ETV Bharat / state

हरियाणा का वो गैंग्स्टर जिसपर दर्ज थे 84 केस, 72 जेलों में बिताए 25 साल, आज भी बंदूक लेकर घूमता है लेकिन करता है ये काम - हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर

कहते हैं कि एक बदमाश और गैंगस्टर के बीच सिर्फ एक गोली का फर्क होता है. गोली अगर हवा में चलती रहे तो बदमाश और किसी के सीने में जा लगे तो गैंगस्टर. क्राइम स्टोरी में आज एक ऐसे गैंगस्टर की कहानी (Gangster Sonu Malpuria ) जो अपराध की दुनिया के बाद वापस भी लौटा और अब सामान्य जीवन जी रहा है.

Gangster Sonu Malpuria
हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर सोनू मालपुरिया
author img

By

Published : May 2, 2023, 5:01 PM IST

Updated : May 2, 2023, 6:14 PM IST

पानीपत: अपराध का दलदल... एक ऐसा दलदल है, जिसमें अगर इंसान घुस जाता है तो वापस निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है. आज हम एक ऐसे ही गैंगस्टर की कहानी आपको बता रहे हैं, जो इस अपराध के दलदल से वापस भी निकला और आज एक सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर सोनू मालपुरिया की. पानीपत जिले के मालपुर गांव के रहने वाले सोनू मालपुरिया का नाम पहले सुरेंद्र दुहन था. जब उसने इस अपराध की दुनिया में कदम रखा तो लोग उसे सोनू मालपुरिया के नाम से जानने लगे. सोनू मालपुरिया पर 10 या 20 नहीं बल्कि 84 मुकदमे दर्ज थे. जिनमें 12 मामले हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, लूट और मारपीट के शामिल हैं. एक समय था जब हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में उसके अपराध से लोग खौफजदा थे. इन राज्यों की लगभग 72 जेलों में वह अपनी उम्र के 25 साल काट चुका है.

भाई की मौत का बदला लेने बना अपराधी: गांव में ही रहने वाले एक अन्य परिवार के साथ सुरेंद्र दुहन के परिवार की रंजिश थी. इसी रंजिश के चलते 1992 में सुरेंद्र के भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सुरेंद्र ने हत्या करने वाले शख्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी और जेल चला गया. जेल में कुछ बदमाशों से सुरेंद्र की मुलाकात हुई. इस दौरान उसके इन अपराधियों के साथ अच्छे संबंध बन गए थे. 1994 में सुरेंद्र जमानत पर बाहर आया और सुरेंद्र ने उसी परिवार के एक और सदस्य की हत्या कर दी.

पढ़ें : Gangster Surinder Geong: हरियाणा का बहुरुपिया गैंगस्टर, पुलिस की वर्दी में करता था वारदात, खौफ ऐसा कि जेल से बना निर्विरोध सरपंच

पड़ोसी राज्यों में भी था सोनू का आतंक: इस वारदात के बाद पुलिस ने सुरेंद्र को दोबारा गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया. जेल में ही सुरेंद्र ने अपनी एक गैंग तैयार की. गैंग के सदस्य जब भी बाहर आते, वह सोनू के इशारे से किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते. इस दौरान कई बड़े गैंग के साथ सुरेंद्र की दुश्मनी होती चली गई. कई हत्या के मामलों में सुरेंद्र का नाम सामने आने लगा. हरियाणा ही नहीं दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में भी सोनू का आतंक फैल गया था.

सोनू पर दर्ज थे 84 केस: सुरेंद्र दुहन अब तक गैंगस्टर सोनू मालपुरिया बन चुका था. एक के बाद एक सोनू पर 84 मुकदमें दर्ज हो गए. 1996 में पुलिस ने सोनू को फिर से गिरफ्तार किया. सोनू को कभी हरियाणा तो कभी दिल्ली की जेल में शिफ्ट किया जाता था, तो कभी पंजाब की जेल में रखा गया. अपनी सजा के दौरान सोनू को 5 राज्यों की 75 जेलों में रखा गया था. सोनू पर 3 बार जानलेवा हमले भी किए गए. रोहतक कोर्ट में पेशी के दौरान सोनू की बम फेंककर हत्या करने का भी प्रयास किया गया लेकिन सोनू इस हमले में भी बच गया.

