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पलवल में खस्ता हाल में पड़े हैं रैन बसेरे, फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं बेघर

पलवल में गरीब और बेघरों के लिए बनाए गए रैन बसेरे खस्ता हालत में हैं. ना कोई अधिकारी इनकी सुध ले रहा है और ना ही लोगों को इनके बारे में जानकारी है. किसी धर्मशाला में रजाई नहीं है तो किसी में रात में ताला लटक जाता है. अधिकारियों की अनदेखी के चलते गरीबों को फुटपाथों पर ही रात काटनी पड़ती है.

rain shelters are in trouble in palwal
पलवल में खस्ता हाल में पड़े हैं रैन बसेरे, फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं बेघर
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Published : Jan 7, 2020, 9:04 AM IST

पलवल: इस ठिठुरती हुई ठंड में जहां लोग अपने बचाव के लिए कई तरह के साधनों का उपयोग करते हैं तो वहीं बेसहारों को सड़क पर रात काटने को मजबूर होना पड़ रहा है. जिले में गरीब और बेघरों के लिए बनाए गए रैन बसेरे खस्ता हालत में हैं.

ना कोई अधिकारी इनकी सुध ले रहा है और ना ही लोगों को इनके बारे में जानकारी है. किसी धर्मशाला में रजाई नहीं है तो किसी में रात में ताला लटक जाता है. अधिकारियों की अनदेखी के चलते गरीबों को फुटपाथों पर ही रात काटनी पड़ती है.

पलवल में खस्ता हाल में पड़े हैं रैन बसेरे, फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं बेघर

किसी धर्मशाला में रजाई नहीं तो किसी में जड़ा है ताला
जिला प्रशासन द्वारा पलवल में जाट धर्मशाला, ब्राह्मण धर्मशाला और पलवल बस स्टैंड में रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई अधिकारी नहीं है. जाट धर्मशाला में बने रैन बसेरे में प्रशासन ने ना तो रजाई की व्यवस्था की है और ना ही अलाव की. धर्मशाला के मैनेजर द्वारा लोगों के लिए रजाई और गद्दे की व्यवस्था की जाती है. इसमें ना तो प्रशासन देखरेख करता है और ना ही रेड क्रॉस सोसाइटी.

वहीं ब्राह्मण धर्मशाला में रात के 9.30 पर ही ताला जड़ दिया जाता है. अगर कोई गरीब-बेसहारा रात में अगर कहीं ठहरना चाहे तो उसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उसे रात तो सड़क पर ही काटनी पड़ेगी.

इसे भी पढ़ें: गुरुग्राम निगम कमिश्नर ने किया रैन बसेरों का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए जरूरी दिशा-निर्देश

इस बारे में रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव बिजेंद्र सौरोत ने बताया कि उन्हें भी रैन बसेरे पर ताला लगने की बात नजर में आई है. उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. सोसायटी द्वारा गर्म बिस्तरों की उपलब्धता के बारे में सवाल पूछे जाने पर टालमटोल करते दिखे. उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं पता, वे छुट्टी पर थे.

पलवल: इस ठिठुरती हुई ठंड में जहां लोग अपने बचाव के लिए कई तरह के साधनों का उपयोग करते हैं तो वहीं बेसहारों को सड़क पर रात काटने को मजबूर होना पड़ रहा है. जिले में गरीब और बेघरों के लिए बनाए गए रैन बसेरे खस्ता हालत में हैं.

ना कोई अधिकारी इनकी सुध ले रहा है और ना ही लोगों को इनके बारे में जानकारी है. किसी धर्मशाला में रजाई नहीं है तो किसी में रात में ताला लटक जाता है. अधिकारियों की अनदेखी के चलते गरीबों को फुटपाथों पर ही रात काटनी पड़ती है.

