पलवलः तीन तलाक पर कानून बनने बाद भी मुस्लिम समाज में तीन तलाक देने के मामले कम नहीं हो रहे हैं. ताजा मामला पलवल से सामने आया है, जहां कानून बनने के बाद पलवल में तीन तलाक का ये पहला मामला है. जहां पलवल के पिरगढ़ी गांव में एक मुस्लिम महिला को उसके भाई के सामने उसके पति ने तलाक दे दिया. पीड़ित महिला ने हसनपुर थाने में पति के खिलाफ शिकायत दी. आरोपी पति अभी फरार है, पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश में जुटी है.
पीड़िता ने दर्ज कराया केस
पलवल के पिरगढ़ी गांव निवासी महिला को उसके पति ने उसके भाई के सामने ही तलाक दे दिया. पलवल में ये तीन तलाक का पहला मुकदमा दर्ज हुआ है. पीरगढ़ी गांव निवासी भूरी ने अपने शौहर निजाम के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
ये है पूरा मामला
पीड़िता भूरी ने बताया कि 5 साल पहले उसका निकाह बिछोर गांव निवासी निजाम से हुआ था लेकिन उसके बाद से ही उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी थी.
पीड़िता ने बताया कि उनके बीच अनबन को लेकर कई बार पंचायत भी हुई और वो पंचायत के कहने से ससुराल चली गई थी. लेकिन उसके बाद भी उसके ससुराल वाले बाज नहीं आए और आरोपी मारपीट कर प्रताड़ित करता था और कुछ दिन पहले जान से मारने की धमकी देते हुए पीड़िता के भाई के सामने उसके शौहर ने उसे तीन तलाक दे दिया. हसनपुर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
आरोपी की तलाश में पुलिस
डीएसपी विवेक चौधरी के अनुसार निजाम के खिलाफ तीन तलाक देने व मुस्लिम महिला (प्रोटेक्शन आफ राइट्स ऑन मेरिज) एक्ट 2019 की धारा चार और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर लिया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा, फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है. गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा.
क्या है तीन तलाक?
इस्लाम में तलाक के कई तरीके हैं. इनमें तलाक-ए-एहसान, तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-बिद्दत शामिल है. एहसान और हसन से पीछे हटा जा सकता है. लेकिन, तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक) से मुकरने की गुंजाइश नहीं है. यानी एक बार पति पत्नी से तीन बार तलाक बोल देता है तो वो उससे पलट नहीं सकता है.
तीन साल की सजा का प्रावधान
बता दें तीन तलाक भारत में अपराध है. इसके तहत तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है. अगर मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा.
तीन तलाक देने पर पत्नी स्वंय या उसके करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकेंगे. पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है. एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है. मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी.