ETV Bharat / state

बड़ी खबर: ED ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा के खिलाफ चार्जशीट फाइल की

एजेएल प्लॉट आवंटन केस में ईडी ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम मोतीलाल वोरा, और एसोसिएट जनरल लिमिटेड के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है. बता दें कि तत्कालीन सरकार ने पंचकूला के सेक्टर-6 में एजेएल को 3360 स्क्वायर मीटर का प्लॉट अलॉट किया गया था.

charge sheet file against bhupinder singh hooda
author img

By

Published : Aug 26, 2019, 9:13 PM IST

पंचकूला: एजेएल प्लॉट आवंटन केस में ईडी ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम मोतीलाल वोरा और एसोसिएट जनरल लिमिटेड के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है. समन के वक्त तीनों आरोपियों की प्रॉपर्टी भी सील हो सकती है. वहीं ईडी की तरफ से चार्जशीट दाखिल करने पर हो सकता है कि इन तीनों पर अलग से मामला दर्ज भी कर लिया जाए. इस चार्जशीट पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी.

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट फाइल

कैसे हुआ था एजेएल घोटाला ?
इस विवाद की शुरूआत वर्ष 1982 में हुई थी. तत्कालीन सरकार ने पंचकूला के सेक्टर-6 में एजेएल को 3360 स्क्वायर मीटर का प्लॉट अलॉट किया गया था. तय समय सीमा के दौरान संबंधित संस्थान ने इस प्लॉट पर किसी तरह का निर्माण नहीं किया. 1996 में पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद बंसीलाल के नेतृत्व वाली तत्कालीन हरियाणा विकास पार्टी सरकार ने इसका कब्जा वापस ले लिया.

इसके बाद वर्ष 2005 में हरियाणा में फिर से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ गई. जून 2005 में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने एजेएल के आधार पर हुड्डा से ये प्लॉट फिर से अलॉट किए जाने की मांग की. जिसमें यह कहा गया कि यहां से एक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया जाएगा. यही से एक नया घोटाला शुरू हो गया.

मानेसल लैंड स्केम में भी है पूर्व सीएम हुड्डा का नाम
27 अगस्त 2004 को एचएसआईआईडीसी ने इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने के लिए मानेसर, लखनौला, नौरंगपुर में 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया. राज्य सरकार ने 224 एकड़ जमीन को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया, 688 एकड़ जमीन अधिग्रहण के दायरे में रही. इसके बाद कई बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीदना शुरू कर दिया. 24 अगस्त 2007 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द कर दी. फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बिल्डरों ने किसानों को जमीन के बदले जो भी रकम दी है वह वापस नहीं होगी. जमीन मालिक को जो पैसा बिल्डर ने दिया है वह मुआवजा माना जाएगा. अगर मुआवजा बकाया है तो राज्य सरकार देगी. जहां मुआवजे से ज्यादा रकम मिली है, वह रकम वापस नहीं होगी. जिसने बिल्डरों को जमीन और फ्लैट अलॉटमेंट के बदले रकम दी है, वह रकम वापस पाने का हकदार होगा. तीसरे पक्ष को रिफंड या अलॉट किए गए प्लॉट या फ्लैट में हिस्सा मिलेगा.

पंचकूला: एजेएल प्लॉट आवंटन केस में ईडी ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम मोतीलाल वोरा और एसोसिएट जनरल लिमिटेड के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है. समन के वक्त तीनों आरोपियों की प्रॉपर्टी भी सील हो सकती है. वहीं ईडी की तरफ से चार्जशीट दाखिल करने पर हो सकता है कि इन तीनों पर अलग से मामला दर्ज भी कर लिया जाए. इस चार्जशीट पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी.

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट फाइल

कैसे हुआ था एजेएल घोटाला ?
इस विवाद की शुरूआत वर्ष 1982 में हुई थी. तत्कालीन सरकार ने पंचकूला के सेक्टर-6 में एजेएल को 3360 स्क्वायर मीटर का प्लॉट अलॉट किया गया था. तय समय सीमा के दौरान संबंधित संस्थान ने इस प्लॉट पर किसी तरह का निर्माण नहीं किया. 1996 में पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद बंसीलाल के नेतृत्व वाली तत्कालीन हरियाणा विकास पार्टी सरकार ने इसका कब्जा वापस ले लिया.

इसके बाद वर्ष 2005 में हरियाणा में फिर से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ गई. जून 2005 में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने एजेएल के आधार पर हुड्डा से ये प्लॉट फिर से अलॉट किए जाने की मांग की. जिसमें यह कहा गया कि यहां से एक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया जाएगा. यही से एक नया घोटाला शुरू हो गया.

मानेसल लैंड स्केम में भी है पूर्व सीएम हुड्डा का नाम
27 अगस्त 2004 को एचएसआईआईडीसी ने इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने के लिए मानेसर, लखनौला, नौरंगपुर में 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया. राज्य सरकार ने 224 एकड़ जमीन को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया, 688 एकड़ जमीन अधिग्रहण के दायरे में रही. इसके बाद कई बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीदना शुरू कर दिया. 24 अगस्त 2007 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द कर दी. फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बिल्डरों ने किसानों को जमीन के बदले जो भी रकम दी है वह वापस नहीं होगी. जमीन मालिक को जो पैसा बिल्डर ने दिया है वह मुआवजा माना जाएगा. अगर मुआवजा बकाया है तो राज्य सरकार देगी. जहां मुआवजे से ज्यादा रकम मिली है, वह रकम वापस नहीं होगी. जिसने बिल्डरों को जमीन और फ्लैट अलॉटमेंट के बदले रकम दी है, वह रकम वापस पाने का हकदार होगा. तीसरे पक्ष को रिफंड या अलॉट किए गए प्लॉट या फ्लैट में हिस्सा मिलेगा.

Intro:ब्रेकिंग पंचकूला -

एजेएल प्लाट आवंटन मामला।

मामले में ई.डी ने सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट की फ़ाइल।

Body:मोती लाल वोहरा, एजेएल, भूपेंदर सिंह हुड्डा के नाम चार्जशीट में।

सम्मन के वक्त तीनों आरोपियों की प्रॉपर्टी हो सकती है सील।

Conclusion:ई.डी द्वारा चार्जशीट सबमिट करने पर अब तीनों के खिलाफ अलग से मामला चल सकता है सीबीआई कोर्ट में।

ईडी द्वारा फ़ाइल की गई चार्जशीट पर अब 16/9/2019 पर होगी सुनवाई।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.