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पानीपत: यमुना नदी में बढ़ते जल स्तर के चलते प्रसाशन ने कसी कमर, देखें ये रिपोर्ट - पानीपत प्रशासन

पहाड़ों में हो रही बरसात के चलते यमुना का जल स्तर बढ़ने लगा है. जिसके चलते पानीपत प्रसाशन ने बाढ़ से बचाव के प्रबंध किए हैं. जिससे बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सके.

यमुना नदी
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Published : Aug 4, 2019, 10:37 PM IST

पानीपत: यमुना नदी की तलहटी पर बसे गावों में अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पहाड़ों में हुई बरसात के चलते यमुना नदी में जल स्तर बढ़ने लगा है. वहीं प्रसाशन द्वारा भी बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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गांव तांशबाद, मिर्जापुर में 2013 में पांच जगहों पर तट बंध टूट गए थे. जिसके कारण लोगों की फसल और घरों में काफी नुकसान हुआ था. इस बार ऐसी कोई घटना ना हो इसलिए प्रशासन ने इन गांवों का विशेष ध्यान रखते हुए ठोकरों की रिपेयर करवाई है. चाहे तीन साल बाद ही क्यों ना हो, लेकिन प्रसाशन जागा तो है.

तांशबाद में ठोकरों की मरम्मत के लिए 45 से 50 लाख रुपये और मिर्जापुर गांव मे करीब 55 लाख रुपये के पत्थर मंगवाए गए हैं. साथ ही लाखों रुपये की लागत से तटबंधों पर मिट्टी के कट्टे भरवा कर रखवाए गए हैं. इसके साथ ही प्रशासन द्वारा यमुना नदी में नहाने वाले लोगों की सुरक्षा के प्राइवेट गोताखोर भी तैनात किए है.

पानीपत: यमुना नदी की तलहटी पर बसे गावों में अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पहाड़ों में हुई बरसात के चलते यमुना नदी में जल स्तर बढ़ने लगा है. वहीं प्रसाशन द्वारा भी बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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गांव तांशबाद, मिर्जापुर में 2013 में पांच जगहों पर तट बंध टूट गए थे. जिसके कारण लोगों की फसल और घरों में काफी नुकसान हुआ था. इस बार ऐसी कोई घटना ना हो इसलिए प्रशासन ने इन गांवों का विशेष ध्यान रखते हुए ठोकरों की रिपेयर करवाई है. चाहे तीन साल बाद ही क्यों ना हो, लेकिन प्रसाशन जागा तो है.

तांशबाद में ठोकरों की मरम्मत के लिए 45 से 50 लाख रुपये और मिर्जापुर गांव मे करीब 55 लाख रुपये के पत्थर मंगवाए गए हैं. साथ ही लाखों रुपये की लागत से तटबंधों पर मिट्टी के कट्टे भरवा कर रखवाए गए हैं. इसके साथ ही प्रशासन द्वारा यमुना नदी में नहाने वाले लोगों की सुरक्षा के प्राइवेट गोताखोर भी तैनात किए है.

Intro:पानीपत

एंकर - पहाड़ो में हो रही बरसात के चलते यमुना का जल स्तर बढ़ने लगा है । जिसके चलते पानीपत प्रसाशन द्वारा बाड़ बचाव के प्रबंध किए है जिससे बाड़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सके । प्रसाशन द्वारा 3 साल बाद यमुना नदी से लगते गावो में पत्थरों की ठोकरे लगवाई गई है । जो गांव बाड़ की चेपेट में आ सकते है उन गांवों पर प्रसाशन की विशेष नज़र है ।


Body:वीओ - पानीपत यमुना नदी की तलहटी पर बसे गावो में अब बाड़ का खतरा मंडराने लगा है , पहाड़ो में हुई बरसात के चलते यमुना नदी में जल स्तर बढ़ने लगा है । वही प्रसाशन द्वारा भी बाड़ जैसी सिथिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए है । गांव तांशबाद ,मिर्जापुर में 2013 में पांच जगहों पर तट बंध टूट गए थे । जिसके कारण लोगो की फसल व घरो में काफी नुकसान हुआ था । इस बार ऐसी कोई घटना ना हो इसीलिए प्रसाशन ने इन गांवों का विशेष ध्यान रखते हुए । ठोकरों की रिपेयर करवाई है चाहे तीन साल बाद ही क्यों ना हो लेकिन प्रसाशन जागा तो सही । तांशबाद में ठोकरों की मरम्मत के लिए 45 से 50 लाख रुपये व मिर्जापुर गाँव मे करीब 55 लाख रुपये के पत्थर मंगवाए गए है । साथ ही लाखो रुपये की लागत से तटबंधों पर मिट्टी के कट्टे भरवा कर रखवाए गए है । इसके साथ ही प्रसाशन द्वारा यमुना नदी में नहाने वाले लोगो की सुरक्षा के प्राइवेट गोताखोर भी तैनात किए है ।



Conclusion:पीटीसी - अनिल कुमार
बाइट - विजय , स्थानीय निवासी
बाइट - सोनू - गोताखोर
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