पलवल: संविधान बचाओ संघर्ष समिति की ओर से दस प्रतिशत असंवैधानिक आरक्षण के विरोध में आगरा चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही जिला लघु सचिवालय तक पद यात्रा निकाली गई.
पलवल संविधान बचाओ संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष और अधिवक्ता बुधराम नेहरा ने बताया कि दस प्रतिशत असंवैधानिक आरक्षण के विरोध में भारत बंद का आहवान किया गया है. इसी के तहत आगरा चौक से जिला लघुसचिवालय तक पद यात्रा निकालकर जिला उपायुक्त के जरिए महामहिम राष्ट्रपति को मांग पत्र सौंपा गया है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान केंद्र सरकार ने आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए दस प्रतिशत आरक्षण देकर भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार को छेद दिया है. संविधान के अनुच्छेद 16(4) में जिस वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, उनको पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के बारे में प्रावधान किया है, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार की ओर से जिनको शिक्षा, नौकरी और राजनीति में अतिरिक्त प्रतिनिधित्व (ओवर रिप्रेझेंटेशन) है उनको ही आरक्षण दिया जा रहा है.
इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार इस केस में एससी, एसटी, ओबीसी को 49.5 प्रतिशित आरक्षण देने के लिए 50 प्रतिशत की सिलिंग लगाई है. अब 50 प्रतिशत की सिलिंग है तो यह वर्तमान केंद्र सरकार दस प्रतिशत आरक्षण कहां से देगी और कैसे देगी यह स्पष्ट नहीं हो रहा है.
इस ज्ञापन के जरिए की गई ये मांगें -
- चर्चा न करते हुए पारित किया हुआ दस प्रतिशत आरक्षण का बिल बिना विलंब रद्द करे.
- एससी, एसटी, ओबीसी को इनकी लोकसंख्या के आधार पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाए.
- ओबीसी पर लगाया गया क्रीमीलेयर हटाया जाए.
- ओबीसी और एनटी, डीएनटी, व्हीजेएनटी की जाति आधारित गिनती की जाए.
- निजी क्षेत्र में आरक्षण का कानून बनाकर, आरक्षण लागू किया जाए.
- आगामी लोकसभा में ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव किया जाए.