पलवल: जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पलवल जिले के गांव भिडूकी की पंचायत की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में की, जिसे ट्विटर पर भी शेयर किया गया. ग्राम पंचायत भिडूकी के सरपंच ने जोहड़ के पानी से खेतों की सिंचाई करने की योजना तैयार की है. सरपंच की इस पहल के लिए पीएम से लेकर उनके गांव के लोग भी उनकी तारीफ कर रहे हैं और इस योजना को जल संरक्षण की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम बता रहे हैं.
क्या है जल संरक्षण की ये योजना ?
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय पहल कर चुकी गांव भिडूकी की पंचायत ने जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी से सिंचाई के इस्तेमाल करने की योजना तैयार की है. जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी को सीवर लाइन के जरिए खेतों तक पहुंचाया जाएगा. इसके लिए जोहड़ का वाटर लेवल तय किया जाएगा और उसके ऊपर पहुंचने वाला पानी करीब दो किलोमीटर लंबी सीवर लाइन के जरिए मैन हॉल में प्रवेश करेगा. वहां से पानी साफ होकर खेतों तक सिंचाई के लिए बने नाले तक पहुंचेगा. इससे जहां जोहड़ का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर नहीं आएगा वहीं सिंचाई के लिए भी पानी की अतिरिक्त व्यवस्था हो जाएगी.
गांव भिडूकी के सरपंच सत्यदेव गौतम ने बताया कि जोहड़ से सिंचाई वाले नाले तक करीब दो किलोमीटर लंबी सीवर लाइन में हर 300 फीट की दूरी पर कुल 15 मैन हॉल बनाए गए हैं. जिसमें से पानी साफ होकर आगे जाएगा. यदि किसी किसान को अपने खेतों में सिंचाई करनी होगी तो वह मैन हॉल में पाइप डालकर खेत तक पानी ले जा सकेगा अन्यथा सारा पानी सिंचाई के लिए नाले में समाहित हो जाएगा. इसी प्रकार अन्य जोहड़ों की खुदाई का कार्य भी चल रहा है जिससे जल स्तर भी ऊंचा होगा और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा. सरपंच ने बताया कि गांव भिडूकी में वैसे तो सिंचाई के लिए नहरी पानी की व्यवस्था है, लेकिन इसके बावजूद जल संरक्षण की दिशा में भी काम करना जरूरी है.
गांव के युवा सरपंच हर कोई कर रहा तारीफ
वहीं ग्रामीणों ने इस योजना को लेकर गांव के सरपंच की तारीफ की और इस योजना को जल सरंक्षण की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम बताया. गांव भिडूकी निवासी बच्चू सिंह और वीरेंद्र सिंह नबंरदार ने बताया कि गांव का सरपंच युवा है और पढ़ा लिखा है. युवा सोच के साथ गांव में विकास की नई परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. ग्राम पंचायत द्वारा जल संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है. जल संरक्षण के इस कार्य से गांव में पानी निकासी का कार्य भी हो गया और खेती के लिए सिंचाई का पानी भी उपलब्ध हो गया. इस योजना से अन्य ग्राम पंचायतों को भी प्ररेणा लेनी चाहिए.
भिडूकी गांव के सरपंच युवा है और बीटेक, एमबीए करने के बाद लाखों रुपए की नौकरी छोड़कर अपने गांव की तस्वीर बदलने में लगे हुए हैं. खुद पीएम मोदी उनकी योजना से प्रभावित होकर उनकी तारीफ करे रहे हैं. वहीं सरपंच और उनकी इस योजना से प्रेरित होकर देश और प्रदेश के बाकी लोग भी अपने-अपने गांवों की तस्वीर बदलने के साथ-साथ जल संरक्षण में भी अपना योगदान दे सकते हैं.
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