पलवल: जिले में पार्षदों ने नगर परिषद द्वारा शहर की साफ़-सफाई के लिए छोड़े गए नए टेंडर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्षदों ने शहर में साफ सफाई को लेकर बरती जा रही अनियमितता को लेकर भी आरोप लगाए हैं. इन पार्षदों की मांग है कि इन टेंडर को रद्द किया जाए. पार्षदों का कहना है की इस टेंडर में नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा गई है, जिससे घोटालों की बू आ रही है.
भ्रष्टाचार में घिरा पलवल नगर परिषद!
आपको बता दें की पिछले दिनों पलवल के विधायक दीपक मंगला द्वारा कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को झंडी दिखाकर रवाना किया था. वहीं इस मामले की जांच को लेकर नगर आयुक्त मोनिका गुप्ता भी चुप्पी साधकर अपना पल्ला झाड़ रही हैं. पलवल नगर परिषद में पिछले लम्बे समय से घोटालों के आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में सफाई के नाम पर जारी हुआ टेंडर भी अनियमिताओं के चलते विवादों में आ गया है.
पार्षदों ने लगाई टेंडर में नियम की अनदेखी के आरोप
पार्षद पति यशपाल मवई ने बताया कि पलवल विधायक दीपक मंगला नगर परिषद के घोटालों पर पहले से ही चुप्पी साधे हुए हैं. विधायक जी आंख मूंदकर बैठे हैं. हाल ही में उन्होंने जो सफाई की गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना की हैं वो टेंडर प्रक्रिया के नियमों पर खरा नहीं उतरती. सफाई टेंडर के नियमों को ताक पर रखकर टेंडर छोड़ा गया है.
नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां
इन गाड़ियों में ना तो हाइड्रोलिक जैक है और न ही जीपीएस है और टेंडर के नियमों के अनुसार सभी गाड़िया टाटा टिप्पर की होनी चाहिए थी. यहां तक की कुछ गाड़ियों पर तो नंबर प्लेट तक भी नहीं थी. ज्यादातर गाड़ियों की हालत भी कंडम हैं जिनपर पेंट कराकर चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा की शहर में से कूड़ा उठाकर डंपिंग स्टेशन तक ढककर ले जाया जाता है लेकिन पलवल शहर से डंपिंग स्टेशन तक कूड़े को बिना ढके ले जाया जा रहा है.
शहर में जगह-जगह लगे हैं गंदगी के ढेर
लेकिन पलवल नगर परिषद नियमों को ताक पर रखकर टेंडर के नियमों की अनदेखी कऱ रहा है. बिना ढके कूड़े डालने पर प्रति चक्कर 100 रुपये का जुर्माना नगर परिषद द्वारा किया जाना चाहिए. लेकिन अभी तक एक भी पैसे का जुर्माना कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों नहीं लिया गया. शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं. टेंडर के नियमों के अनुसार भी कूड़ा नहीं उठाया जाता है.
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टेंडर रद्द करने की मांग
यहां कूड़ा ना उठाने पर प्रति कॉलोनी 2,500 रुपये ठेकेदार को जुर्माना भी देना होगा, लेकिन यहां तो सबकुछ अंधेरी नगरी चौपट राजा वाली कहावत सही साबित हो रही हैं. जिससे सफाई के नाम पर टेंडर घोटाले की बू आ रही है. पार्षदों ने मांग की है की इस टेंडर को जिला नगर आयुक्त को तत्काल प्रभाव से रद्द करना चाहिए और नए सिरे से टेंडर जारी करना चाहिए ताकि शहर की चरमराई हुई सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके.
नगर आयुक्त ने झाड़ा पल्ला
जिला नगर आयुक्त मोनिका गुप्ता ने ये तो माना की नगरपरिषद में भ्रष्टाचार है, लेकिन टेंडर रद्द करने को लेकर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और कहा की जो कूड़ा उठाने के लिए पुरानी और नियमों की अवमानना करने वाली गाड़ियां सफाई के लिए लायी गयी है उनके खिलाफ जिला पुलिस कप्तान और आरटीओ कार्रवाई करनी चाहिए.