ETV Bharat / state

मानेसर लैंड स्कैम: कोर्ट में वर्क सस्पेंड के चलते नहीं हुई सुनवाई

पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में मानेसर लैंड स्कैम मामले में सुनवाई होनी थी. लेकिन वकीलों के वर्क सस्पेंड के चलते सुनवाई नहीं सकी. अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने तारीख दे दी है.

manesar land scam hearing averted
author img

By

Published : Nov 4, 2019, 1:36 PM IST

पंचकूला: मानेसर लैंड स्कैम मामले की पंचकूला स्तिथ विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई. विशेष सीबीआई अदालत में मानेसर जमीन घोटाले को लेकर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34 आरोपी पेश हुए, लेकिन वर्क सस्पेंड होने के चलते सुनवाई नहीं हुई. अब इस मामले की सुनवाई 20 नवंबर को होगी.

पिछली सुनवाई में हुड्डा के पक्ष में हाजिरी माफी याचिका
पिछली सुनावाई में हुड्डा के पक्ष में माफी याचिका लगाई गई थी क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव के चलते कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. जिसके बाद भूपेंद्र हुड्डा को आज कोर्ट में पेश होना था. वकीलों के वर्क सस्पेंड की वजह से आज भी सुनवाई नहीं हो पाई.

कोर्ट में पेश भूपेद्र हुड्डा, देखें वीडियो

मानेसर लैंड स्कैम क्या है?
27 अगस्त 2004 को एचएसआईआईडीसी ने इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने के लिए मानेसर, लखनौला, नौरंगपुर में 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया. राज्य सरकार ने 224 एकड़ जमीन को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया, 688 एकड़ जमीन अधिग्रहण के दायरे में रही. इसके बाद कई बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीदना शुरू कर दिया. 24 अगस्त 2007 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द कर दी.

ये भी पढ़ें:-मानेसर लैंड स्कैम मामले में CBI कोर्ट में हुई सुनवाई, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की हाजिरी माफी के लिए लगाई याचिका

इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बिल्डरों ने किसानों को जमीन के बदले जो भी रकम दी है वह वापस नहीं होगी. जमीन मालिक को जो पैसा बिल्डर ने दिया है वह मुआवजा माना जाएगा. अगर मुआवजा बकाया है तो राज्य सरकार देगी. जहां मुआवजे से ज्यादा रकम मिली है, वह रकम वापस नहीं होगी. जिसने बिल्डरों को जमीन और फ्लैट अलॉटमेंट के बदले रकम दी है, वह रकम वापस पाने का हकदार होगा. तीसरे पक्ष को रिफंड या अलॉट किए गए प्लॉट या फ्लैट में हिस्सा मिलेगा.

जानें क्यों है? वकीलों का वर्क सस्पेंड

तीस हजारी कोर्ट में लॉकअप के पास पार्किंग को लेकर एक वकील की वहां मौजूद पुलिसकर्मी से झड़प हो गई. कुछ ही देर में यह कहासुनी झगड़े में तब्दील हो गई. धीरे-धीरे वहां पर वकीलों का जमावड़ा लगने लगा. वहीं पुलिस बल भी मौके पर इकट्ठा होने लगा.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली के वकीलों के समर्थन में हरियाणा के वकील, आज वर्क सस्पेंड

देखते ही देखते पुलिस और वकील आपस में भिड़ गए. इस दौरान किसी ने पुलिस की एक जिप्सी में आग लगा दी. वहीं पुलिस की तरफ से हवाई फायरिंग की गई. इस दौरान 20 पुलिसकर्मी, एक एडिशनल डीसीपी, 2 एसएचओ को चोटें आईं. साथ ही 8 वकील चोटिल हुए हैं. 12 प्राइवेट बाइक, एक क्यूआरटी पुलिस जिप्सी और 8 जेल वैन डैमेज हो गईं, जिनमें कुछ को आग लगाई गई.

पंचकूला: मानेसर लैंड स्कैम मामले की पंचकूला स्तिथ विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई. विशेष सीबीआई अदालत में मानेसर जमीन घोटाले को लेकर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34 आरोपी पेश हुए, लेकिन वर्क सस्पेंड होने के चलते सुनवाई नहीं हुई. अब इस मामले की सुनवाई 20 नवंबर को होगी.

पिछली सुनवाई में हुड्डा के पक्ष में हाजिरी माफी याचिका
पिछली सुनावाई में हुड्डा के पक्ष में माफी याचिका लगाई गई थी क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव के चलते कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. जिसके बाद भूपेंद्र हुड्डा को आज कोर्ट में पेश होना था. वकीलों के वर्क सस्पेंड की वजह से आज भी सुनवाई नहीं हो पाई.

कोर्ट में पेश भूपेद्र हुड्डा, देखें वीडियो

मानेसर लैंड स्कैम क्या है?
27 अगस्त 2004 को एचएसआईआईडीसी ने इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने के लिए मानेसर, लखनौला, नौरंगपुर में 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया. राज्य सरकार ने 224 एकड़ जमीन को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया, 688 एकड़ जमीन अधिग्रहण के दायरे में रही. इसके बाद कई बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीदना शुरू कर दिया. 24 अगस्त 2007 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द कर दी.

ये भी पढ़ें:-मानेसर लैंड स्कैम मामले में CBI कोर्ट में हुई सुनवाई, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की हाजिरी माफी के लिए लगाई याचिका

इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बिल्डरों ने किसानों को जमीन के बदले जो भी रकम दी है वह वापस नहीं होगी. जमीन मालिक को जो पैसा बिल्डर ने दिया है वह मुआवजा माना जाएगा. अगर मुआवजा बकाया है तो राज्य सरकार देगी. जहां मुआवजे से ज्यादा रकम मिली है, वह रकम वापस नहीं होगी. जिसने बिल्डरों को जमीन और फ्लैट अलॉटमेंट के बदले रकम दी है, वह रकम वापस पाने का हकदार होगा. तीसरे पक्ष को रिफंड या अलॉट किए गए प्लॉट या फ्लैट में हिस्सा मिलेगा.

जानें क्यों है? वकीलों का वर्क सस्पेंड

तीस हजारी कोर्ट में लॉकअप के पास पार्किंग को लेकर एक वकील की वहां मौजूद पुलिसकर्मी से झड़प हो गई. कुछ ही देर में यह कहासुनी झगड़े में तब्दील हो गई. धीरे-धीरे वहां पर वकीलों का जमावड़ा लगने लगा. वहीं पुलिस बल भी मौके पर इकट्ठा होने लगा.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली के वकीलों के समर्थन में हरियाणा के वकील, आज वर्क सस्पेंड

देखते ही देखते पुलिस और वकील आपस में भिड़ गए. इस दौरान किसी ने पुलिस की एक जिप्सी में आग लगा दी. वहीं पुलिस की तरफ से हवाई फायरिंग की गई. इस दौरान 20 पुलिसकर्मी, एक एडिशनल डीसीपी, 2 एसएचओ को चोटें आईं. साथ ही 8 वकील चोटिल हुए हैं. 12 प्राइवेट बाइक, एक क्यूआरटी पुलिस जिप्सी और 8 जेल वैन डैमेज हो गईं, जिनमें कुछ को आग लगाई गई.

Intro:दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले की आग पंचकूला जिला अदालत में भी पहुंच गई। बार काउंसिल की कॉल पर आज पंचकूला में वर्क सस्पेंड रहा।


Body:दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई मारपीट के मामले को लेकर आज पंचकूला जिला अदालत में वर्क सस्पेंड रहा। बार काउंसिल के प्रधान प्रमोद भारद्वाज वकीलों के साथ कोर्ट के द्वार पर स्ट्राइक पर बैठ रहे।


Conclusion:बार काउंसिल के प्रधान प्रमोद भारद्वाज ने कहा कि मामले को लेकर अगर फिर से स्ट्राइक करनी पड़ी तो वे बार काउंसिल के आदेश पर स्ट्राइक करने को तैयार हैं। प्रमोद भारद्वाज ने मांग की कि पुलिस दोषियों के खिलाफ FIR करने के बाद सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार करे।

बाइट - प्रमोद भारद्वाज, बार कॉउसिल के प्रधान।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.