पलवल में खस्ता हाल में पड़े हैं रैन बसेरे, फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं बेघर

किसी धर्मशाला में रजाई नहीं तो किसी में जड़ा है ताला
जिला प्रशासन द्वारा पलवल में जाट धर्मशाला, ब्राह्मण धर्मशाला और पलवल बस स्टैंड में रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई अधिकारी नहीं है. जाट धर्मशाला में बने रैन बसेरे में प्रशासन ने ना तो रजाई की व्यवस्था की है और ना ही अलाव की. धर्मशाला के मैनेजर द्वारा लोगों के लिए रजाई और गद्दे की व्यवस्था की जाती है. इसमें ना तो प्रशासन देखरेख करता है और ना ही रेड क्रॉस सोसाइटी.

वहीं ब्राह्मण धर्मशाला में रात के 9.30 पर ही ताला जड़ दिया जाता है. अगर कोई गरीब-बेसहारा रात में अगर कहीं ठहरना चाहे तो उसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उसे रात तो सड़क पर ही काटनी पड़ेगी.

इसे भी पढ़ें: गुरुग्राम निगम कमिश्नर ने किया रैन बसेरों का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए जरूरी दिशा-निर्देश

इस बारे में रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव बिजेंद्र सौरोत ने बताया कि उन्हें भी रैन बसेरे पर ताला लगने की बात नजर में आई है. उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. सोसायटी द्वारा गर्म बिस्तरों की उपलब्धता के बारे में सवाल पूछे जाने पर टालमटोल करते दिखे. उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं पता, वे छुट्टी पर थे.

Intro:एंकर :- जिला प्रशाशन द्वारा रैन बसेरे के नाम पर दी जाने वाली सुविधाओं की असलियत जानने जब हमारी टीम ने बीती देर रात साढ़े 9 और साढ़े 10 बजे के बिच रैन बसेरो का औचक निरीक्षण किया। तो वहां सुविधाओं के नाम पर महज खाना पूर्ति ही दिखाई दी। रैन बसेरो में मौजूद लोगो की माने। तो रात को सोने के लिए दिए गए गद्दे और रजाइयां फट चुके है। जिसके चलते जाट धर्मशाला में बने रैन बसेरे में जाट धर्मशाला के मैनेजर द्वारा बेसहारा लोगो को बिस्तर उपलब्ध कराए जा रहे है। हैरानी की बात तो यह है कि रैन बसेरो को चलाने वाली सरकारी संस्था रेड क्रॉस के अधिकारियो ने अभी तक यहां का ना तो कोई दौरा किया और ना ही कोई रैन बसेरो की सुध ली। जिसके चलते बेसहारा लोग इस ठिठुरती हुई ठंड में पलवल के रेलवे स्टेशन व फुठ्पाथो पर खुले में जीवन और मृत्यु का संघर्ष कर सोने की कोशिश करते हुए नजर आए।

