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पानीपत के डाहर गांव में खेली जाती है अनोखी डांट होली - डांट होली पानीपत

पानीपत के डाहर गांव में डांट होली खेली जाती है. इस दिन गांव के सभी लोग एक जगह इक्कट्ठे होते हैं और दो भागों में बंटकर होली खेलते हैं. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Mar 10, 2020, 4:37 PM IST

पानीपतः होली मनाते लोग तो आपने बहुत देखे होंगे. लेकिन पानीपत के डाहर गांव में होली अनोखे तरीके से मनाई जाती है. जिसमें लोग अजीब तरीके से होली खेलते हैं. इस होली को डांट होली कहा जाता है.

महिलाएं बरसाती हैं रंग

होली के दिन सारा गांव एक जगह इकट्ठा होता है और दो भागों में बंट जाता है. दो भागों में बंटने के बाद लोग एक-दूसरे को क्रॉस करते हुए निकलते हैं और महिलाएं उनके ऊपर रंग बरसाती हैं.

पानीपत के डाहर गांव में खेली जाती है अनोखी डांट होली

1288 ई. से चल रही है परंपरा

डाहर गांव में यह परंपरा 1288 ई. से चलती आ रही है. अंग्रेजों की ओर से गांव पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी गांव के लोग ये होली खेलते रहे. होली में 36 बिरादरी के लोग इकट्ठा होते हैं और भाईचारे की मिसाल इस गांव में आकर कायम होती है.

गांव में कभी नहीं होता झगड़ा

मौजूदा दौर में जहां 10 लोग भी इकट्ठे हो जाते हैं. वहां झगड़ा हो जाता है पर ये गांव ऐसा गांव है, जहां युवा, बुजुर्ग और बच्चे सभी एक जगह इकट्ठा होकर होली खेलते हैं और आज तक कभी भी गांव में झगड़ा नहीं हुआ. गांव में जब से यह परंपरा चल रही है तब से आज तक अगर गांव पर कोई संकट भी आता है तो यह परंपरा नहीं रोकी गई.

ये भी पढ़ेंः- हरियाणा के इस गांव में 160 साल से नहीं मनाई गई होली, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

पानीपतः होली मनाते लोग तो आपने बहुत देखे होंगे. लेकिन पानीपत के डाहर गांव में होली अनोखे तरीके से मनाई जाती है. जिसमें लोग अजीब तरीके से होली खेलते हैं. इस होली को डांट होली कहा जाता है.

महिलाएं बरसाती हैं रंग

होली के दिन सारा गांव एक जगह इकट्ठा होता है और दो भागों में बंट जाता है. दो भागों में बंटने के बाद लोग एक-दूसरे को क्रॉस करते हुए निकलते हैं और महिलाएं उनके ऊपर रंग बरसाती हैं.

पानीपत के डाहर गांव में खेली जाती है अनोखी डांट होली

1288 ई. से चल रही है परंपरा

डाहर गांव में यह परंपरा 1288 ई. से चलती आ रही है. अंग्रेजों की ओर से गांव पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी गांव के लोग ये होली खेलते रहे. होली में 36 बिरादरी के लोग इकट्ठा होते हैं और भाईचारे की मिसाल इस गांव में आकर कायम होती है.

गांव में कभी नहीं होता झगड़ा

मौजूदा दौर में जहां 10 लोग भी इकट्ठे हो जाते हैं. वहां झगड़ा हो जाता है पर ये गांव ऐसा गांव है, जहां युवा, बुजुर्ग और बच्चे सभी एक जगह इकट्ठा होकर होली खेलते हैं और आज तक कभी भी गांव में झगड़ा नहीं हुआ. गांव में जब से यह परंपरा चल रही है तब से आज तक अगर गांव पर कोई संकट भी आता है तो यह परंपरा नहीं रोकी गई.

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