पंचकूला: पंचकूला को स्मार्ट सिटी बनने में आ रही बाधा अब दूर होने वाली है. इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के नेतृत्व में शुक्रवार को प्रशासन और नवनिर्वाचित पार्षदों ने विस्तृत योजना बनाई है.
विधानसभा सचिवालय में आयोजित पंचकूला एडवाइजरी कमेटी की बैठक में जिला उपायुक्त मुकेश कुमार आहुजा और मेयर कुलभूषण गोयल की उपस्थिति में शहर के प्रबुद्ध नागरिकों और पार्षदों ने शहर की आवश्यकताएं और उन्हें पूरा करने के लिए अपने सुझाव रखे बैठक में उपस्थित जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस अफसरों ने एकजुटता से इन सुझावों को पूरा करने का आश्वासन दिया.
बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने पंचकूला को स्मार्ट सिटी के लिए सात सूत्रीय फार्मूला प्रस्तुत किया. जिसका पूरी एडवाइजरी कमेटी ने इसका स्वागत किया. गुप्ता के सात सूत्रीय फार्मूले में शहर को अतिक्रमण, स्ट्रे डॉग, लावारिस पशु, प्रदूषण, स्लम, प्लास्टिक और नशाखोरी से मुक्त करने की बात कही गई है.
उन्होंने कहा कि इन सात चीजों को हटाने के लिए जनता और प्रशासन की बराबर की सहभागिता होनी आवश्यक है. उन्होंने नवनिर्वाचित पार्षदों और पंचकूला डेवलपमेंट एडवाइजरी कमेटी के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे इस बड़े उपक्रम के लिए जनता को तैयार करें.
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि पंचकूला को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने में सबसे बड़ी बाधा यहां कचरा निस्तारण की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने से है. इसके लिए अब प्रदेश सरकार की ओर से सेक्टर में कचरा निस्तारण प्लांट शुरू हो चुका है. इससे शहर की 40-45 साल पुरानी समस्या हल हो जाएगी .
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साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में कचरा निस्तारण की उचित व्यवस्था करने के लिए प्रशासन द्वारा जल्द ही सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा. बैठक में उपस्थित पार्षदों ने मार्केटों में हो रहे अतिक्रमण, नशाखोरी और सट्टेबाजी पर चिंता जताई कई और कई कॉलोनियों के पार्षदों ने वहां सीवरेज की समस्या के निराकरण की मांग की.