पलवल: हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि सभी विपक्षी दल नए संसद भवन उद्घाटन के कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. क्योंकि नए संसद भवन का उद्घाटन करने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति का होता है. जबकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उस अधिकार को दरकिनार करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन कर रहे हैं. उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला बताते हुए इसकी निंदा की है.
नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले इसको लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है. कांग्रेस समेत 19 दलों की ओर से यह ऐलान किया गया है कि वे इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन करने का अधिकार सिर्फ भारत देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का है और उन्हें ही इसका उद्घाटन करना चाहिए था.
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जबकि राष्ट्रपति से इसका उद्घाटन ना कराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसका उद्घाटन 28 मई को करने जा रहे हैं, यह सरासर गलत है. जिसका सभी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. इसी कारण सभी दलों द्वारा इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा. क्योंकि जब नए संसद भवन का उद्घाटन करने की घोषणा की गई थी. उस दौरान कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा भी इसका विरोध किया गया था.
उन्होंने कहा कि संविधान के मुताबिक लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर संसद भवन बनता है. लोकसभा और राज्यसभा के ज्वाइंट सेशन को भी राष्ट्रपति ही संबोधित करते हैं और राष्ट्रपति ही इनका संगठक माने जाते हैं. जब तक राष्ट्रपति के साइन नहीं होते हैं, तब तक कोई भी कानून स्वीकृत नहीं माना जाता है. उदयभान ने कहा कि राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होते हैं.
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भारत की राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला हैं. इससे पहले एक दलित भारत देश का राष्ट्रपति था. उन्होंने आरोप लगाया कि जब नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई थी, तब भी राष्ट्रपति को नहीं पूछा गया था. इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा सरकार दलित और आदिवासी विरोधी है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन का उद्घाटन कराने का फैसला लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला है.