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पानीपत की इस कॉलोनी को कहा जाता है 'जमाई कॉलोनी', जानिए इसके पीछे की दिलचस्प वजह - panipat latest news

पानीपत के गांव छाजपुर के पास बनी कॉलोनी को लोग जमाई कॉलोनी के नाम (Jamai Colony in Panipat) से जानते हैं. इस कॉलोनी का नाम जितना दिलचस्प है उतनी ही दिलचस्प इसकी पीछे की वजह है.

Jamai Colony in Panipat
Jamai Colony in Panipat
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Published : Nov 29, 2021, 9:23 PM IST

पानीपत: कहते हैं कि लड़कियां पराई अमानत होती है. शादी करने के बाद उसे अपने मायके को छोड़कर ससुराल जाना पड़ता है और पति के सभी रिश्ते अपनाने पड़ते हैं. कुछ हद तक यही वजह है कि इस कॉलोनी को जमाई कॉलोनी कहा जाता है. पर आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी कॉलोनी की जिसके पास में ही जमाई बसते हैं. जी हां, तकरीबन 100 से अधिक घर वाली इस कॉलोनी को आज जमाई कॉलोनी (Jamai Colony in Panipat) के नाम से जाना जाने लगा है. लगभग 7 से 8 साल पहले बनी इस कॉलोनी का किसी ने कोई नाम नहीं रखा, और जब यहां पास के गांव छाजपुर के जमाइयों की तादाद ज्यादा हुई तो इसका नाम खुद ब खुद ही जमाई कॉलोनी पड़ गया.

हरियाणा के पानीपत जिले के सनौली खंड के पास छाजपुर गांव से लगती कॉलोनी में छाजपुर गांव के जमाइयों की तादाद ज्यादा होने से इसे जमाई कॉलोनी कहा जाता है. यहां बसने वाले जमाइयों के कारण कॉलोनी की एक अलग ही पहचान है. दरअसल 8 साल पहले जब ये कॉलोनी बनी तो यहां छाजपुर की एक बेटी और दामाद ने सस्ती जमीन होने के कारण घर ले लिया. उसके बाद यहां गांव की बेटियां एक के बाद एक आकर रहने लगी और अब इस कॉलोनी में 100 से अधिक घर हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के इस गांव को कहा जाता है कबड्डी खिलाड़ियों की फैक्ट्री, यहां के 16 प्लेयर खेल चुके हैं प्रो कबड्डी लीग

इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि काम की तलाश में लोग यहां आकर बस जाते हैं. औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण पास के गांव के जमाई यहां आकर काम करने लग गए. जिससे गांव वालों ने इस कॉलोनी को जमाई कॉलोनी कहना शुरू कर दिया. धीर-धीरे ये नाम इतना फेमस हो गया कि सब लोग इसे जमाई कॉलोनी के नाम से ही जानने लग गए. जब यहां के रहने वाले लोगों से हमने बात की तो उनका कहना था कि यहां गांव छाजपुर की बेटियां आकर रहने लगी थी तो उस दिन से इसका नाम जमाई कॉलोनी रख दिया.

हालांकि कागजों में ऐसा कोई नाम नहीं है. इस कॉलोनी का असली नाम माता कॉलोनी है, लेकिन माता कॉलोनी के नाम से इसे कोई नहीं जानता. बता दें कि शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर बनी यह कॉलोनी अनअप्रूव्ड कॉलोनी है. यहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है लोगों का मानना है कि यहां औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण आसपास के गांव के जमाई काम की तलाश में आकर यहां बस गए. स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब कोई इस कॉलोनी के बारे में उनसे पूछता है तो उन्हें भी गुस्सा आता है. क्योंकि यह जमाई कॉलोनी नाम उन्हें भी पसंद नहीं है, लेकिन अब ये कॉलोनी अपनी पहचान इसी नाम से बना चुकी है तो उनकी भी इसे इसी नाम से बुलाने की मजबूरी है.

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पानीपत: कहते हैं कि लड़कियां पराई अमानत होती है. शादी करने के बाद उसे अपने मायके को छोड़कर ससुराल जाना पड़ता है और पति के सभी रिश्ते अपनाने पड़ते हैं. कुछ हद तक यही वजह है कि इस कॉलोनी को जमाई कॉलोनी कहा जाता है. पर आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी कॉलोनी की जिसके पास में ही जमाई बसते हैं. जी हां, तकरीबन 100 से अधिक घर वाली इस कॉलोनी को आज जमाई कॉलोनी (Jamai Colony in Panipat) के नाम से जाना जाने लगा है. लगभग 7 से 8 साल पहले बनी इस कॉलोनी का किसी ने कोई नाम नहीं रखा, और जब यहां पास के गांव छाजपुर के जमाइयों की तादाद ज्यादा हुई तो इसका नाम खुद ब खुद ही जमाई कॉलोनी पड़ गया.

हरियाणा के पानीपत जिले के सनौली खंड के पास छाजपुर गांव से लगती कॉलोनी में छाजपुर गांव के जमाइयों की तादाद ज्यादा होने से इसे जमाई कॉलोनी कहा जाता है. यहां बसने वाले जमाइयों के कारण कॉलोनी की एक अलग ही पहचान है. दरअसल 8 साल पहले जब ये कॉलोनी बनी तो यहां छाजपुर की एक बेटी और दामाद ने सस्ती जमीन होने के कारण घर ले लिया. उसके बाद यहां गांव की बेटियां एक के बाद एक आकर रहने लगी और अब इस कॉलोनी में 100 से अधिक घर हैं.

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इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि काम की तलाश में लोग यहां आकर बस जाते हैं. औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण पास के गांव के जमाई यहां आकर काम करने लग गए. जिससे गांव वालों ने इस कॉलोनी को जमाई कॉलोनी कहना शुरू कर दिया. धीर-धीरे ये नाम इतना फेमस हो गया कि सब लोग इसे जमाई कॉलोनी के नाम से ही जानने लग गए. जब यहां के रहने वाले लोगों से हमने बात की तो उनका कहना था कि यहां गांव छाजपुर की बेटियां आकर रहने लगी थी तो उस दिन से इसका नाम जमाई कॉलोनी रख दिया.

हालांकि कागजों में ऐसा कोई नाम नहीं है. इस कॉलोनी का असली नाम माता कॉलोनी है, लेकिन माता कॉलोनी के नाम से इसे कोई नहीं जानता. बता दें कि शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर बनी यह कॉलोनी अनअप्रूव्ड कॉलोनी है. यहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है लोगों का मानना है कि यहां औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण आसपास के गांव के जमाई काम की तलाश में आकर यहां बस गए. स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब कोई इस कॉलोनी के बारे में उनसे पूछता है तो उन्हें भी गुस्सा आता है. क्योंकि यह जमाई कॉलोनी नाम उन्हें भी पसंद नहीं है, लेकिन अब ये कॉलोनी अपनी पहचान इसी नाम से बना चुकी है तो उनकी भी इसे इसी नाम से बुलाने की मजबूरी है.

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