पंचकूला: मानेसर लैंड स्कैम में पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई में आरोपी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को छोड़ बाकी आरोपी स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश हुए. वहीं सुनवाई में आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच बहस हुई.
बचाव पक्ष वकील ने बताया कि मानेसर लैंड स्कैम में विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई. वकील ने बताया कि आरोपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा राजनीतिक कार्यक्रम में व्यस्त होने के चलते सुनवाई में पेश नहीं हो पाए, जिसके चलते कोर्ट में उनकी हाजरी माफी को लेकर याचिका लगाई गई है. वकील ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी और 3 अक्टूबर को आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर बहस होगी.
मानेसल लैंड स्कैम क्या है?
27 अगस्त 2004 को एचएसआईआईडीसी ने इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने के लिए मानेसर, लखनौला, नौरंगपुर में 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया. राज्य सरकार ने 224 एकड़ जमीन को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया, 688 एकड़ जमीन अधिग्रहण के दायरे में रही. इसके बाद कई बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीदना शुरू कर दिया. 24 अगस्त 2007 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द कर दी.
इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बिल्डरों ने किसानों को जमीन के बदले जो भी रकम दी है वह वापस नहीं होगी. जमीन मालिक को जो पैसा बिल्डर ने दिया है वह मुआवजा माना जाएगा. अगर मुआवजा बकाया है तो राज्य सरकार देगी. जहां मुआवजे से ज्यादा रकम मिली है, वह रकम वापस नहीं होगी. जिसने बिल्डरों को जमीन और फ्लैट अलॉटमेंट के बदले रकम दी है, वह रकम वापस पाने का हकदार होगा. तीसरे पक्ष को रिफंड या अलॉट किए गए प्लॉट या फ्लैट में हिस्सा मिलेगा.
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