पानीपत: उत्तर प्रदेश की ओर से यमुना नदी में हो रहा अवैध खनन इस दिनों हरियाणा के किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. भूमि कटाव के कारण हरियाणा के कई किसानों की गेहूं और आलू की तैयार फसल समेत खेत यमुना नदी में बह चुकी है. हरियाणा के किसानों की जमीन की इन दिनों ये हालत है तो आने वाले यमुना नदी के उफान से हालात बद से बदतर हो सकते हैं.
हरियाणा के किसानों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में हर रोज अवैध खनन माफिया यमुना नदी से रेत चोरी कर ले जाते हैं और बड़ी-बड़ी जेसीबी मशीनों व पोकलेन मशीन से यह खनन माफिया रेत की चोरी करते हैं. लगातार हो रही रेत की चोरी से यमुना नदी का बहाव एक साइड पर हो गया है. बहाव हरियाणा की तरफ होने से यमुना नदी के किनारे लगते हरियाणा के किसानों की खेतों की जमीन पर कटाव होना शुरू हो गया है. इन दिनों गेहूं की और आलू की तैयार फसल नदी में बह चुकी है. किसानों का कहना है अगर इन खनन माफियाओं को रोकने की कोशिश की जाती है तो यह जानलेवा हमला तक भी कर देते हैं.
किसानों ने बताया कि 1974 में दीक्षित वार्ड के मुताबिक यमुना नदी के बीचों-बीच बहने वाले बहाव को सेंटर लाइन मानकर जमीन का बंटवारा किया गया था, लेकिन अब बहाव को खनन माफियाओं ने हरियाणा की तरफ मोड़ दिया है और इसके बाद उत्तर प्रदेश के किसान भी मुड़े हुए बहाव को सेंट्रल लाइन समझ लेते हैं और फिर आपसी झगड़े का कारण बनता है. कहीं जमीनों पर हाई कोर्ट में केस भी चल रहे हैं और इन सब का कारण अवैध खनन है.
किसानों का कहना है कि कई बार इस बारे में पुलिस को भी शिकायत दी गई, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अभी हाल ही में शिकायत देने के बाद कुछ खनन माफियाओं पर मामला दर्ज हुआ है अब तक इस अवैध खनन से लगभग 500 कनाल भूमि में तैयार फसल पानी में बह चुकी है.
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