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हरियाणा में देरी से दस्तक देगा मानसून, जानें कब शुरू होगी बारिश

हर साल के मुकाबले इस साल हरियाणा में मानसून के देरी से पहुंचने की संभावना है. मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार जून के आखिरी सप्ताह या फिर जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून के आने की संभावना है.

हरियाणा में देर से दस्तक देगा मानसून
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Published : Jun 22, 2019, 2:01 PM IST

पानीपत: उत्तरी भारत में इस बार हर साल के मुकाबले कम बारिश होने के आसार हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 24 और 25 जून को हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में बादल छाने के आसार हैं.

इस बार मानसू समय से 15 दिन देरी से चल रहा है. मानसून सामान्य तौर पर जून के आखिरी और जुलाई के पहले सप्ताह में उत्तर भारत में दस्तक देगा. मानसून में देरी के कारण धान की रोपाई में भी देरी होगी. साथ ही मौसम विभाग ने 23 जुलाई तक भीषण गर्मी की संभावना जताई है.

ये भी पढ़ें- इस बार भी ननकाना साहिब के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, पाकिस्तान भेजने की तैयारी में प्रशासन

मौसम विशेषज्ञ डॉ. डीएस बुंदेला के मुताबिक, 23 जुलाई तक रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा व हिसार में तापमान फिर 42 डिग्री पार जा सकता है. उत्तर हरियाणा के पानीपत, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला आदि में भी मौसम उमस भरा रह सकता है. राहत की बात है कि 24, 25 जून को क्षेत्र में बादल छा सकते हैं और हल्की बारिश हो सकती है.

कम बरसात में क्या करें किसान?

उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास के मुताबिक खेतों में जितनी बरसात होती है जल संग्रह करने का प्रयास करें. खेतों के पानी को बाहर ना निकालने दें, ताकि नमी बनी रहे. मानसून आने तक खेत की अच्छी तैयारी करें. मानूसन जब दस्तक देगा धान रोपाई का काम शुरू कर दें. किसान वैकल्पिक फसल अरहर और मक्का का ज्यादा तवज्जो दें.

पानीपत: उत्तरी भारत में इस बार हर साल के मुकाबले कम बारिश होने के आसार हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 24 और 25 जून को हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में बादल छाने के आसार हैं.

इस बार मानसू समय से 15 दिन देरी से चल रहा है. मानसून सामान्य तौर पर जून के आखिरी और जुलाई के पहले सप्ताह में उत्तर भारत में दस्तक देगा. मानसून में देरी के कारण धान की रोपाई में भी देरी होगी. साथ ही मौसम विभाग ने 23 जुलाई तक भीषण गर्मी की संभावना जताई है.

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मौसम विशेषज्ञ डॉ. डीएस बुंदेला के मुताबिक, 23 जुलाई तक रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा व हिसार में तापमान फिर 42 डिग्री पार जा सकता है. उत्तर हरियाणा के पानीपत, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला आदि में भी मौसम उमस भरा रह सकता है. राहत की बात है कि 24, 25 जून को क्षेत्र में बादल छा सकते हैं और हल्की बारिश हो सकती है.

कम बरसात में क्या करें किसान?

उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास के मुताबिक खेतों में जितनी बरसात होती है जल संग्रह करने का प्रयास करें. खेतों के पानी को बाहर ना निकालने दें, ताकि नमी बनी रहे. मानसून आने तक खेत की अच्छी तैयारी करें. मानूसन जब दस्तक देगा धान रोपाई का काम शुरू कर दें. किसान वैकल्पिक फसल अरहर और मक्का का ज्यादा तवज्जो दें.

Intro:अपना काम करने के स्थान पर हाईकोर्ट के कंधे पर बंदूख चलाने की प्रवृत्ति छोड़ दें अधिकारी: हाईकोर्ट
-अपार्टमेंट के प्रावधान पर अगली सुनवाई तक निर्णय ले यूटी प्रशासन: हाईकोर्ट
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मास्टर प्लान में अपार्टमेंट के प्रावधान के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकारी अपना काम करने के स्थान पर हर काम के लिए हाईकोर्ट के कंधे का इस्तेमाल करना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा कि अधिकारी ऐसी प्रवृत्ति छोड़ अपना काम खुद और सही प्रकार से करें। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अपार्टमेंट को लेकर अगली सुनवाई से पहले फैसला लेने के आदेश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान याची पक्ष ने कहा कि प्रशासन एक प्लाट को प्रतिशत के अनुसार रजिस्टर कर सकता है लेकिन फ्लोर के अनुसार रजिस्टर करने का कोई प्रावधान नहीं है। इस पर सीनियर एडवोकेट विकास बहल ने हाईकोर्ट को बताया कि मास्टर-प्लान में एक प्लाट को तीन फ्लोर्स में विभाजित किये जाने का प्रावधान है। इस मामले को लेकर सेक्टर-10 की रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से उसके सचिव और अन्य सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है की पिछले कुछ साल से रिहाइशी प्लॉट्स का अवैध तरीके से निर्माण कर उन्हें अपार्टमेंट्स के तौर पर आगे बेचा जा रहा है। अगर अपार्टमेंट के प्रावधान को मंजूरी दी गई है तो इससे शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर बोझ काफी बढ़ जाएगा। ऐसे में इन जगहों पर अधिक वाहन और उनके लिए पाकिंर्ग स्पेस की समस्या खड़ी हो जाएगी और ऐसा होना शुरू भी हो गया है। याचिका में बताया गया है की प्रशासन ने वर्ष 2001 में अपार्टमेंट एक्ट बनाया था, लेकिन इसके खिलाफ शहर वासियों द्वारा किये गए विरोध के बाद वर्ष 2007 में इसे वापिस ले लिया गया था। लोग नहीं चाहते थे कि शहर के खूबसूरत बंगलो को अपार्टमेंट में बदल कर उसका सौन्दर्य बर्बाद कर दिया जाये। जो प्लॉट्स एक परिवार के लिए बनाये जाने थे उन्हें अब अपार्टमेंट्स में तब्दील किये जाने से बड़ी परेशानी खड़ी हो रही है। इसपर बहल ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की प्रोपर्टी है और उसे पैसे की जरूरत पड़ती है तो उसका हिस्सा बेचने से उसे रोका नहीं जा सकता। इस दौरान प्रशासन की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट लिखित में आदेश दे जिससे काम आसान हो जाए। हाईकोर्ट ने इसपर कहा कि यह प्रशासन का काम है जो उन्हें करना चाहिए। हर काम के लिए हाईकोर्ट के आदेश की जरूरत बताई जाती है और हाईकोर्ट के कंधे पर बंदूख रखकर चलाई जाती है। हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकारी ऐसी प्रवृत्ति छोड़ अपना काम खुद और सही प्रकार से करें।

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