पलवल: बंचारी गांव पीने के पानी की भारी किल्लत बनी हुई है. इसी को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का कहना है कि वो गांव में पैसे से पानी के टैंकर मंगाते हैं और अपनी प्यास बुझा रहे हैं. उनका कहना है कि बार-बार गांव में पानी की किल्लत बन जाती है, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.
इसी को लेकर ग्रामीणों ने बुस्टर पर धरना दिया. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पानी की समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक उनका धरना जारी रहेगा. ग्रामीणों का कहना है कि पब्लिक हेल्थ के कर्मचारी कभी बिजली की मोटर खराब होने की बात कहते हैं, तो कभी बिजली नहीं आने की बात कहते हैं.
खरीदकर पानी पीने के मजबूर लोग
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस बारे में अधिकारियों से कहा लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. पहले भी लगभग डेढ़ महीने तक गांव में पानी की समस्या बनी रही थी. अब लगभग 1 सप्ताह से फिर पानी की समस्या बनी हुई है. गर्मी के तपते मौसम में पशुओं के लिए भी पीने का पानी नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि वो 500 रुपये से 600 रुपये में पानी का टैंकर मंगवाते हैं. तब उनका गुजारा होता है.
शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
ग्रामीणों का आरोप है कि कभी गांव के बूस्टर की मोटर खराब हो जाती है तो कभी ट्यूबवेल की मोटर खराब हो जाती है. आए दिन मोटर खराब होती रहती है, लेकिन कोई उनकी समस्या का समाधान करने के लिए तैयार नहीं है. इसी को लेकर उन्होंने गांव में बने बूस्टर पर धरना दिया है. ग्रामीणों का कहना कि तब तक उनका धरना जारी रहेगा तब तक उनकी पानी की समस्या का समाधान नहीं हो जाता. ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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पब्लिक हेल्थ के एसडीओ राजवीर सिंह से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि बंचारी गांव के लिए ट्यूबैल लगी हुई है. उसकी मोटर खराब हो चुकी है. गांव में बने बुस्टर की भी मोटर खराब है. इनको जल्द ही बनवाया जाएगा. इनके बनने के बाद गांव में पानी छोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि गांव में पानी की समस्या नहीं रहने दी जाएगी.