Body:वीओ :- इस ठिठुरती हुई ठंड में जहां लोग ठंड से बजाव के लिए कई तरह के साधनो का उपयोग कर घरो से निकलने में भी कतरा रहे है। वही बेसहारा लोगो के लिए रात गुजराने के लिए जिला प्रशाशन द्वारा बनाए गए रैन बसेरे किस प्रकार उनकी आस को तोड़ते नजर आए। इसका जीता जागता उदाहरण बीती रात देखने को मिला। जब प्रशाशन द्वारा बनाए गए रैन बसेरो में सुविधाओं के अभाव में बहुत से बेसहारा लोग इस ठिठुरती हुई ठंड में पलवल के रेलवे स्टेशन व फुठ्पाथो पर खुले में जीवन और मृत्यु का संघर्ष कर सोने की कोशिश करते हुए नजर आए। गौरतलब है कि प्रशाशन द्वारा पलवल में जाट धर्मशाला, ब्राह्मण धर्मशाला व पलवल बस स्टैंड पर हरियाणा रोडवेज की बस में रैन बसेरे की व्यवस्था तो कर दी गई। लेकिन इनकी सुध लेने के लिए किसी भी अधिकारी के न पहुंचने की बात जाट धर्मशाला में बने रैन बसेरे में खड़े मैनेजर कृपाराम द्वारा कही गई। वही रात के करीब 9 बजकर 40 मिनट पर ब्राह्मण धर्मशाला में बने रैन बसेरे का ताला तो अंदर से ही लगा पाया गया। जिससे की साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे में कोई भी शरण लेने आया बेसहारा यहाँ से निराश ही होकर लौटेगा। शायद यही वो वजह है। जिसे लेकर लोग रेलवे स्टेशन और फुटपाथों पर अपनी रात बिताने को मजबूर है। हालांकि इस बारे में रेड क्रॉस सोसायटी के सह सचिव बिजेंदर सौरोत ने रैन बसेरे पर ताला लगने की बात को स्वीकारते हुए कहा कि इस तरह की शिकायते उनके संज्ञान में आई है। जिसके लिए उन्होंने उच्च अधिकारियो को इसकी जानकारी दे दी है। सोसायटी द्वारा गर्म बिस्तरों की उपलब्धता न होने के सवाल के जवाब में उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि वह पिछले दिनों छुट्टी पर थे। जिसकी वजह से यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है। पर देखने वाली बात तो यह भी है कि अधिकारियो की इसी उदासीनता के चलते बेसहारा लोग इस सर्दी से अपना बचाव कैसे कर पाएंगे।

बाईट :- पवन कर्मचारी रेड क्रॉस सोसायटी फाइल न. 5

बाईट :- सलमान जूस विक्रेता फाइल न. 7, ( रैन बसेरे पर लगे ताले के बारे में बताते हुए )

बाईट :- हाकिम सिंह मजदुर फाइल - 10

बाईट :- कृपा राम , मैनेजर जाट धर्मशाला फाइल - 11 ( रैन बसेरे में कपडे ना होने की बात कहते हुए )

बाईट :- बिजेन्डर सौरोत , रेड क्रॉस सोसायटी सह सचिव फाइल - 12

वीओ :- वही प्रतिदिन मेहनत मजदूरी करने वाले चरण सिंह ने बताया कि वह झाँसी का रहने वाला है और काफी दिनों से पलवल में मजदूरी का कार्य कर रहा हैं और रात गुजारने के लिए कोई जगह ना होने पर वह पलवल के रेलवे स्टेशन पर बने पुराने टिकट कोंटर के समीप जमीन पर एक शाल के सहारे सो जाता है और उसे इसी तरह रोज ठंड में ही रात गुजारनी पड़ रही है।

बाईट :- चरण सिंह मजदुर फाइल न. 3

वीओ :- वही रेलवे स्टेशन पर बने पुराने टिकट कोंटर के समीप जमीन पर सो रहे बाबा रामदास ने बताया कि वह पिछले दो - तीन दिनों से इस ठिठुरती हुई ठंड में यहाँ जमीन पर सोने को मजबूर है। यहां पर किसी तरह की कोई अलाप की व्यवस्था भी नहीं की गई है। जिससे की बेसहारा लोग इस ठंड में आग का सहारा लेकर इस ठंड से बच सके।

बाईट :- बाबा रामदास फाइल न. 2

नोट :- फाइल - 1 में रेलवे स्टेशन पर सोते हुए बेसहारा लोगो के शॉट्स

फाइल - 4 में रोडवेज बस में बने रैन बसेरे पर सोते हुए लोग

फाइल - 6 में ब्राह्मण धर्मशाला में बने रैन बसेरे पर लगे ताले के शॉट्स

फाइल - 8 में ठिठुरती हुई ठंड में आग का सहारा लेते हुए लोग

फाइल - 9 में जाट धर्मशाला में बने रैन बसेरो में सोते हुए लोगो के शॉट्सConclusion:hr_pal_01_rain_basera_visual_bite_hrc10002
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