र है. चाहे वह किसी भी कस्बे में हो या किसी गांव में हो या किसी शहर, मोहल्ले में हो.
इसके लिए अनिवार्य यह है कि वह सिर्फ जहां पर रहते हैं. वहीं पर दो पहचान वाले व्यक्तियों से अपनी वेरिफिकेशन करवाएं. जिसके द्वारा वहीं वार्ड उनको सामाजिक कार्ड मुहैया करवा दिया जाएगा. जिसके द्वारा भोजन की व्यवस्था ठीक होगी और खाने की बंदरबांट भी नहीं होगी.
इस संबंध में सुरेश काबरा ने कहा कि इस कार्ड की कोई वैधानिक मान्यता नहीं है. इसको बनाने का मकसद सिर्फ कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान जन-जन तक भोजन पहुंचाना है. उन्होंने बताया कि इस मुहिम के अंतर्गत इस कार्ड का बनना अनिवार्य है. जिसको लेकर वह पानीपत के जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया है. इसके द्वारा उन्होंने सभी पानीपत वासियों से लॉकडाउन के नियमों की पालना करने के लिए प्रार्थना भी की. उन्होंने कहा कि अगर यह कार्ड वाकई लागू होता है, तो कहीं ना कहीं भोजन की सही व्यवस्था भी होगी और बड़े स्तर पर जहां भोजन पहुंचना चाहिए वहां भी पहुंचेगा.
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