पढ़ें : Gangster Rohtas alias Tasi: सांसद के घर डकैती डालने वाला हरियाणा का वो कुख्यात गैंगस्टर, जिसके दहशत से इलाका कांपता था

सोनू मालपुरिया ने बनाई रॉबिन हुड की छवि: लोगों की मानें तो पुलिस और दूसरी गैंग के लोग उसे एक कुख्यात गैंगस्टर बताते थे, लेकिन उसके गांव और आसपास के लोग उसे गरीबों का मसीहा मानते थे. जेल में रहने के बावजूद गैंगस्टर सोनू मालपुरिया ने रॉबिन हुड जैसी छवि बना ली थी. जेल में रहकर वह न केवल वारदात को अंजाम देता था बल्कि गरीबों की मदद भी करता था. पानीपत के समालखा में 100 से ज्यादा आयरन फैक्ट्री से वह रंगदारी वसूल करवाता था और इन्हीं रुपयों से गरीबों की मदद भी करता था.

जेल में की शादी, पत्नी को बनाया सरपंच: 10 दिसंबर 2007 में सोनू ने सुनीता नाम की लड़की से जेल में ही शादी की थी. जेल में ही पुलिस प्रशासन द्वारा शादी कराई गई. कहा जाता है कि पुलिसकर्मियों ने करीब 100 लोगों के खाने का बंदोबस्त भी जेल में ही किया था. उन दिनों यह शादी अखबारों की सुर्खियां बनी थी. जेल के अंदर रहते हुए ही सोनू मालपुरिया ने अपनी पत्नी सुनीता को गांव का सरपंच बनाया. सुनीता लगातार तीन बार गांव की सरपंच बनीं. जेल के अंदर से ही सोनू अपनी गैंग को ऑपरेट करता था.

पढ़ें : प्यार की सनक में अपराधी बना रॉकी मेंटल, वारदात को अंजाम देने से पहले लगाता है व्हाट्सएप स्टेटस

किसान आंदोलन में सक्रिय रहा सोनू: 25 साल जेल में गुजारने के बाद सोनू मालपुरिया को 83 मुकदमों में बरी कर दिया गया. दो मुकदमों में सजा भुगतने के बाद 2018 में सोनू मालपुरिया को बरी कर दिया गया. 2018 के बाद सोनू इस अपराध की दुनिया को छोड़ कर सामाजिक कार्यों में लगा हुआ है. किसान आंदोलन में किसानों के साथ सोनू ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. आज सोनू पानीपत किसान भवन का प्रधान बन चुका है. जहां वो किसानों के हित में काम कर रहा है. सोनू ने जुर्म की दुनिया को भले छोड़ दिया हो लेकिन सोनू का अतीत उसका पीछा नहीं छोड़ रहा उसे आज भी अपनी जान का खतरा है. यही कारण है कि सोनू के आसपास आज भी उसके पर्सनल बॉडीगार्ड और गनमैन रहते हैं.

पानीपत: अपराध का दलदल... एक ऐसा दलदल है, जिसमें अगर इंसान घुस जाता है तो वापस निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है. आज हम एक ऐसे ही गैंगस्टर की कहानी आपको बता रहे हैं, जो इस अपराध के दलदल से वापस भी निकला और आज एक सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर सोनू मालपुरिया की. पानीपत जिले के मालपुर गांव के रहने वाले सोनू मालपुरिया का नाम पहले सुरेंद्र दुहन था. जब उसने इस अपराध की दुनिया में कदम रखा तो लोग उसे सोनू मालपुरिया के नाम से जानने लगे. सोनू मालपुरिया पर 10 या 20 नहीं बल्कि 84 मुकदमे दर्ज थे. जिनमें 12 मामले हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, लूट और मारपीट के शामिल हैं. एक समय था जब हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में उसके अपराध से लोग खौफजदा थे. इन राज्यों की लगभग 72 जेलों में वह अपनी उम्र के 25 साल काट चुका है.

भाई की मौत का बदला लेने बना अपराधी: गांव में ही रहने वाले एक अन्य परिवार के साथ सुरेंद्र दुहन के परिवार की रंजिश थी. इसी रंजिश के चलते 1992 में सुरेंद्र के भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सुरेंद्र ने हत्या करने वाले शख्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी और जेल चला गया. जेल में कुछ बदमाशों से सुरेंद्र की मुलाकात हुई. इस दौरान उसके इन अपराधियों के साथ अच्छे संबंध बन गए थे. 1994 में सुरेंद्र जमानत पर बाहर आया और सुरेंद्र ने उसी परिवार के एक और सदस्य की हत्या कर दी.

