पलवल: जिले के गांव कुसलीपुर में सरकारी जमीन पर किए गए कब्जे को हटाने के लिए नगर परिषद के अधिकारी एक्शन मोड़ में दिखाई दिए. प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बनाए गए मकानों और दुकानों में तोड़फोड़ की और इस कार्रवाई के दौरान जिन लोगों के आशियाने टूटे उन लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.
दरअसल कुसलीपुर गांव में सैंकड़ों लोगों ने पंचायत की जमीन पर कब्जा किया हुआ था और इस कब्जे को हटाने के लिए नगर परिषद ने कुछ गरीब लोगों द्वारा बनाए गए कच्चे-पक्के मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. वहीं जिनके मकान टुटे हैं वो आंखों में आंसू लिए सरकार से नए आशियाने की गुहार लगा रहें हैं.
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वहीं प्रशासन द्वारा की जा रही तोड़फोड़ की इस कार्रवाई के बीच एक गरीब परिवार ऐसा भी था जिसके घर में रिश्तेदार आए हुए थे, बेटी की सगाई की रस्में चल रही थी और दूसरी तरफ प्रशासन का पीला पंजा घरों में तोड़फोड़ कर रहा था, हालांकि बड़ी मुश्किल से उस परिवार को इतना समय दिया गया कि रिश्तेदार चले जाने तक कार्रवाई रुकी रहेगी. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें बिना कोई नोटिस दिए ही कार्रवाई की गई है.
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नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि इन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके मकान बनाए हुए थे और उन्हें पहले भी कई बार नोटिस दिया गया था लेकिन इन्होंने ये जमीन खाली नहीं की और अब इन पर कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि करीब तीन साल परले ग्राम पंचायत को समाप्त कर गांव को नगर परिषद क्षेत्र में मिला दिया गया था. तब से गांव की पंचायत की तमाम जमीन नगर परिषद की संपत्ति में शामिल हो गई. इसी संपत्ति के ढाई एकड़ रकबे में दो दिन पहले स्थानीय विधायक दीपक मंगला ने पंडित दीनदयाल सामुदायिक भवन और क्रीड़ा पार्क के निर्माण का शिलान्यास किया था.
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इन गरीबों तक प्रशासन का नोटिस पहुंचा था या नहीं ये तो कहना मुश्किल है लेकिन जब प्रशासन द्वारा इनके आशियानों को तोड़ा जा रहा था तब प्रशासनिक अधिकारियों का दिल एक बार भी नहीं पसीजा और एक के बाद एक मकान ढ़हते चले गए और ये गरीब रहम की भीख मांगते रहे.