पानीपत: एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पानीपत रिफाइनरी पर 17 करोड़ 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल आरोप था कि रिफानरी से निकलने वाले सल्फर से आस पास के गांव के लोगोम को भयंकर बीमारियां फैल रही हैं. जिस मामले में एनजीटी ने कड़ा संज्ञान लिया है. ट्रिब्यूनल ने एक महीने में जुर्माना भरने के आदेश दिए हैं.
रिफाइनरी के आस-पास के ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पानीपत रिफाइनरी से निकलने वाले प्रदूषित पानी को लेकर कई बार शिकायत की. गंदे पानी की वजह से ग्रीन बेल्ट में सैकड़ों पेड़-पौधे गल-सड़ गए. दूषित पानी की वजह से आसपास गांव के लोगों में बीमारियां फैल रही हैं.
इसकी शिकायत 2018 में सिंघपुरा सुताना गांव के सरपंच ने एनजीटी से की थी. एनजीटी के निर्देश पर डीसी, सीपीसीबी और एसएस पीसीबी की एक टीम ने अपने सर्वे में सही पाया और 15 जनवरी 2019 को टीम ने एनजीटी में अपनी रिपोर्ट जमा की थी.
सुताना गांव के सरपंच सतपाल का कहना हैं कि रिफानरी से निकलने वाला सल्फर लोगों को बीमारियों से ग्रस्त कर रहा है. गांव में 60 प्रतिशत लोग स्किन, दमा, आंखों और पोलियो से पीड़ित हैं. ग्रामीणों ने ईटीवी भारत हरियाणा की टीम को दिखाया कि कैसे 15 से 20 फुट तक केमिकलयुक्त पानी 40 एकड़ में फैला हुआ है. इन लोगों का कहना हैं कि हमारी जमीन का अधिग्रहण कर हमें यहां से शिफ्ट कर दिया जाये.