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Shardiya Navratri 2023: पाकिस्तान से लाई गई माता की मूर्तियां इस मंदिर में हैं स्थापित, सप्तमी को ही श्रद्धालुओं के लिए खुलते हैं कपाट - शारदीय नवरात्रि

Shardiya Navratri 2023 नवरात्रि में देश भर के माता के मंदिरों में इन दिनों श्रद्धालु शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा-आराधना करने के लिए माता के दरबार में पहुंच रहे हैं. वहीं, हरियाणा के पलवल जिले में काली माता का एक ऐसा मंदिर है जिसके कपाट नवरात्रि की सप्तमी तिथि के दिन श्रद्धालुओं को लिए खोले जाते हैं. इस मंदिर में स्थापित मूर्तियों को पाकिस्तान से लाया गया है. आखिर मंदिर को लेकर क्या मान्यता है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(Kali Mata Mandir Palwal Famous mata temple in haryana)

Kali Mata Mandir Palwal Famous mata temple in haryana
पलवल में काली माता मंदिर
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 16, 2023, 8:54 AM IST

पलवल: इन दिनों शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा-आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि चल रहा है. नवरात्रि में देश भर के माता के मंदिरों में इन दिनों सुबह से लेकर रात तक भक्तों का तांता लगा रहता है. चारों ओर पंडाल माता के जयकारों गुंजायमान रहता है. वहीं, हरियाणा के पलवल जिले में एक बहुत ही प्रसिद्ध प्राचीन देवी मंदिर है. मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां पाकिस्तान से मूर्तियां लाई गई हैं.

पलवल में काली माता मंदिर: वैसे तो हरियाणा में माता के कई मंदिर हैं. लेकिन, इन मंदिरों में पलवल स्थित काली माता मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्तियों को पाकिस्तान से लाया गया है. बता दें कि काली माता मंदिर में पाकिस्तान के राजनपुर जिले के रूझान गांव से लाई गई मिट्टी से बनी मां काली, भैरव बाबा और माता वैष्णो देवी की प्रतिमाएं स्थापित हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंदिर में श्रद्धालु नवरात्रि की सप्तमी के दिन माता के दर्शन कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: Mata Mansa Devi Temple in Panchkula: नवरात्रि में माता मनसा देवी के मंदिर में इंतजाम पूरे, नवरात्रि मेले को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मंदिर को लेकर मान्यता: मंदिर में वर्ष के 365 दिन सरसों के तेल की अखंड ज्योत जलती रहती है. मंदिर में काली माता को प्रसाद में काले चने का भोग लगता है. मान्यता है कि सरसों के तेल के त्रिमुखी दीपक से तारा दिखाई देने के बाद ही माता की आरती की जाती है. मंदिर को लेकर एक परंपरा चली आ रही है. परंपरा के अनुसार रूझान बिरादरी के किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके परिवार के सदस्य सवा किलो सरसों का तेल इस मंदिर में चढ़ाने जरूर आते हैं.

ये भी पढ़ें: Navratri special - पानीपत के प्राचीन देवी मंदिर में होती है हर मुराद पूरी, जानिए कैसे देवी की करें आराधना

पलवल: इन दिनों शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा-आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि चल रहा है. नवरात्रि में देश भर के माता के मंदिरों में इन दिनों सुबह से लेकर रात तक भक्तों का तांता लगा रहता है. चारों ओर पंडाल माता के जयकारों गुंजायमान रहता है. वहीं, हरियाणा के पलवल जिले में एक बहुत ही प्रसिद्ध प्राचीन देवी मंदिर है. मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां पाकिस्तान से मूर्तियां लाई गई हैं.

पलवल में काली माता मंदिर: वैसे तो हरियाणा में माता के कई मंदिर हैं. लेकिन, इन मंदिरों में पलवल स्थित काली माता मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्तियों को पाकिस्तान से लाया गया है. बता दें कि काली माता मंदिर में पाकिस्तान के राजनपुर जिले के रूझान गांव से लाई गई मिट्टी से बनी मां काली, भैरव बाबा और माता वैष्णो देवी की प्रतिमाएं स्थापित हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंदिर में श्रद्धालु नवरात्रि की सप्तमी के दिन माता के दर्शन कर सकते हैं.

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मंदिर को लेकर मान्यता: मंदिर में वर्ष के 365 दिन सरसों के तेल की अखंड ज्योत जलती रहती है. मंदिर में काली माता को प्रसाद में काले चने का भोग लगता है. मान्यता है कि सरसों के तेल के त्रिमुखी दीपक से तारा दिखाई देने के बाद ही माता की आरती की जाती है. मंदिर को लेकर एक परंपरा चली आ रही है. परंपरा के अनुसार रूझान बिरादरी के किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके परिवार के सदस्य सवा किलो सरसों का तेल इस मंदिर में चढ़ाने जरूर आते हैं.

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