पानीपत: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का नुकसान पानीपत की हैंडलूम मार्केट (economic crisis on handloom market of Panipat) को भी लग सकता है. इन दोनों देशों के बीच अगर युद्ध लंबे समय तक चला तो हर महीने पानीपत की एक्सपोर्ट मार्केट को 5000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. यूक्रेन समेत यूरोप के कई देशों से इस समय हजारों करोड़ रुपये के ऑर्डर पानीपत की हैंडलूम मार्केट को मिले हैं.
अगर युद्ध लंबा चला तो ये आर्डर कैंसिल होने के आसार हैं. अगर ऐसा हुआ तो फिर से हैंडलूम एक्सपोर्ट मार्केट पर आर्थिक मंदी के बादल मंडरा सकते हैं. अगर कई महीनों तक युद्ध चला तो इससे क्रूड ऑयल भी महंगा होगा. जिससे कि धागे की कीमत महंगी होगी और धागे की कीमत महंगी होने के बाद इसका असर पूरे टेक्सटाइल उद्योग (economic crisis on export market of Panipat) पर पड़ेगा. जो की एक चिंता का विषय है.
पानीपत का सारा एक्सपोर्ट समुद्र के रास्ते ही कंटेनर से किया जाता है. ऐसे में उद्यमियों के लिए बड़ी चिंता है कि अगर वो अपना माल भेजते हैं तो रास्ते में कोई अनहोनी ना हो जाए. इस युद्ध से पानीपत को मिलने वाले रूस, बेलारूस, पोलैंड समेत कई देशों के ऑर्डर कैंसिल हो सकते हैं. कुछ समय पहले कोरोना ने पानीपत के एक्सपोर्ट मार्केट को बड़ा झटका दिया था.
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अभी पानीपत का एक्सपोर्ट मार्केट (Impact of Ukraine Russia War on Panipat Market) उभर ही रहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया. जिससे पानीपत के हैंडलूम व्यवसाय के लिए एक बहुत बड़ा झटका हो सकता है. पानीपत से सालाना 1 लाख करोड़ रुपये तक के कंबल एक्सपोर्ट किए जाते हैं. अगर ये युद्ध लंबा खींचा तो हर महीने पानीपत को 5000 करोड़ रुपए की चपत लग सकती है.
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