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त्रिपुरा से आया CMO का परिचित कोरोना पॉजिटिव, जानकारी छुपाने का आरोप - पलवल सीएमओ रिश्तेदार कोरोना पॉजिटिव

पलवल नागरिक अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां सीएमओ की पहचान के एक शख्स का 10 दिन तक इलाज किया गया. जिसके बाद वो कोरोना पॉजिटिव मिला है.

cmo relative admitted in palwal civil hospital found corona positive
त्रिपुरा से आया CMO का चहेता मिला कोरोना पॉजिटिव! जानकारी छुपाने का आरोप
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Published : Jun 20, 2020, 3:24 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 3:52 PM IST

पलवल: एक तरफ जहां डॉक्टर्स रात-दिन कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं तो वहीं कुछ डॉक्टर्स ऐसे भी हैं जिनकी लापरवाही की वजह से लोगों को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ रहा है. ऐसी ही एक बहुत बड़ी लापरवाही पलवल के नागरिक अस्पताल में देखने को मिली है. जहां 10 दिन तक मरीज का इलाज करने के बाद जब उसका कोरोना टेस्ट कराया गया तो वो पॉजिटिव मिला.

नागरिक अस्पताल की लापरवाही यहीं नहीं रुकी. मरीज के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उसका इलाज कर रहे डॉक्टर्स और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों का टेस्ट तो कराया गया, लेकिन सैंपल भेजे जाने के बाद भी सभी स्वास्थ्यकर्मियों से काम लिया गया. अब डीसी के संज्ञान में आने के बाद कोरोना मरीज के संपर्क में आए स्वास्थ्य कर्मियों को क्वारंटीन किया गया है.

त्रिपुरा से आया CMO का चहेता मिला कोरोना पॉजिटिव! जानकारी छुपाने का आरोप

दरअसल, सीएमओ ब्रह्मजीत ने त्रिपुरा से आए हुए अपनी पहचान के एक विशेष मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया था. इस मरीज को बिना कोविड 19 टेस्ट कराए भर्ती कर लिया गया. 10 दिन बाद जब उसका टेस्ट कराया गया तो वो कोरोना संक्रमित निकला, तब तक 2 दिन और निकल चुके थे और फिर जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली तो पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया. इसके बाद 14 जून को मरीज के दो और रिश्तेदार, जिनमें उसकी मां और भाई हैं इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई.

सबसे ज्यादा हड़कंप इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों में देखा गया. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इमरजेंसी वार्ड के स्पेशल हॉल को बंद कर गया. वहीं आरोप ये भी लग रहे हैं कि सीएमओ ने अपने आपको बचाने के लिए डाक्टर्स और कर्मचारियों के हाजिरी रजिस्टर को और पॉजिटिव रिपोर्ट को बदला दिया. जिसके बाद अब अस्पताल केडॉक्टर्स और कर्मचारी सरकार से मामले की जांच कराने की मांग कर रहे हैं.

सीएमओ पर लगे आरोप

  • सीएमओ ने अपनी जान पहचान के शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया
  • त्रिपुरा से आए शख्स को दिल्ली और गुरुग्राम के किसी भी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया
  • मरीज को भर्ती करते वक्त सरकार की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया
  • बिना मरीज का कोरोना टेस्ट किए उसे भर्ती किया गया
  • बिना मरीज को आइसोलेशन में रखे उसका इलाज किया गया

ये भी पढ़िए: अनुबंध पर लगे 4400 कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों को नहीं मिलेगा जून का मानदेय

वहीं जब इस बारे में जिला उपायुक्त नरेश नरवाल से बात की तो उन्होंने इस मामले से चुप्पी साध ली और कुछ भी कहने से मना कर दिया. जब इस बारे में डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय शर्मा ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में आया है की त्रिपुरा से आए प्रशांता नाम के मरीज को इमरजेंसी में वार्ड में अनाधिकृत रूप से रखा गया था. जो कोरोना पॉजिटिव निकला है. उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पूरे अस्पताल में डर का माहौल है. मरीज के संपर्क में आए सभी कर्मचारियों का टेस्ट कराया गया है.

पलवल: एक तरफ जहां डॉक्टर्स रात-दिन कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं तो वहीं कुछ डॉक्टर्स ऐसे भी हैं जिनकी लापरवाही की वजह से लोगों को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ रहा है. ऐसी ही एक बहुत बड़ी लापरवाही पलवल के नागरिक अस्पताल में देखने को मिली है. जहां 10 दिन तक मरीज का इलाज करने के बाद जब उसका कोरोना टेस्ट कराया गया तो वो पॉजिटिव मिला.

नागरिक अस्पताल की लापरवाही यहीं नहीं रुकी. मरीज के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उसका इलाज कर रहे डॉक्टर्स और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों का टेस्ट तो कराया गया, लेकिन सैंपल भेजे जाने के बाद भी सभी स्वास्थ्यकर्मियों से काम लिया गया. अब डीसी के संज्ञान में आने के बाद कोरोना मरीज के संपर्क में आए स्वास्थ्य कर्मियों को क्वारंटीन किया गया है.

त्रिपुरा से आया CMO का चहेता मिला कोरोना पॉजिटिव! जानकारी छुपाने का आरोप

दरअसल, सीएमओ ब्रह्मजीत ने त्रिपुरा से आए हुए अपनी पहचान के एक विशेष मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया था. इस मरीज को बिना कोविड 19 टेस्ट कराए भर्ती कर लिया गया. 10 दिन बाद जब उसका टेस्ट कराया गया तो वो कोरोना संक्रमित निकला, तब तक 2 दिन और निकल चुके थे और फिर जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली तो पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया. इसके बाद 14 जून को मरीज के दो और रिश्तेदार, जिनमें उसकी मां और भाई हैं इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई.

सबसे ज्यादा हड़कंप इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों में देखा गया. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इमरजेंसी वार्ड के स्पेशल हॉल को बंद कर गया. वहीं आरोप ये भी लग रहे हैं कि सीएमओ ने अपने आपको बचाने के लिए डाक्टर्स और कर्मचारियों के हाजिरी रजिस्टर को और पॉजिटिव रिपोर्ट को बदला दिया. जिसके बाद अब अस्पताल केडॉक्टर्स और कर्मचारी सरकार से मामले की जांच कराने की मांग कर रहे हैं.

सीएमओ पर लगे आरोप

  • सीएमओ ने अपनी जान पहचान के शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया
  • त्रिपुरा से आए शख्स को दिल्ली और गुरुग्राम के किसी भी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया
  • मरीज को भर्ती करते वक्त सरकार की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया
  • बिना मरीज का कोरोना टेस्ट किए उसे भर्ती किया गया
  • बिना मरीज को आइसोलेशन में रखे उसका इलाज किया गया

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वहीं जब इस बारे में जिला उपायुक्त नरेश नरवाल से बात की तो उन्होंने इस मामले से चुप्पी साध ली और कुछ भी कहने से मना कर दिया. जब इस बारे में डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय शर्मा ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में आया है की त्रिपुरा से आए प्रशांता नाम के मरीज को इमरजेंसी में वार्ड में अनाधिकृत रूप से रखा गया था. जो कोरोना पॉजिटिव निकला है. उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पूरे अस्पताल में डर का माहौल है. मरीज के संपर्क में आए सभी कर्मचारियों का टेस्ट कराया गया है.

Last Updated : Jun 20, 2020, 3:52 PM IST
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