पानीपत: जिले के बस डिपो परिसर मे मंगलवार को रोडवेज कर्मियों ने सरकार के खिलाफ (protest against privatization in Haryana) प्रदर्शन किया. रोडवेज महाप्रबंधक की नकारात्मक कार्यप्रणाली, कर्मचारियों के उत्पीड़न के खिलाफ और कर्मचारियों की लंबित समस्याओं के समाधान की मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी यूनियन 28 फरवरी को राष्ट्रव्यापी चक्का जाम करने जा रही है. पानीपत में रोडवेज कर्मचारी यूनियन के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को बैठक कर रोडवेज के निजीकरण करने पर विरोध जताया है.
विभागीय मांगों एवं देश व प्रदेश सरकार की निजीकरण जैसी जनविरोधी नीतियों के विरोध स्वरूप रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा संबंधित हरियाणा कर्मचारी सांझा मोर्चा एवं एटक के आह्वान पर रोडवेज कर्मचारी 28 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर चक्का जाम करेंगे. हरियाणा कर्मचारी सांझा मोर्चा की मीटिंग में कर्मचारियों ने सरकार पर वायदा खिलाफी व मांगें पूरी नहीं करने का आरोप लगाया है. सांझा मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य कर्मचारियों ने कहा कि सरकार द्वारा प्राइवेट बसों को बेड़े में शामिल करने की तैयारी की जा रही है. इसके चलते रोडवेज का निजीकरण होना संभव है.
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ऐसे में प्राइवेट बसों को हरियाणा रोडवेज विभाग में किसी भी सूरत में शामिल नहीं होने देंगे. कर्मचारियों ने कहा कि साझा मोर्चा रोडवेज विभाग बचाने, नई बसें शामिल करने, पुरानी पेंशन नीति बहाल सहित कई मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेगा. रोडवेज की सभी यूनियनें एकजुट हो गई हैं और 28 फरवरी को सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे. बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों की मांग है कि सभी विभागों में पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, खाली पदों पर पक्की भर्ती करना योग्यता के आधार पर चालक को तकनीकी निरीक्षक के पद पर प्रमोट किए जाएं, 1992 से लेकर 2002 तक के कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए, बकाया बोनस का भुगतान किया जाए, निजी बसें ठेके पर लेने की नीति रद्द की जाए और अनुकंपा अधिनियम 1964 को पहले की तरह लागू किया जाए.
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मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने की नीति में लगाई गई शर्तें हटाने, कोरोना महामारी से मृतक रोडवेज कर्मचारियों के परिवारों को एक्सग्रेसिया बीमा पालिसी के तहत 50 लाख रुपये मुआवजा देने, वेतनमान अपग्रेड करने, परिचालक व लिपिकों का 35,400 वेतनमान अपग्रेड करने सहित अन्य कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने, सभी कर्मचारियों को 5000 रुपये जोखिम भत्ता देने, कच्चे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, रोडवेज के बेड़े में 10 हजार बसें शामिल करना, परिवहन समिति की बसों को लंबे रूटों पर परमिट देना नीति को रद्द करना उनकी प्रमुख मांगें हैं.
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