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बिरयानी से होगा घर लौट रहे किसानों का स्वागत, पानीपत टोल प्लाजा पर जुटे करीब 4 हजार किसान

किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद किसानों की घर वापसी (farmers welcomed in panipat) शुरू हो गई है. बड़ी संख्या में किसानों का विजय रथ सिंघु बॉर्डर से पानीपत टोल प्लाजा पर पहुंचेगा. आंदोलन में शामिल किसानों का स्वागत बिरयानी से होगा.

farmers returns home warm welcome
किसानों के विजय रथ के लिए पानीपत टोल प्लाजा पर खास प्रबंध किए हैं.
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Published : Dec 11, 2021, 11:57 AM IST

Updated : Dec 11, 2021, 6:40 PM IST

पानीपत: सिंघु बॉर्डर से किसानों का विजय रथ पानीपत टोल प्लाजा पर पहुंचेगा. आंदोलन में शामिल किसानों का स्वागत बिरयानी से होगा. इसके लिए पानीपत के टोल प्लाजा पर हजारों किसानों ने खास प्रबंध किए हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यहां किसानों के स्वागत के लिए खास बिरयानी का लंगर लगाया है. पानीपत में आस-पास के गांवों से करीब 4 हजार किसान पानीपत टोल प्लाजा (Panipat toll plaza) पर जुटे हैं. सिंघु बॉर्डर से आए किसानों का यहां जोरदार स्वागत किया जाएगा.

किसानों की सभी मांगों पर केंद्र सरकार की सहमति के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन स्थगित (Farmers Protest Postponed) कर दिया है. दिल्ली से लगते बॉर्डर को किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है. आज किसान विजय जुलूस निकालकर घर वापसी करेंगे. किसानों ने सिंघु बॉर्डर को खाली करना शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में किसान घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं.

बिरयानी से होगा घर लौट रहे किसानों का स्वागत, पानीपत टोल प्लाजा पर जुटे करीब 4 हजार किसान

बता दें कि 15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समीक्षा बैठक करेगा. इस बैठक में किसान आंदोलन की सफलता और विफलता पर चर्चा की जाएगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ये जीत किसानों के बलिदान से मिली है. आगे की रणनीति फिर तैयार करेंगे. 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाने की बात कही है. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक करेंगे, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आंदोलन शुरू करेंगे.

इससे पहले 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.

ये भी पढे़ं-किसानों की घर वापसी: फतेह मार्च के बाद किसानों ने खाली करना शुरू किया सिंघु बॉर्डर

एमएसपी की गारंटी व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वो 15 जनवरी को ये देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है, या नहीं.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.

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पानीपत: सिंघु बॉर्डर से किसानों का विजय रथ पानीपत टोल प्लाजा पर पहुंचेगा. आंदोलन में शामिल किसानों का स्वागत बिरयानी से होगा. इसके लिए पानीपत के टोल प्लाजा पर हजारों किसानों ने खास प्रबंध किए हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यहां किसानों के स्वागत के लिए खास बिरयानी का लंगर लगाया है. पानीपत में आस-पास के गांवों से करीब 4 हजार किसान पानीपत टोल प्लाजा (Panipat toll plaza) पर जुटे हैं. सिंघु बॉर्डर से आए किसानों का यहां जोरदार स्वागत किया जाएगा.

किसानों की सभी मांगों पर केंद्र सरकार की सहमति के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन स्थगित (Farmers Protest Postponed) कर दिया है. दिल्ली से लगते बॉर्डर को किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है. आज किसान विजय जुलूस निकालकर घर वापसी करेंगे. किसानों ने सिंघु बॉर्डर को खाली करना शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में किसान घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं.

बिरयानी से होगा घर लौट रहे किसानों का स्वागत, पानीपत टोल प्लाजा पर जुटे करीब 4 हजार किसान

बता दें कि 15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समीक्षा बैठक करेगा. इस बैठक में किसान आंदोलन की सफलता और विफलता पर चर्चा की जाएगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ये जीत किसानों के बलिदान से मिली है. आगे की रणनीति फिर तैयार करेंगे. 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाने की बात कही है. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक करेंगे, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आंदोलन शुरू करेंगे.

इससे पहले 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.

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एमएसपी की गारंटी व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वो 15 जनवरी को ये देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है, या नहीं.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.

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Last Updated : Dec 11, 2021, 6:40 PM IST
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