पानीपत: सब्जियों के लगातार बढ़ रहे भाव कहीं हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार 75 पार का गणित ही ना बिगाड़ दें. लगातार बढ़ती महंगाई के चलते जहां थाली से प्याज और टमाटर गायब हो गया है.
वहीं इस महंगाई ने गृहणियों की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. पिछले कुछ दिनों से सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं. इन दिनों कोई भी सब्जी 70 रुपए किलो से कम नहीं बिक रही है. प्याज और टमाटर के लगातार बढ़ रहे भाव ने खाने का जायका ही बिगाड़ दिया है.
इस महंगाई का असर हरियाणा के विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है. लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 की 10 सीटें बीजेपी को मिलने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और बीजेपी ने अगले महीने 21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में 75 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है.
प्याज ने पलटी कई सरकारें
इस महंगाई से लोगों में भारी नाराजगी है और सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल नजर आ रही है. दुनिया में भारत प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. लेकिन फिर भी देश में प्याज का संकट पैदा हो गया है और कीमतें आसमान छू रही हैं.
प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से पहले भी कई बार सरकारें बदली गई हैं. 1975 में देश में लगी इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में इंदिरा गांधी की सरकार को जनता पार्टी ने सत्ता से बाहर कर दिया था. वहीं इंदिरा गांधी वर्ष 1980 में प्याज को मुद्दा बनाकर सत्ता में लौटी थी.
1988 में अटल बिहारी वाजपेयी और दिल्ली की मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज को प्याज की बढ़ी हुई कीमतों ने सत्ता से बाहर कर दिया था. राजस्थान की सरकार को भी उसी साल प्याज ने उखाड़ दिया था.
वर्ष 2014 के चुनाव के समय भी प्याज की कीमतों में भारी उछाल था और जनता ने कांग्रेसी सरकार का तख्ता पलट दिया था. अब देखना ये है कि अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका क्या प्रभाव पड़ता है.
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