पढ़ें : Gangster Surinder Geong: हरियाणा का बहुरुपिया गैंगस्टर, पुलिस की वर्दी में करता था वारदात, खौफ ऐसा कि जेल से बना निर्विरोध सरपंच

पड़ोसी राज्यों में भी था सोनू का आतंक: इस वारदात के बाद पुलिस ने सुरेंद्र को दोबारा गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया. जेल में ही सुरेंद्र ने अपनी एक गैंग तैयार की. गैंग के सदस्य जब भी बाहर आते, वह सोनू के इशारे से किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते. इस दौरान कई बड़े गैंग के साथ सुरेंद्र की दुश्मनी होती चली गई. कई हत्या के मामलों में सुरेंद्र का नाम सामने आने लगा. हरियाणा ही नहीं दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में भी सोनू का आतंक फैल गया था.

सोनू पर दर्ज थे 84 केस: सुरेंद्र दुहन अब तक गैंगस्टर सोनू मालपुरिया बन चुका था. एक के बाद एक सोनू पर 84 मुकदमें दर्ज हो गए. 1996 में पुलिस ने सोनू को फिर से गिरफ्तार किया. सोनू को कभी हरियाणा तो कभी दिल्ली की जेल में शिफ्ट किया जाता था, तो कभी पंजाब की जेल में रखा गया. अपनी सजा के दौरान सोनू को 5 राज्यों की 75 जेलों में रखा गया था. सोनू पर 3 बार जानलेवा हमले भी किए गए. रोहतक कोर्ट में पेशी के दौरान सोनू की बम फेंककर हत्या करने का भी प्रयास किया गया लेकिन सोनू इस हमले में भी बच गया.

पढ़ें : Gangster Rohtas alias Tasi: सांसद के घर डकैती डालने वाला हरियाणा का वो कुख्यात गैंगस्टर, जिसके दहशत से इलाका कांपता था

सोनू मालपुरिया ने बनाई रॉबिन हुड की छवि: लोगों की मानें तो पुलिस और दूसरी गैंग के लोग उसे एक कुख्यात गैंगस्टर बताते थे, लेकिन उसके गांव और आसपास के लोग उसे गरीबों का मसीहा मानते थे. जेल में रहने के बावजूद गैंगस्टर सोनू मालपुरिया ने रॉबिन हुड जैसी छवि बना ली थी. जेल में रहकर वह न केवल वारदात को अंजाम देता था बल्कि गरीबों की मदद भी करता था. पानीपत के समालखा में 100 से ज्यादा आयरन फैक्ट्री से वह रंगदारी वसूल करवाता था और इन्हीं रुपयों से गरीबों की मदद भी करता था.

जेल में की शादी, पत्नी को बनाया सरपंच: 10 दिसंबर 2007 में सोनू ने सुनीता नाम की लड़की से जेल में ही शादी की थी. जेल में ही पुलिस प्रशासन द्वारा शादी कराई गई. कहा जाता है कि पुलिसकर्मियों ने करीब 100 लोगों के खाने का बंदोबस्त भी जेल में ही किया था. उन दिनों यह शादी अखबारों की सुर्खियां बनी थी. जेल के अंदर रहते हुए ही सोनू मालपुरिया ने अपनी पत्नी सुनीता को गांव का सरपंच बनाया. सुनीता लगातार तीन बार गांव की सरपंच बनीं. जेल के अंदर से ही सोनू अपनी गैंग को ऑपरेट करता था.

पढ़ें : प्यार की सनक में अपराधी बना रॉकी मेंटल, वारदात को अंजाम देने से पहले लगाता है व्हाट्सएप स्टेटस

किसान आंदोलन में सक्रिय रहा सोनू: 25 साल जेल में गुजारने के बाद सोनू मालपुरिया को 83 मुकदमों में बरी कर दिया गया. दो मुकदमों में सजा भुगतने के बाद 2018 में सोनू मालपुरिया को बरी कर दिया गया. 2018 के बाद सोनू इस अपराध की दुनिया को छोड़ कर सामाजिक कार्यों में लगा हुआ है. किसान आंदोलन में किसानों के साथ सोनू ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. आज सोनू पानीपत किसान भवन का प्रधान बन चुका है. जहां वो किसानों के हित में काम कर रहा है. सोनू ने जुर्म की दुनिया को भले छोड़ दिया हो लेकिन सोनू का अतीत उसका पीछा नहीं छोड़ रहा उसे आज भी अपनी जान का खतरा है. यही कारण है कि सोनू के आसपास आज भी उसके पर्सनल बॉडीगार्ड और गनमैन रहते हैं.

Last Updated : May 2, 2023, 6:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.