पानीपत: स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग ने इस महामारी में कोरोना पीड़ित शख्स की मौत के बाद 18 दिनों तक डेड बॉडी को शव गृह में रखे रखा लेकिन नागरिक अस्पताल के स्टाफ ने परिजनों को फोन कर सूचना दी की कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
लेकिन 17 मई को परिजनों के पास दोबारा फोन आता है कि उनके परिजन का आज संस्कार किया जाना है इसलिए वो शमशान घाट में पहुंच जाए. जब परिजन और अंतिम संस्कार करने वाले समाजसेवी लोग मौके पर पहुंचे तो मृतक का शव पूरी तरह से सड़ चुका था और उसमें कीड़े पड़ चुके थे.
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ये सब कुछ देखने के बाद सेवा दल के सदस्य और मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही करने के गंभीर आरोप लगाए हैं और विभाग के खिलाफ नाराजगी जताई है. परिजनों का कहना है कि उन्हें फोन करके सूचना दी गई थी कि 29 तारीख को मृतक 35 वर्षीय हीरा लाल के शव का संस्कार करवा दिया गया है.
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लेकिन मृतक के शव को पानीपत शव गृह में रखवा दिया गया जिसके बाद 18 दिनों तक मृतक का शव डेड हाउस में पड़ा रहा और उसमें कीड़े पड़ गए थे. वहीं सेवा दल के लोगों का कहना है कि 29 मई को ही अस्पताल के प्रशासन को कहा गया था कि कोरोना टेस्ट के बाद उन्हें रिपोर्ट के बारे में जानकारी दे दी जाए ताकि मृतक का अंतिम संस्कार कर सकें.
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लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कोई जानकारी नहीं और परिजनों को फोन कर झूठ बोल दिया की अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में हर दिन दर्जन लोग अपने मृतकों का पोस्टमार्टम करवाने आते हैं, अगर स्वास्थ्य विभाग मृतकों का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार नहीं करेगा तो ये महामारी और भी फैलेगी.