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4 थर्मल प्लांट की 10 यूनिट पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगाया 7.20 करोड़ रुपये का जुर्माना

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत के थर्मल पावर स्टेशन, दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट पावर स्टेशन, राजीव गांधी पावर प्रोजेक्ट और अरावली पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की दस यूनिट पर 7.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. पढ़ें पूरी खबर

central pollution control board impose 2.70 crore rupees fine on panipat thermal plant
central pollution control board impose 2.70 crore rupees fine on panipat thermal plant
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Published : May 25, 2020, 2:26 PM IST

Updated : May 25, 2020, 5:45 PM IST

पानीपत: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत थर्मल प्लांट पर 2.70 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल 11 दिसंबर 2017 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने पावर प्लांट को निर्देश दिया था कि यूनिट से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड को नियंत्रित करने के लिए 31 दिसंबर 2019 तक प्लांट में प्रेसीपीटेंट्स या एसपी लगाए जाएं. लेकिन 31 दिसंबर 2019 तक इस मामले में प्लांट ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने थर्मल प्लांट पर जुर्माना लगाया है.

कानपुर IIT की स्टडी पर शुरू हुई थी सख्ती

दिल्ली-एनसीआर में हवा की खराब होती गुणवत्ता पर कानपुर आईआईटी ने एक स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें थर्मल प्लांट को दिल्ली-एनसीआर में हवा की खराब होती गुणवत्ता का दूसरा सबसे बड़ा कारण बताया गया था. स्टडी रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए 11 दिसंबर 2017 को ऊर्जा मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ठीक करने के लिए कोयला आधारित प्लांट में 31 दिसंबर तक बदलाव लाने का समय दिया था.

इन मुद्दों पर काम करने का दिया गया था आदेश

  • यूनिट 6, 7 और 8 से निकलने वाले पीएम की मात्रा को नियंत्रण करने के लिए 31 दिसंबर 2019 तक प्लांट में इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रेसीपीटेंट्स, एसपी लगाने या ठीक करें.
  • यूनिट से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड को नियंत्रण करने के लिए तीनों यूनिट में 31 दिसंबर तक एफजीडी लगाया जाए.
  • यूनिट से निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड को नियंत्रण करने के लिए तुरंत बर्नर और अन्य उपकरण लगाए जाएं.

थर्मल प्लांट ने नहीं किया आदेश का पालन

31 दिसंबर 2019 तक थर्मल प्लांट ने ऊर्जा मंत्रालय के किसी भी आदेश का पालन नहीं किया. जिसके कारण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 31 जनवरी 2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया. कारण बताओ नोटिस का पानीपत थर्मल प्लांट ने 13 फरवरी 2020 को जवाब दिया. जिसमें बताया गया कि यूनिट 6- 7- 8 में डीएसआई, एफडीजी फरवरी 2020 तक लग जाएगी.

बोर्ड ने कहा कि चार संयंत्रों की 10 इकाइयां मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रही जिसमें, पानीपत के थर्मल पावर स्टेशन (PTPS) की इकाई 6, 7, 8. दीन बंधु छोटू राम थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट 1, 2. पंसरा (यमुनानगर), झज्जर जिले के झरली गांव में राजीव गांधी थर्मल पावर प्रोजेक्ट, खेडार (हिसार) और यूनिट 1, 2, 3 अरावली पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (APCL) की यूनिट 1-2 शामिल हैं. बोर्ड ने इन चार इकाईयों पर 7.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

अब मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने थर्मल प्लांट पर जुर्माना लगा दिया है. साथ ही निर्देश दिए हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो प्लांट को बंद करने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: लापरवाही: चंडीगढ़ के ATM में उपलब्ध नहीं सैनिटाइजर, संक्रमण फैलने का खतरा

पानीपत: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत थर्मल प्लांट पर 2.70 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल 11 दिसंबर 2017 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने पावर प्लांट को निर्देश दिया था कि यूनिट से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड को नियंत्रित करने के लिए 31 दिसंबर 2019 तक प्लांट में प्रेसीपीटेंट्स या एसपी लगाए जाएं. लेकिन 31 दिसंबर 2019 तक इस मामले में प्लांट ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने थर्मल प्लांट पर जुर्माना लगाया है.

कानपुर IIT की स्टडी पर शुरू हुई थी सख्ती

दिल्ली-एनसीआर में हवा की खराब होती गुणवत्ता पर कानपुर आईआईटी ने एक स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें थर्मल प्लांट को दिल्ली-एनसीआर में हवा की खराब होती गुणवत्ता का दूसरा सबसे बड़ा कारण बताया गया था. स्टडी रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए 11 दिसंबर 2017 को ऊर्जा मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ठीक करने के लिए कोयला आधारित प्लांट में 31 दिसंबर तक बदलाव लाने का समय दिया था.

इन मुद्दों पर काम करने का दिया गया था आदेश

  • यूनिट 6, 7 और 8 से निकलने वाले पीएम की मात्रा को नियंत्रण करने के लिए 31 दिसंबर 2019 तक प्लांट में इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रेसीपीटेंट्स, एसपी लगाने या ठीक करें.
  • यूनिट से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड को नियंत्रण करने के लिए तीनों यूनिट में 31 दिसंबर तक एफजीडी लगाया जाए.
  • यूनिट से निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड को नियंत्रण करने के लिए तुरंत बर्नर और अन्य उपकरण लगाए जाएं.

थर्मल प्लांट ने नहीं किया आदेश का पालन

31 दिसंबर 2019 तक थर्मल प्लांट ने ऊर्जा मंत्रालय के किसी भी आदेश का पालन नहीं किया. जिसके कारण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 31 जनवरी 2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया. कारण बताओ नोटिस का पानीपत थर्मल प्लांट ने 13 फरवरी 2020 को जवाब दिया. जिसमें बताया गया कि यूनिट 6- 7- 8 में डीएसआई, एफडीजी फरवरी 2020 तक लग जाएगी.

बोर्ड ने कहा कि चार संयंत्रों की 10 इकाइयां मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रही जिसमें, पानीपत के थर्मल पावर स्टेशन (PTPS) की इकाई 6, 7, 8. दीन बंधु छोटू राम थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट 1, 2. पंसरा (यमुनानगर), झज्जर जिले के झरली गांव में राजीव गांधी थर्मल पावर प्रोजेक्ट, खेडार (हिसार) और यूनिट 1, 2, 3 अरावली पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (APCL) की यूनिट 1-2 शामिल हैं. बोर्ड ने इन चार इकाईयों पर 7.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

अब मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने थर्मल प्लांट पर जुर्माना लगा दिया है. साथ ही निर्देश दिए हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो प्लांट को बंद करने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: लापरवाही: चंडीगढ़ के ATM में उपलब्ध नहीं सैनिटाइजर, संक्रमण फैलने का खतरा

Last Updated : May 25, 2020, 5:45 PM IST
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