पलवल: इन दिनों शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा-आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि चल रहा है. नवरात्रि में देश भर के माता के मंदिरों में इन दिनों सुबह से लेकर रात तक भक्तों का तांता लगा रहता है. चारों ओर पंडाल माता के जयकारों गुंजायमान रहता है. वहीं, हरियाणा के पलवल जिले में एक बहुत ही प्रसिद्ध प्राचीन देवी मंदिर है. मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां पाकिस्तान से मूर्तियां लाई गई हैं.
पलवल में काली माता मंदिर: वैसे तो हरियाणा में माता के कई मंदिर हैं. लेकिन, इन मंदिरों में पलवल स्थित काली माता मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्तियों को पाकिस्तान से लाया गया है. बता दें कि काली माता मंदिर में पाकिस्तान के राजनपुर जिले के रूझान गांव से लाई गई मिट्टी से बनी मां काली, भैरव बाबा और माता वैष्णो देवी की प्रतिमाएं स्थापित हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंदिर में श्रद्धालु नवरात्रि की सप्तमी के दिन माता के दर्शन कर सकते हैं.
मंदिर को लेकर मान्यता: मंदिर में वर्ष के 365 दिन सरसों के तेल की अखंड ज्योत जलती रहती है. मंदिर में काली माता को प्रसाद में काले चने का भोग लगता है. मान्यता है कि सरसों के तेल के त्रिमुखी दीपक से तारा दिखाई देने के बाद ही माता की आरती की जाती है. मंदिर को लेकर एक परंपरा चली आ रही है. परंपरा के अनुसार रूझान बिरादरी के किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके परिवार के सदस्य सवा किलो सरसों का तेल इस मंदिर में चढ़ाने जरूर आते हैं.
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