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पलवल में आशा वर्करों ने शुरू की 2 दिन की हड़ताल

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Published : Aug 7, 2020, 7:06 PM IST

पलवल में आशा वर्करों ने दो दिन की हड़ताल शुरू कर दी है. उनका कहना है कि उनकी कई सेवाओं पर सरकार ने इंसेंटिव देना बंद कर दिया है. साथ ही आशा वर्कर 2018 में हुए समझौते को लागू करवाना चाहती हैं.

Asha workers start 2-day strike in Palwal
Asha workers start 2-day strike in Palwal

पलवल: ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली आशा वर्करों ने 2 दिन के लिए हड़ताल कर दी है. 2 दिन के अंदर आशा वर्करों की मांगों पर विचार नहीं किया तो आगामी 9 अगस्त को प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करते हुए आंदोलन करेंगी.

पलवल में आशा वर्करों ने शुरू की 2 दिन की हड़ताल, देखें वीडियो

स्वास्थ्य विभाग के जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठी आशा वर्करों का कहना है कि सरकार ने उनका आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है. जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है. साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ वर्ष 2018 में एक समझौता हुआ था सरकार ने अभी तक भी लागू नहीं किया है.

'2018 के समझौते को लागू करे सरकार'

आशा वर्कर यूनियन की प्रधान सरोज बाला का कहना है कि बीते वर्ष तक उन्हें डी एन सी, एएनसी, डेथ बर्थ सर्टिफिकेट, हाउसहोल्ड सर्वे, ईसी कपल, बीएच एमसी सर्विस पर 50% इंसेंटिव मिलता था जिसे बंद कर दिया गया है. हमारी मांग है कि सरकार इन 8 सेवाओं पर इंसेंटिव को दोबारा शुरू करे और 2018 में लागू समझौते को तुरंत लागू करे.

गौरतलब है कि आशा वर्करों ने अभी सिर्फ 2 दिन की हड़ताल करने का फैसला लिया है. उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो वो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगी.

ये भी पढ़ें- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में बनाई गई कोविशील्ड का चंडीगढ़ PGI में होगा परीक्षण

पलवल: ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली आशा वर्करों ने 2 दिन के लिए हड़ताल कर दी है. 2 दिन के अंदर आशा वर्करों की मांगों पर विचार नहीं किया तो आगामी 9 अगस्त को प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करते हुए आंदोलन करेंगी.

पलवल में आशा वर्करों ने शुरू की 2 दिन की हड़ताल, देखें वीडियो

स्वास्थ्य विभाग के जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठी आशा वर्करों का कहना है कि सरकार ने उनका आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है. जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है. साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ वर्ष 2018 में एक समझौता हुआ था सरकार ने अभी तक भी लागू नहीं किया है.

'2018 के समझौते को लागू करे सरकार'

आशा वर्कर यूनियन की प्रधान सरोज बाला का कहना है कि बीते वर्ष तक उन्हें डी एन सी, एएनसी, डेथ बर्थ सर्टिफिकेट, हाउसहोल्ड सर्वे, ईसी कपल, बीएच एमसी सर्विस पर 50% इंसेंटिव मिलता था जिसे बंद कर दिया गया है. हमारी मांग है कि सरकार इन 8 सेवाओं पर इंसेंटिव को दोबारा शुरू करे और 2018 में लागू समझौते को तुरंत लागू करे.

गौरतलब है कि आशा वर्करों ने अभी सिर्फ 2 दिन की हड़ताल करने का फैसला लिया है. उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो वो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगी.

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