पलवल: इस ठिठुरती हुई ठंड में जहां लोग अपने बचाव के लिए कई तरह के साधनों का उपयोग करते हैं तो वहीं बेसहारों को सड़क पर रात काटने को मजबूर होना पड़ रहा है. जिले में गरीब और बेघरों के लिए बनाए गए रैन बसेरे खस्ता हालत में हैं.
ना कोई अधिकारी इनकी सुध ले रहा है और ना ही लोगों को इनके बारे में जानकारी है. किसी धर्मशाला में रजाई नहीं है तो किसी में रात में ताला लटक जाता है. अधिकारियों की अनदेखी के चलते गरीबों को फुटपाथों पर ही रात काटनी पड़ती है.
किसी धर्मशाला में रजाई नहीं तो किसी में जड़ा है ताला
जिला प्रशासन द्वारा पलवल में जाट धर्मशाला, ब्राह्मण धर्मशाला और पलवल बस स्टैंड में रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई अधिकारी नहीं है. जाट धर्मशाला में बने रैन बसेरे में प्रशासन ने ना तो रजाई की व्यवस्था की है और ना ही अलाव की. धर्मशाला के मैनेजर द्वारा लोगों के लिए रजाई और गद्दे की व्यवस्था की जाती है. इसमें ना तो प्रशासन देखरेख करता है और ना ही रेड क्रॉस सोसाइटी.
वहीं ब्राह्मण धर्मशाला में रात के 9.30 पर ही ताला जड़ दिया जाता है. अगर कोई गरीब-बेसहारा रात में अगर कहीं ठहरना चाहे तो उसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उसे रात तो सड़क पर ही काटनी पड़ेगी.
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इस बारे में रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव बिजेंद्र सौरोत ने बताया कि उन्हें भी रैन बसेरे पर ताला लगने की बात नजर में आई है. उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. सोसायटी द्वारा गर्म बिस्तरों की उपलब्धता के बारे में सवाल पूछे जाने पर टालमटोल करते दिखे. उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं पता, वे छुट्टी पर थे.