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पानीपतः उसके पास जमीन नहीं थी लेकिन छत पर सब्जी उगाकर बन गया किसान! - farmer growing vegetables on roof in panipat

पानीपत के गांव उरलाना में एक व्यक्ति ने प्याज और सब्जियों की महंगाई को देखते हुए घर की तीसरी मंजिल पर ही सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दी. किसान छत पर ही जैविक तरीके से प्याज, टमाटर, मिर्च और बैंगन की सब्जी उगा रहा है.

farmer started growing vegetables on roof in panipat
जमीन नहीं था तो छत पर ही की सब्जियों की खेती
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Published : Jan 5, 2020, 3:53 PM IST

पानीपत: जिले के गांव उरलाना में एक व्यक्ति ने प्याज और सब्जियों की महंगाई को देखते हुए घर की तीसरी मंजिल पर ही सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दी. किसान छत पर ही जैविक तरीके से प्याज, टमाटर, मिर्च और बैंगन की सब्जी उगा रहा है.

जमीन नहीं मिली तो छत पर ही करने लगा खेती
पानीपत के गांव उरलाना में गुलशन नाम के इस व्यक्ति के पास खेती करने के लिए जमीन नहीं है इसके चलते वह प्रतिदिन सब्जी खरीदने के लिए मजबूर था. प्याज और सब्जियों के बढ़ते दाम को देखते हुए उसने अपने घर की छत को ही खेत के रुप में तब्दील कर दिया. उसने अपने मकान के छत पर तीन ट्रॉली मिट्टी और खाद डालकर जैविक ट्रिक से प्याज, टमाटर, मिर्च और अन्य सब्जियां उगा दी.

जमीन नहीं था तो छत पर ही की सब्जियों की खेती, कई प्रकार की सब्जियों का होता है उत्पादन

इसे भी पढ़ें: क्यों रेवाड़ी में ही होती सबसे ज्यादा सरसों की पैदावार, जानें क्या है राज?

गांव के लोग बुलाने लगे किसान
जमीन नहीं होने के कारण जो सख्स खेती नहीं कर सकता था. उसने अपने लगन और मेहनत से खेती करके लोगों को दातों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान किसान गुलशन ने गांव की शमसान भूमि की खाली जमीन की जुताई कर आम, निम्बू और अमरूद के पेड़ भी लगाए हैं. जिसके कारण उन्हें पूरा गांव किसान गुलशन के नाम से पुकारता है.

पानीपत: जिले के गांव उरलाना में एक व्यक्ति ने प्याज और सब्जियों की महंगाई को देखते हुए घर की तीसरी मंजिल पर ही सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दी. किसान छत पर ही जैविक तरीके से प्याज, टमाटर, मिर्च और बैंगन की सब्जी उगा रहा है.

जमीन नहीं मिली तो छत पर ही करने लगा खेती
पानीपत के गांव उरलाना में गुलशन नाम के इस व्यक्ति के पास खेती करने के लिए जमीन नहीं है इसके चलते वह प्रतिदिन सब्जी खरीदने के लिए मजबूर था. प्याज और सब्जियों के बढ़ते दाम को देखते हुए उसने अपने घर की छत को ही खेत के रुप में तब्दील कर दिया. उसने अपने मकान के छत पर तीन ट्रॉली मिट्टी और खाद डालकर जैविक ट्रिक से प्याज, टमाटर, मिर्च और अन्य सब्जियां उगा दी.

जमीन नहीं था तो छत पर ही की सब्जियों की खेती, कई प्रकार की सब्जियों का होता है उत्पादन

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गांव के लोग बुलाने लगे किसान
जमीन नहीं होने के कारण जो सख्स खेती नहीं कर सकता था. उसने अपने लगन और मेहनत से खेती करके लोगों को दातों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान किसान गुलशन ने गांव की शमसान भूमि की खाली जमीन की जुताई कर आम, निम्बू और अमरूद के पेड़ भी लगाए हैं. जिसके कारण उन्हें पूरा गांव किसान गुलशन के नाम से पुकारता है.

Intro:

एंकर -- पानीपत के गांव उरलाना में एक व्यक्ति ने प्याज व् सब्जियों की महंगाई को देखते हुए घर तीसरी मंजिल पर उगाई सब्जियां , व्यक्ति के पास जमीन नहीं होने के चलते घर की छत पर तीन ट्राली मिटी डाल कर उगा रहा जैविक तरीके से प्याज ,टमाटर ,मिर्च व् बैंगन ,ग्रामीण गुलशन की खेती लगन को देखर खुश ,गांव की श्मशान भूमि में भी तरह तरह के पेड़ लगाकर उगा रहा हे गुलशन फल।

Body:वीओ -- जंहा पानीपत की सब्जी मंडी में प्याज व् सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी से लोग परेसान हे वंही पानीपत के गांव उरलाना में गुलशन नामक व्यक्ति के पास खेती के लिए जमीं नहीं हे, इसके चलते हर सब्जियां व् फल बाजर से खरीदने को मजबूर था ,गुलशन ,लेकिन अपनी खेती करने की चाहत व् लगातार बढ़ते प्याज व् सब्जियों के दाम को देखते हुए अपने घर की तीसरी मंजिल को ही खेत में तब्दील कर दिया गुलशन ने ,गुलशन ने अपने तीन मंजिला मकान के ऊपरी भाग में तीन ट्रॉली मिटी व् खाद डालकर जैविक ट्रिक से प्याज ,टमाटर ,मिर्च व् अन्य सब्जियां उगा दी ,उनके इस शोख ने गुलशन किसान बना दिया जिसका अब पूरा गांव चर्चा करता हे ,गुलशन के साथी अशोक भारती ने बताया की उसे बागवानी का बड़ा शोंख हे ,गुलशन ने घर को सब्जियों के लिए चुना व् श्मशान को फलो के लिए ,गुलशन ने श्मसान भूमि की खाली जमीन की जुताई कर आम ,निम्बू ,अमरुद के साथ रुद्राक्ष ,चंदन आदि के पेड़ भी लगाए हे ,आज पूरा गांव गुलशन को किसान गुलशन के नाम से पुकारता हे ,
Conclusion:
बाईट -- गुलशन ,शौकीन किसान
बाईट -- अशोक भारती , गुलशन दोस्त।
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