पानीपत: कहने को हरियाणा में रबी की फसल की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो गई थी. धरातल पर देखें तो पांच दिन बाद भी खरीद तो दूर, किसानों की फसल का एक भी दाना नहीं बिका है. पानीपत अनाज मंडी में अब तक 2 हजार क्विंटल गेहूं लेकर किसान पहुंच चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकारी खरीद नहीं हुई है.
सरकारी खरीद नहीं होने की वजह से किसानों में रोष है. इसके अलावा बाबरपुर अनाज मंडी में भी अब तक 4 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है. यहां पर भी अभी तक सरकारी खरीद नहीं हुई है. दोनों मंडियों में करीब 33 से 80 क्विंटल गेहूं ऐसे ही खुले आसमान के नीचे पड़ा है.
अनाज मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसानों ने बताया कि सरकार की शेड्यूलिंग मैसेज प्रणाली दुरुस्त नहीं है. किसानों का कहना है कि इससे तो उनकी फसलें खेतों में खड़ी खड़ी बर्बाद हो जाएंगी. हमारे पास 20 तारीख को फसल लेकर आने का मैसेज आया हुआ है, जबकि हमारे खेतों में आधी से ज्यादा फसल कट चुकी है. हम अपना अनाज कहां रोककर रखें. चंडीगढ़ एसी के कमरों में बैठे अधिकारियों को खड़ी फसल के बारे में क्या पता.
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हालांकि मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी द्वारा जानकारी दी गई थी कि उनके द्वारा मंडी में हर प्रकार की सुविधा दुरुस्त कर दी गई है. परंतु अभी तक मंडी में कोई खरीद के लिए एजेंसी नहीं पहुंची है. जिसको लेकर किसानों में सरकार के प्रति रोष है. अनाज मंडी में जो भी किसान गेहूं लेकर आ रहा है उसके पास गेट पास लेट समय का है.